29 जून 2022
सच्चा आदमी डंके की चोट पर बोलता है। झूठा बात को घुमा-फिरा कर रखता है।। झूठे इंसान पर कोई यकीन नहीं करता है। सच काई के ढके तालाब में छिपा रहता है।। सच की लंबी डोर कोई तोड़ नहीं पाता है। एक दिन