आज हम सभी जीवन के साथ अपने मन भाव में संतान सुख की लालसा रखते हैं जो भी हो परंतु पुत्र या बेटे की कामना हमारे मन में एक जागृति रहती है क्योंकि हम बेटी को तो पराया धन मानते हैं। क्योंकि ऐसा पुराणों में और हमारी भी मान्यता है। जीवन के सच में हम सभी भेदभाव और मनभाव में सच तो यही समझते हैं कि
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