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जिंदगी

2 अक्टूबर 2015

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कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा

फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा

अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला 

गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा...


वर्तिका

वर्तिका

कम शब्दों में, बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति!

3 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

बहुत अच्छे विचार प्रस्तुत किये हैं आपने, इसी तरह लिखते रहिये ! धन्यवाद !

3 अक्टूबर 2015

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