ओम प्रकाश
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कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगाफिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगाअमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा...