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अजनबी

9 दिसम्बर 2021

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था तो वो अजनबी,  लेकिन कब मेरा बन गया ,पता ही नही चला।
कब उस अजनबी ने  इस मासूम से दिल पर कब्जा कर लिया पता ही नही चला ।

था तो वो अजनबी  ,लेकिन कब उसने अनजाने में ही  इस दिल पर कब्जा कर लिया हमे पता ही नही चला ।

लड़ते झगड़ते , रूठते मनाते ,कब हम एक दूसरे की जिंदगी का हिस्सा बन गये पता ही नही चला ।

अब तो हर पल जिंदगी का साथ निभाने की बाते होती है , कुछ बीते हुए पलों की पुरानी यादें साथ होती है , उस  अजनबी  के साथ जिंदगी भर साथ निभाने की बस यही रब से फरियाद होती है ।

कुछ नए लम्हों से जिंदगी सजाने की ख्वाइश सी दिल में कहीं रहती है ।

था तो वो अजनबी लेकिन कब अपना बन गया पता ही नही चला ,कब वो ,अजनबी से हमसफर बन गया पता ही नही चला ।


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