shabd-logo

एक शादी ऐसी भी

1 नवम्बर 2022

15 बार देखा गया 15

अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि शादी तो बर्बादी है । हम इसे मजाक ही समझते थे मगर यह बात एक दिन  हकीकत में तब्दील हो गई । उत्तर प्रदेश के लोग हैं ही इतने शानदार कि वे नित नई मिसालें कायम करते हैं । आगरा को ही ले लो । वहां ताजमहल है तो पागलखाना भी है । शायद इश्क में नाकाम प्रेमियों के लिये "पागलखाने" की व्यवस्था की गई हो ? कामयाबों के लिए तो ताजमहल है ही । क्या पता "खामोशी" फिल्म की नायिका वहीदा रहमान की तरह कोई नर्स अपने प्रेम से किसी पागल के दिल के जख्म भर दे ? पता नहीं क्या सोचा होगा पागलखाना बनानेवाले ने मगर इससे प्रेमियों के लिए "जीवनदान" तो मिला है । 

पर यहां हम बात दूसरी कर रहे हैं । अभी चार पांच दिन पहले की बात है कि आगरा शहर के एतमादपुर मौहल्ले के उस्मान मियां की दो बेटियों जैनब और शाजिया की शादी जावेद और राशिद से होने जा रही थी । बारातघर में बारात ठहरी हुई थी । सब जानते हैं कि बारातियों के ठाठ निराले  होते हैं । तो सभी बाराती मौज मस्ती, हंसी मजाक कर रहे थे । इतने में खाना लग गया । मिठाई बस एक ही थी रसगुल्ला ।  मिठाई में अगर रसगुल्ले हों तो कहना ही क्या ?

पूरी बारात टूट पड़ी रसगुल्लों पर । भगदड़ मच गई । काउंटर वाले ने कहा "भैया, लाइन में लगकर लो" 
बारातियों को अगर कोई ऐसे कह दे तो इससे उसकी तौहीन नहीं हो जायेगी क्या ? आखिर बाराती हैं , कोई ऐरे गैरे नत्थू खैरे थोड़े ही हैं । एक बाराती ने "सटाक" से एक चांटा उसके गाल पर जड़ दिया "साले, तेरी हिम्मत कैसे हुई लाइन में लगने के लिए कहने की" ? 
अब घरातियों का भी स्वाभिमान जाग उठा । अब तक वे लोग इनकी बदतमीजियां सहन कर रहे थे मगर चांटे ने आग में घी का काम कर दिया । वह भी तैश में आ गया और उसने उस बाराती की धुनाई कर दी । 
बस फिर क्या था , दे दनादन शुरू । लात घूंसे चलने लगे । यही इंसान की प्रवृत्ति है । "हाथ पैरों" का सही इस्तेमाल वही करता है । साथ साथ में "गालियों" का उच्चारण मंत्रों की तरह भी करता है और इस तरह लड़ाई रूपी यज्ञ चलता रहता है । 

अब दूल्हे के भतीजे सनी को "ताव" आता है । चूंकि वह 20 साल का है इसलिए "गर्मी" कुछ ज्यादा ही है उसमें । उसने अपनी "जवानी" का भरपूर प्रदर्शन किया और न जाने कितनों को भू लुंठित कर दिया । एक घराती आरिफ को भी ताव आ गया । उसे लगा कि अगर उसके पास तलवार होती तो वह इस उद्दंड को अभी मजा चखा देता । मगर ये तो शादी का "बारातघर" था कोई युद्ध का मैदान नहीं तो इसमें तलवार कहां से आती ? 

पर हिम्मत वाले कब हार मानते हैं । उसने रसगुल्ले सर्व करने का बड़ा चम्मच उठाया और उसे चाकू समझ दूल्हे के भतीजे सनी की छाती में घोंप दिया । बस, तीर निशाने पर जा लगा और सनी वहीं धराशाई हो गया । भगदड़ मच गई । जिसको जिधर जगह मिली , वह उधर ही भाग गया । 

जैसे ही दुल्हनों को इस घटना की खबर मिली , उन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया । दूल्हे भी अपने भतीजे की मौत से दुखी थे इसलिए उन्होंने भी शादी में कोई रुचि नहीं दिखाई और थाने में शिकायत कर दी । पुलिस ने नौ लोगों को हिरासत में ले लिया है । वैसे तो शादी की वीडियो घरवाले एकसाथ बैठकर देखते हैं पर इस शादी का वीडियो पुलिस देख रही है और शादी की मुबारकबाद देते हुए लोगों को पकड़ पकड़ कर "अंदर" कर रही है । कहो कैसी रही शादी ? 

श्री हरि 
1.11.22 


15
रचनाएँ
गुलदस्ता
0.0
राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और अन्यविषयों से संबंधित हास्य व्यंग्य की रचनाओं का एक संकलन ।
1

बलि का बकरा

30 सितम्बर 2022
0
0
0

दरबार हताश, निराश, शोकमग्न, भयभीत, सहमा हुआ और चिंतित था । लोगों ने दरबार को इस तरह से हैरान, परेशान कभी देखा नहीं था । दरबार की तो छवि ही ऐसी गढी गई थी कि वह सूर्य से भी अधिक तेजस्वी , चांद से भी अधि

2

रावण है कि मरता ही नहीं

5 अक्टूबर 2022
0
0
0

बड़ा बेशर्म है । मरता ही नहीं कभी । कितनी भी कोशिशें कर लो , हरदम मुंह बांयें खड़ा नजर आता है । निर्लज्ज कहीं का ! किसी का भी लिहाज नहीं है तुझे ? अरे हां, याद आया । अगर लिहाज ही होता तो तू इस तरह चोर

3

हाउसवाइफ

8 अक्टूबर 2022
1
1
0

आज "छमिया भाभी" बड़ी खुश नजर आ रही थीं । खुश हों भी क्यों नहीं आखिर चार महीने हिल स्टेशनों पर मौज मस्ती करके आयीं थीं । उनके अंग अंग से आनंद की मंदाकिन बह रही थी । इतना प्रसन्न कभी देखा नहीं था पहले उ

4

यूरेका यूरेका

8 अक्टूबर 2022
0
0
0

"यूरेका यूरेका" चिल्लाते हुये खैराती लाल जी दौड़े चले जा रहे थे । उनकी खुशी देखते ही बनती थी जैसे उन्हें स्वर्ग का राज्य मिल गया हो । उनके पीछे पीछे चरण चंपू जी, चाटुकार मल जी, जड़खरीद सिंह, गुलाम खान

5

यूरेका यूरेका

8 अक्टूबर 2022
0
0
0

"यूरेका यूरेका" चिल्लाते हुये खैराती लाल जी दौड़े चले जा रहे थे । उनकी खुशी देखते ही बनती थी जैसे उन्हें स्वर्ग का राज्य मिल गया हो । उनके पीछे पीछे चरण चंपू जी, चाटुकार मल जी, जड़खरीद सिंह, गुलाम खान

6

यूरेका यूरेका

8 अक्टूबर 2022
0
0
0

"यूरेका यूरेका" चिल्लाते हुये खैराती लाल जी दौड़े चले जा रहे थे । उनकी खुशी देखते ही बनती थी जैसे उन्हें स्वर्ग का राज्य मिल गया हो । उनके पीछे पीछे चरण चंपू जी, चाटुकार मल जी, जड़खरीद सिंह, गुलाम खान

7

क्या पुरुष को पिता बनने का अअधिकार नहीं है

9 अक्टूबर 2022
0
0
0

अभी कुछ दिन पूर्व माननीय उच्चतम न्यायालय के भावी मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया है जिसमें महिलाओं को पूर्ण अधिकार दे दिया गया है कि वे चाहें तो कभी भी गर्भपात करव

8

आम का पेड़

11 अक्टूबर 2022
2
1
0

पार्क के बीचोंबीच खड़ा आम का पेड़ मुस्कुरा रहा था । शायद वह समझ रहा था कि उसने यहां उग कर पार्क पर बहुत बड़ा अहसान कर दिया है । वैसे उसका ऐसा सोचना गलत भी नहीं है । आम फलों का राजा है और उसका राज खानद

9

खेल खिलाड़ी का

16 अक्टूबर 2022
0
0
0

गुजरात विजय में अलाउद्दीन खिलजी को बहुत सारा माल हाथ लगा था । गुजरात प्राचीन काल से ही समृद्ध राज्य रहा है । इसीलिए यहां बहुतायत में सोना, चांदी, हीरे, मोती वगैरह के कोठे भरे पड़े थे । अलाउद्दीन की से

10

एक कुंवारा

16 अक्टूबर 2022
1
0
0

एक गाना सुना था कभी एक कुंवारा फिर गया मारा फंस गया देखो ये बेचारा इस गाने से याद आया कि आदमी जब तक कुंवारा है समझो कि वह स्वर्ग में है और सबका दुलारा है । कुंवारे आदमी को स्वर

11

एक शादी ऐसी भी

1 नवम्बर 2022
0
0
0

अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि शादी तो बर्बादी है । हम इसे मजाक ही समझते थे मगर यह बात एक दिन हकीकत में तब्दील हो गई । उत्तर प्रदेश के लोग हैं ही इतने शानदार कि वे नित नई मिसालें कायम करत

12

एक शादी ऐसी भी

1 नवम्बर 2022
0
0
0

अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि शादी तो बर्बादी है । हम इसे मजाक ही समझते थे मगर यह बात एक दिन हकीकत में तब्दील हो गई । उत्तर प्रदेश के लोग हैं ही इतने शानदार कि वे नित नई मिसालें कायम करत

13

आखिरी मुहब्बत

2 नवम्बर 2022
0
0
0

क्या गजब करती हो प्रतिलिपि जी ! सबकी पोल खुलवा रही हो यहां पर । लोग कहते हैं कि इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुपते, मगर यहां तो हर कोई अपने दिल में न जाने कितने "ताजमहल" बसाये घूम रहा है । जब पहली मुहब्बत

14

मेरा भारत महान

3 नवम्बर 2022
0
0
0

बचपन से हम देखते आये थे कि जगह जगह पर "मेरा भारत महान" लिखा रहता था । क्या बस और क्या ट्रेन , जहां देखो वहीं पर यह वाक्य लिखा रहता था । तब हम समझ नहीं पाये थे कि इसका मतलब क्या होता है ? आज कुछ कुछ सम

15

मेरा भारत महान

3 नवम्बर 2022
0
0
0

बचपन से हम देखते आये थे कि जगह जगह पर "मेरा भारत महान" लिखा रहता था । क्या बस और क्या ट्रेन , जहां देखो वहीं पर यह वाक्य लिखा रहता था । तब हम समझ नहीं पाये थे कि इसका मतलब क्या होता है ? आज कुछ कुछ सम

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए