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एक शादी ऐसी भी

1 नवम्बर 2022

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अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि शादी तो बर्बादी है । हम इसे मजाक ही समझते थे मगर यह बात एक दिन  हकीकत में तब्दील हो गई । उत्तर प्रदेश के लोग हैं ही इतने शानदार कि वे नित नई मिसालें कायम करते हैं । आगरा को ही ले लो । वहां ताजमहल है तो पागलखाना भी है । शायद इश्क में नाकाम प्रेमियों के लिये "पागलखाने" की व्यवस्था की गई हो ? कामयाबों के लिए तो ताजमहल है ही । क्या पता "खामोशी" फिल्म की नायिका वहीदा रहमान की तरह कोई नर्स अपने प्रेम से किसी पागल के दिल के जख्म भर दे ? पता नहीं क्या सोचा होगा पागलखाना बनानेवाले ने मगर इससे प्रेमियों के लिए "जीवनदान" तो मिला है । 

पर यहां हम बात दूसरी कर रहे हैं । अभी चार पांच दिन पहले की बात है कि आगरा शहर के एतमादपुर मौहल्ले के उस्मान मियां की दो बेटियों जैनब और शाजिया की शादी जावेद और राशिद से होने जा रही थी । बारातघर में बारात ठहरी हुई थी । सब जानते हैं कि बारातियों के ठाठ निराले  होते हैं । तो सभी बाराती मौज मस्ती, हंसी मजाक कर रहे थे । इतने में खाना लग गया । मिठाई बस एक ही थी रसगुल्ला ।  मिठाई में अगर रसगुल्ले हों तो कहना ही क्या ?

पूरी बारात टूट पड़ी रसगुल्लों पर । भगदड़ मच गई । काउंटर वाले ने कहा "भैया, लाइन में लगकर लो" 
बारातियों को अगर कोई ऐसे कह दे तो इससे उसकी तौहीन नहीं हो जायेगी क्या ? आखिर बाराती हैं , कोई ऐरे गैरे नत्थू खैरे थोड़े ही हैं । एक बाराती ने "सटाक" से एक चांटा उसके गाल पर जड़ दिया "साले, तेरी हिम्मत कैसे हुई लाइन में लगने के लिए कहने की" ? 
अब घरातियों का भी स्वाभिमान जाग उठा । अब तक वे लोग इनकी बदतमीजियां सहन कर रहे थे मगर चांटे ने आग में घी का काम कर दिया । वह भी तैश में आ गया और उसने उस बाराती की धुनाई कर दी । 
बस फिर क्या था , दे दनादन शुरू । लात घूंसे चलने लगे । यही इंसान की प्रवृत्ति है । "हाथ पैरों" का सही इस्तेमाल वही करता है । साथ साथ में "गालियों" का उच्चारण मंत्रों की तरह भी करता है और इस तरह लड़ाई रूपी यज्ञ चलता रहता है । 

अब दूल्हे के भतीजे सनी को "ताव" आता है । चूंकि वह 20 साल का है इसलिए "गर्मी" कुछ ज्यादा ही है उसमें । उसने अपनी "जवानी" का भरपूर प्रदर्शन किया और न जाने कितनों को भू लुंठित कर दिया । एक घराती आरिफ को भी ताव आ गया । उसे लगा कि अगर उसके पास तलवार होती तो वह इस उद्दंड को अभी मजा चखा देता । मगर ये तो शादी का "बारातघर" था कोई युद्ध का मैदान नहीं तो इसमें तलवार कहां से आती ? 

पर हिम्मत वाले कब हार मानते हैं । उसने रसगुल्ले सर्व करने का बड़ा चम्मच उठाया और उसे चाकू समझ दूल्हे के भतीजे सनी की छाती में घोंप दिया । बस, तीर निशाने पर जा लगा और सनी वहीं धराशाई हो गया । भगदड़ मच गई । जिसको जिधर जगह मिली , वह उधर ही भाग गया । 

जैसे ही दुल्हनों को इस घटना की खबर मिली , उन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया । दूल्हे भी अपने भतीजे की मौत से दुखी थे इसलिए उन्होंने भी शादी में कोई रुचि नहीं दिखाई और थाने में शिकायत कर दी । पुलिस ने नौ लोगों को हिरासत में ले लिया है । वैसे तो शादी की वीडियो घरवाले एकसाथ बैठकर देखते हैं पर इस शादी का वीडियो पुलिस देख रही है और शादी की मुबारकबाद देते हुए लोगों को पकड़ पकड़ कर "अंदर" कर रही है । कहो कैसी रही शादी ? 

श्री हरि 
1.11.22 


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रचनाएँ
गुलदस्ता
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राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और अन्यविषयों से संबंधित हास्य व्यंग्य की रचनाओं का एक संकलन ।
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