बनवारी लाल एक रईस सेठ है।जिनका सोने चांदी की दुकान है।जिसे उनका बेटा देखता है।बनवारी लाल खुद ब्याज के धंधे में ज्यादा व्यस्त रहते। वे गरीबों व अनपढ लोगों को 5 से 10% मासिक के दर पैसा उधार देते थे।
0.0(0)
12 फ़ॉलोअर्स
144 किताबें
--- प्रायश्चित--- [ कहानी __ प्रथम क़िश्त ]सेठ बनवारी लाल दुर्ग शहर के जाने माने रईस थे । वैसे तो उनकी सोने चांदी की दुकान थी पर उनका मुख़्य काम ब्याज पर पैसा देना था। वे अधिकतर गरीब और अनपढ लोगों को 5
--- प्रायश्चित---[ दूसरी क़िश्त ] बनवारीलाल ने पार्वती को अपने घर ले जाकर घर के आंगन में बंधवा दिया ।वहां जाकर पार्वती बहुत ही उदास रहने लगी । हालाकि शुरू के 2 दिन उसने दूध तो वैसे ही दिया जैसे वह
प्रायश्चित कहानी [ तीसरी क़िश्त ]16 वें दिन बनवारी लाल राजस्थान से वापस आए। दोपहए 3 बजे वे घर पहुंचे साथ में उन्होंने अपने साथ ज़हर का पुड़िया भी लाए थे । स्नान करके तैयार होते होते 4 ब