"आसानहै एक मर्द की तलाश जो तुम्हें प्यार करे,बस, तुमईमानदार रहो कि एक औरत के रूप में तुम चाहती क्या हो ।उसे सब सौंपदो,वह सब जोतुम्हें औरत बनाती है ।बड़े बालोंकी ख़ुशबू,स्तनों केबीच की कस्तूरी,और तुम्हारीवो सब स्त्री भूख ।" कमला दास ने जब ये कविता लिखी थी तो उन्होंन