ये ख्वाहिशेंपा लेना चाहती थी जिसेसमेट लेना चाहती थी दुनिया कोअपने आँचल मेंपर क्या पूरी हो पाई ख्वाहिश?शायद नहीं...क्योकिं ख्वाहिश कोई आम चीज़ नही है जो आसानी से मिल जाए।ख्वाहिश वो है जोहर किसी से
मैने दिल से कहामैने दिल से कहा वो जो ना कहना था मुझेमैने चाहा उसे जिसने ना चाहा कभी मुझे।करती रही इंतज़ार उसका पर ना आया वो,मिला ना चैन ना ही आराम कहीं भी मुझे।क्यों क्हूँ ऐसा कि किस्मत अपनी खराब है,बी
एक दिन मैं ऐसे ही बैठा था कि एक ख्याल आया,आखिर ये दिल भी क्या चीज है।क्यों ना इस पर रिसर्च किया जाए।वैसे मैं आपको बता दूं मेरे ऐसे फालतू विषयों पर कई रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।जैसे ही मैंने फालतू विषय बोला ,सारे दिल वाले नाराज हो