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ख्यालात

Devilal

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ख्याल जब मन में हलचल मचाए कहने से बेहतर क्यों न उन्हें लिखा जाए 

khyalat

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बहुत बढ़िया देवीलाल जी । क्या खूब लिखा ।सच मे लोगों को अगर सच्चाई का आइना दिखाया जाए तो उन्हें इतनी मिर्ची क्यों लगती है ।ये बात हमे आज तक समझ नही आई।

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