आइना सच का जो
किसी को दिखाया
बड़ा शोर उसने मचाया
सच से मुंह फेरा
यारों हमें ही उसने घेरा
खुद करे छल और फरेब
ढिंढोरा पीटे और जमाए रौब
क्या करे कलयुग है भाई
सुनी जाए ना सच्चाई
दिखावे के सीधे मन के ये होते खाली
छल खुद करे दूसरों को कहे जाली
अपने सा उनको हर कोई लगता
चोर की दाढ़ी में ही मिलता तिनका
गलती हमारी जो दिखाने चले सच के आईने
छलिया कहा समझे सच मायने