बेशक बिक जाती होगी आत्माए लोगो की
आपकी फेंकी हुई कौड़ियो पर ।
जाओ खरीद कर दिखाओ किसी का मन कभी खुद को बेचकर भी ।
5 नवम्बर 2015
बेशक बिक जाती होगी आत्माए लोगो की
आपकी फेंकी हुई कौड़ियो पर ।
जाओ खरीद कर दिखाओ किसी का मन कभी खुद को बेचकर भी ।
57 फ़ॉलोअर्स
पेशे से वेब डिज़ाइनर हूँ | शब्दानगरी संगठन सदस्य | कला प्रेमी एवं हिंदी प्रेमी |
Dक्या बात है शालिनी...उम्दा बात
5 नवम्बर 2015
बहुत सुन्दर !
5 नवम्बर 2015