आज वो कितना सोचती होगी
पल पल मुझे ही कोसती होगी
पागलो सा हाल होगा तन्हाई में
अकेले में खुद को नोचती होगी
जिंदगी के, सफर के हमसफर थे
आज तन्हा सफ़र में दौड़ती होगी
कभी यादों का खजाना था मेरा
आज ख्यालातों में भी खोजती होगी
कभी दूरिया दुस्वारीया बीच मे हमारे
अब पास आने से खुद को रोकती होगी
"कुमार"