4 अगस्त 2022
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जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
बहुत ही शानदार लेखन , अतुलनीय किसी की सलाहियत पर मैं यहां आया था और पुस्तक खोलने के बाद एक एक करके सारे भागों को पढ़ता चला गया । पौराणिक कथाओं का जो तादात्म्य आपने वर्तमान से स्थापित किया है वो अतुलनीय है । मुझे किसी सुपरहिट दक्षिण भारत के फ़िल्म से ज्यादा रोमांच और आध्यत्मिक सरोकार यहां मिला । आपके पूरे अध्ययन , मनोयोग और श्रम को नमन और कर्कोटक के क्रोध के बाद अगली ऐसी रचना की प्रतीक्षा रहेगी । 💐💐
22 सितम्बर 2022