shabd-logo

कर्कोटक का क्रोध (भाग-39)

4 अगस्त 2022

13 बार देखा गया 13
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
50
रचनाएँ
कर्कोटक का क्रोध
4.8
कर्कोटक के क्रोध में नागवंश को दर्शाया गया है। कर्कोटक पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है, जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था.... हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक नागों का एक राजा था, हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक नागों का एक राजा था.........
1

कर्कोटक का क्रोध (भाग-1)

4 अगस्त 2022
210
139
12

तेज चलती हवाएं और मधुर सुगंधित फूलों की महक जैसे संपूर्ण वातावरण को किसी विशिष्ट नशे में डुबोते जा रहा था। वही आकाश और चांदनी मणिपुर के जंगलों में अपनी धमाचौकड़ी मचा रहे थे। अभी-अभी कुछ दिन पहले ही उन

2

कर्कोटक का क्रोध (भाग-2)

4 अगस्त 2022
67
52
5

आकाश के घर की फोन की घंटी बजते ही की दादाजी के कान फोन की ऒर लगे रहे ,उन्हें ना जाने ऐसा लग रहा था अविनाश (आकाश के मौसाजी) का ही फोन होगा। अगले ही पल सुमन (आकाश की मां) ने उन्हें आवाज देकर आश्चर्य से

3

कर्कोटक का क्रोध (भाग-3)

4 अगस्त 2022
53
48
3

लक्ष्मी देवी अचानक किसी नाग के इस प्रकार आना और घुर कर देखना और उससे बड़ी हैरानी की बात उनके गाड़ी के दो चक्कर लगाकर यूं अचानक उड़ते हुए चले जाना, यह सब देखकर आश्चर्य चकित थी। &nbsp

4

कर्कोटक का क्रोध (भाग-4)

4 अगस्त 2022
49
41
1

अविनाश एक अत्यंत सरल सहज और शांत मन वाले व्यक्तित्व का स्वामी था। वह अक्सर अपने आप में खोए रहते, पुराणों को पढ़ते रहना, दुर्लभ भाषा शैली का अध्ययन, चित्रों में छुपे रहस्य को ढूंढना और नाग देवता की सेवा

5

कर्कोटक का क्रोध (भाग-5)

4 अगस्त 2022
51
43
1

अविनाश एक अत्यंत सरल सहज और शांत मन वाले व्यक्तित्व का स्वामी था। वह अक्सर अपने आप में खोए रहते, पुराणों को पढ़ते रहना, दुर्लभ भाषा शैली का अध्ययन, चित्रों में छुपे रहस्य को ढूंढना और नाग देवता की सेवा

6

कर्कोटक का क्रोध (भाग-6)

4 अगस्त 2022
46
39
1

अविनाश अपने ख्यालों में खोए हुए थे कि तभी लक्ष्मी देवी ने अचानक..... अच्छा यह बताओ कहते हुए जैसे उन्हें गहरी नींद से जगा दिया हो। चौकते हुए अविनाश हां.... क्या बोले कहते हुए जैसे अविनाश की खोई ह

7

कर्कोटक का क्रोध (भाग-7)

4 अगस्त 2022
37
33
1

आकाश और चांदनी को मणिपुर का मौसम बड़ा ही भा रहा था। यहां की खूबसूरती झरने, संगीत और यहां के भले लोग जो उन्हें हर पल नई नई जगहों के बारे में बताते और उनका विवरण विस्तार पूर्वक समझाते जा रहे थे। पिछले 3

8

कर्कोटक का क्रोध (भाग-8)

4 अगस्त 2022
36
32
0

चांदनी अपनी सोच में डूबी हुई थी और खुशबू निरंतर परत दर परत नई-नई रहस्यमई कहानियां सुनाती रही। आकाश के लिए यह मान पाना असंभव था कि वाकई कुछ ऐसा भी हो सकता है, लेकिन वह विवश था इन सब बातों को मानने के ल

9

कर्कोटक का क्रोध (भाग-9)

4 अगस्त 2022
39
34
0

मंदिर से वापसी के समय लक्ष्मी अपने शांत स्वभाव में जो कि अस्वाभाविक था, शांतिपूर्वक अविनाश के साथ मंदिर से लौटने लगी, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था मानो कि जैसे उसके मन की मुराद पूरी हो गई हो। उसने आज पहली

10

कर्कोटक का क्रोध (भाग-10)

4 अगस्त 2022
32
29
0

अविनाश जी के कमरे की हलचल उनका बार-बार उठकर लक्ष्मी की कक्ष की ओर जाना, फिर आधे रास्ते से ही पुनः वापस लौट कर आ जाना। सुनंदा ताई के प्रश्न... आज सुबह से होती रही रहस्यमई घटनाएं, इन सभी ने मिलकर

11

कर्कोटक का क्रोध (भाग-11)

4 अगस्त 2022
13
12
1

अविनाश एक नवयुवक प्रकृति के तरह उल्लासित और नए सृजन की क्षमता रखने वाला एक तेजोमयी युवकों में से थे, जब उन्होंने पहली बार किसी यक्षिणी को अप्सरा के रूप में अत्यंत सौंदर्य के साथ देखा तो उन्हें अपनी आं

12

कर्कोटक का क्रोध (भाग-12)

4 अगस्त 2022
12
11
1

खुशबू की रहस्यमई बातें और अविनाश की स्वीकृति ना जाने क्यों चांदनी के स्त्री मन को अच्छी न लगी हो, और उसने चिढ़ते हुए खुशबू को कहा, चलो ठीक है, मैंने मान लिया कि खुशबू यहां के बारे में इतना जानती है लेक

13

कर्कोटक का क्रोध (भाग-13)

4 अगस्त 2022
15
14
0

मंदिर में प्रवेश करते ही आकाश को एक ब्रह्म कमल नुमा आकृति और उसके आसपास फव्वारे से गिरता हुआ जल जो ब्रह्म कमल के ठीक बीचो बीच जाकर ठहर जाता है, और ऐसा जान पड़ता है जैसे वह जल कमल के मध्य से निक

14

कर्कोटक का क्रोध (भाग-14)

4 अगस्त 2022
9
9
0

खुशबू के समझाइश को अनसुना करते हुए वे दोनों स्तंभों के बीच से प्रथम द्वार के सम्मुख पहुंचे, देखा तो वह वह द्वार बंद था, जिसे चांदनी ने बड़े गौर से देख कर आकाश से इशारों में ही बात की और दोनों ने एक दू

15

कर्कोटक का क्रोध (भाग-15)

4 अगस्त 2022
23
23
0

नाग कन्याओं का आशीर्वाद पाकर जैसे ही दूसरा दरवाजा खुला तब आकाश और चांदनी जो अब तक यह जान चुके थे, यह संपूर्ण मंदिर रहस्य की खान है और इसलिए वे अपने मन विवेक और वाणी को बड़ी सजगता से बिना किसी अहं

16

कर्कोटक का क्रोध (भाग-16)

4 अगस्त 2022
38
37
0

महात्मा बर्बरीक के आशीर्वाद से सब कुछ संभव है जिसे स्वयं श्री कृष्ण ने आशीष दिया हो भला उनका आशीष कैसे विफल जाता..... तीसरा दरवाजा खुला ही था की तेज फुंकार ने चांदनी और आकाश के रोंगटे खड़े कर दिए, दोनो

17

कर्कोटक का क्रोध (भाग-17)

4 अगस्त 2022
46
46
0

चौथा दरवाजा खुलते ही चांदनी और आकाश ने देखा की आगे विशाल समुद्र सा है और बीच में एक ब्रह्मकमल जैसा जो कि उन्होंने आते समय देखा था, ठीक वैसे ही चारो ओर से पानी के फव्वारे जो बिलकुल बीच में ऐ

18

कर्कोटक का क्रोध (भाग-18)

4 अगस्त 2022
22
15
0

आकाश पूरी तन्मयता से सजग होकर उस देवी स्वरूपेण स्त्री जिसका परिचय तक वह नहीं जानता था। उसके प्रश्नों का उत्तर देने में विवश था, तो वही चांदनी अपने आप को अत्यंत सौभाग्यवान अनुभव कर रही थी। उसे ल

19

कर्कोटक का क्रोध (भाग-19)

4 अगस्त 2022
31
30
0

आकाश अंतिम सवाल को सजगता से सुन रहा था, क्योंकि वह जानता था की ये आखरी सवाल ही अगले ताले की चाबी हो सकती है.. वही चांदनी सभी प्रश्न सुन हैरान हो रही थी और मन ही मन प्रार्थना कर रही थी की उससे कु

20

कर्कोटक का क्रोध (भाग-20)

4 अगस्त 2022
36
37
0

<div align="left"><p dir="ltr">सर्द चलती हवाएं सुहाना मौसम और चांदनी का बदला हुआ मिजाज मिलकर एक अलग ही वातावरण तैयार कर रहा था, चांदनी जैसे अपने मायके में हो बिल्कुल नीडर, बेपरवाह और और अत्यंत विश्वास

21

कर्कोटक का क्रोध (भाग-21)

4 अगस्त 2022
6
5
0

सुनंदा ताई इतनी तेज़ रौशनी को देख समझ गयी की इतनी काली रात में नीली आभा के साथ चमकने वाला कोई साधारण प्रकाश नहीं हो सकता, वह चांदनी को पलटकर देखना चाहती तो थी, लेकिन भय था की अगर वह ऐसे ही नागमणि

22

कर्कोटक का क्रोध (भाग-22)

4 अगस्त 2022
5
6
0

अविनाश जी को इस रहस्यमयी मंदिर में आये हुए जाने कितने बरस हुए, या यूँ कहे उन्हें अपनी सेवा का अवसर प्रदान कर जब स्वयं नागराज ने बुलावा देकर उन्हें यहाँ बुलवाया और वो भी सदा प्रसन्नचित होकर अपना

23

कर्कोटक का क्रोध (भाग-23)

4 अगस्त 2022
5
5
0

आज कई वर्षों बाद वह अनंत शेष का मंदिर अपने पूर्ण परिचय से संपूर्ण नाग परिवार के दर्शन, नागमणियों से निर्मित शिवलिंग का पूजन जो कि स्वयं आकाशगंगा के द्वारा अभिषेक से सुसज्जित और भी सौभाग्यमान हो जाता ह

24

कर्कोटक का क्रोध (भाग-24)

4 अगस्त 2022
4
5
0

अविनाश जी ने आजतक कभी भी प्रकृति को सामान्य नहीं समझा और खासकर जब बात भारत भूमि की हो तब तो क्या कहना, यह तो खुद ही अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं हैं, यहां न जाने कितने ऋषि-मुनियों का वास है और क

25

कर्कोटक का क्रोध (भाग-25)

4 अगस्त 2022
29
30
0

अविनाश जी, उस रहस्यमई स्थान पर अपने आप को बड़ा हल्का और साधारण से मानव की तरह महसूस कर रहे थे, &n

26

कर्कोटक का क्रोध (भाग-26)

4 अगस्त 2022
5
5
0

अविनाश जी ने अब तक का जीवन सामान्यतः भक्तियों में बिताया था, जिसके लिए किसी भी प्रकार की शक्ति या परीक्षा की आवश्यकता नहीं रही, और इसी कारण उनका स्वभाव अत्यंत सरल और सौम्य प्रवृति का हो गय

27

कर्कोटक का क्रोध (भाग-27)

4 अगस्त 2022
4
5
0

चांदनी और खुशबू दोनों अब सगी बहनों की तरह पक्की सहेली बन चुकी थी। चांदनी को खुशबू का आभामंडल आकर्षित करता था तो वहीं खुशबू नागमणि के मोटपास में बंधी हुई थी।

28

कर्कोटक का क्रोध (भाग-28)

4 अगस्त 2022
11
9
0

चांदनी के लिए ऐसी रहस्यमई जगहों का देखना बिल्कुल नया सा था। उसके लिए यह कोई ख्वाब की स्थिति से कम नहीं था, क्योंकि ठीक सपनों की ही तरह कोई भी रहस्य प्रकट होता और अचानक गायब हो जाता...... &

29

कर्कोटक का क्रोध (भाग-29)

4 अगस्त 2022
5
5
0

आकाश अपने स्थान पर खड़े होकर सिर्फ उस मंदिर की संरचना को निहारने में लगा था, तो वहीं चांदनी जैसे कुछ ही समय में उस मंदिर के संपूर्ण रहस्य को जान लेने के लिए उतावली हुए जा रही थी। वह एक स्तंभ को छूने प

30

कर्कोटक का क्रोध (भाग-30)

4 अगस्त 2022
37
37
0

संध्या के समय दादाजी छत पर टहलते हुए किसी विशेष विषय पर अविनाश जी से चर्चा करने हेतु उनका इंतजार कर रहे थे, और इसी की व्याकुलता में वह ना जाने कितनी बार छत के चक्कर लगा चुके थे, और जैसे-जैसे साँझ ढलती

31

कर्कोटक का क्रोध (भाग-31)

4 अगस्त 2022
3
4
0

नाग परिवार के मंदिर से लौटकर आना ना तो खुशबू चाहती थी और ना ही चांदनी, दोनों ही कहीं ना कहीं आकाश को मनाने और किसी एक शक्ति के प्रत्यक्ष स्वरूप को देखना और अनुभव करना चाहती थी, &nbs

32

कर्कोटक का क्रोध (भाग-32)

4 अगस्त 2022
2
3
0

आकाश सोच में डूबा सा लगा तो ऋषिवर ने पुनः उसे चेताते हुए कहा, आकाश देर ना करो, तुम तो पढ़े लिखे हो, अच्छे से जानते हो प्राणों की कीमत और समय का महत्व भी, &nbs

33

कर्कोटक का क्रोध (भाग-33)

4 अगस्त 2022
2
3
0

अविनाश जी अत्यंत चिंतित अवस्था में इधर-उधर टहलते जा रहे थे, लेकिन किसी से कुछ नहीं कह रहे थे... हर कोई सिर्फ और सिर्फ उनकी तरफ निहार सकता था, लेकिन कोई उन्ह

34

कर्कोटक का क्रोध (भाग-34)

4 अगस्त 2022
2
3
0

अविनाश की व्याकुलता देखकर दादाजी ने उन्हें समझाया कि यह तो मात्र माया का एक अंश है... "तुम्हारा जन्म लेना" गुरु परिवार में........ &nb

35

कर्कोटक का क्रोध (भाग-35)

4 अगस्त 2022
2
3
0

अविनाश जी पूरी रात्रि सारा वृत्तांत ऐसे सुन रहे थे, जैसे महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म युद्ध के मैदान में गीता का पाठ सुना रहे हो, कि किसी तरह दादा जी अविनाश जी के हर सवाल का जवा

36

कर्कोटक का क्रोध (भाग-36)

4 अगस्त 2022
2
3
0

अविनाश जी दादा जी को साथ ले मंदिर की ओर चल पड़े और साथ में खुशबू अपने गुप्त ताम्रपत्रों की लड़ियां लिए जैसे प्रकृति के नए रहस्य का श्रृंगार करने के लिए उनके साथ में चली........ &nbsp

37

कर्कोटक का क्रोध (भाग-37)

4 अगस्त 2022
2
2
0

अश्रु कुमार अपने परम मित्र के साथ अपनी जिद पर तलछटी में स्थित इस नाग मंदिर में इतने भयावर वातावरण में आ गए तो गाया था, वह भी सिर्फ इसलिए कहीं ना कहीं उसके मन भी उतनी ही आस्था, विश्वास और पराशक्त

38

कर्कोटक का क्रोध (भाग-38)

4 अगस्त 2022
1
2
0

आचार्य और अश्रु कुमार अब निरंतर नित्य कई नई साधनाओं का अभ्यास करने लगातार चाहे प्रकृति उनके अनुकूल हो या प्रतिकूल दोनों ही एक साथ इस मंदिर में प्रतिदिन आने लगे, &nb

39

कर्कोटक का क्रोध (भाग-39)

4 अगस्त 2022
1
2
0

घने, बीहड़ जंगलों के मध्य इन सब पशुओ की आवाजाही से निर्भय वह मानव पुत्र जाने कहां से साधना की तलाश में भटकते हुए, बाल्यकाल में ही अपने घर को छोड़ इन वनों में भटकते हुए पहुंच गया, &nb

40

कर्कोटक का क्रोध (भाग-40)

4 अगस्त 2022
37
38
0

मंदिर में हुई अचानक इतनी हलचल और अचानक गजराज का उठ खड़े होना, स्पष्ट रूप से बता रहा था कि किसी पराशक्ति का पदार्पण होना है, &nbs

41

कर्कोटक का क्रोध (भाग-41)

4 अगस्त 2022
48
49
0

रात्रि का दूसरा प्रहार समाप्त होते-होते वह अनुरागी अपने शक्तियों को एकाकार कर उस मूर्ति में उतारता चला गया। चंद्रदेव जैसे उसकी मदद क

42

कर्कोटक का क्रोध (भाग-42)

4 अगस्त 2022
16
15
0

रूखो सुंदरी तुम्हें कितनी बार कहा इतनी जल्दी क्रोधित नहीं हुआ करते, तुम सबसे छोटी हो, हमारी नटखट परी और हम सब यह भी जानते हैं कि तुम्हें हममें से किसी का भी अपमान पसंद नहीं है, और शायद इसलिए तुममें उग

43

कर्कोटक का क्रोध (भाग-43)

4 अगस्त 2022
12
5
0

आकाश और चांदनी के लिए अत्यंत आश्चर्य का विषय था कि आज पहली बार क्यों और कैसे अविनाश और दादा जी ने अपने साथ खुशबू को चलने की अनुमति दी और दिन भर की इतनी व्यवस्थाताओं के पश्चात भी आखिर खुशबू को ऐसा क्या

44

कर्कोटक का क्रोध (भाग-44)

4 अगस्त 2022
5
4
0

अब न जाने क्यों आकाश के मन में भी अविनाश जी को देख भक्ति भाव बढ़ते जा रहा था और खुशबु भी कुछ ऐसा ही चाहती थी,

45

कर्कोटक का क्रोध (भाग-45)

4 अगस्त 2022
3
4
0

आज मणिपुर के हर घर में चर्चा का मुख्य विषय बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे बच्चे तक हर कोई सिर्फ और सिर्फ आचार्य और अविनाश जी की तपस्या, त्याग, बलिदान और उनकी आत्माभूत शक्तियां थी, जिससे उन्होंने राजकुल से

46

कर्कोटक का क्रोध (भाग-46)

4 अगस्त 2022
4
3
0

आज की सुबह मणिपुर के लिए जैसे एक नया इतिहास लिखने वाली थी, क्योंकि आज मंदिर में सिर्फ मणिपुर, अपितु आसपास के समस्त प्रांतों से आने वाले भक्तों की भी आवाजाही पड़ चुकी थी। &

47

कर्कोटक का क्रोध (भाग-47)

4 अगस्त 2022
31
32
1

यज्ञ भूमि की इतनी मनमोहक संरचना, चंदन हल्दी की मिश्रित खुशबू,हल्के पानी पड़ने से मिट्टी की सौंधी सौंधी महक आसपास महकने वाली सुगंधित पुष्पों की खुशबू और मध्यम चलने वाली हवाएं सब कुछ मिलकर उस वातावरण को

48

कर्कोटक का क्रोध (भाग-48)

4 अगस्त 2022
21
21
0

बहुत दिन हुए आकाश और चांदनी को मणिपुर आए, लेकिन तब फिर भी उन दोनों की इच्छा उस स्थान को छोड़कर जाने की नहीं थी, इसलिए उन दोनों ने अपनी कंपनी का कार्यालय अब मणिपुर में ही स्थानांतरित कर लिया, और अब अवि

49

कर्कोटक का क्रोध (भाग-49)

4 अगस्त 2022
23
9
0

चांदनी सिंहासन से कुछ दूरी पर खड़ी होकर उसकी रत्न जड़ी बनावट और उससे निकलने वाली मनमोहक किरणों को देखते रही, तभी उसने ग़ौर किया कि सिंहासन के चारो ओर कुछ आधार स्तंभ बने हुए, जिससे टकराकर वे क

50

कर्कोटक का क्रोध (भाग-50)

4 अगस्त 2022
14
10
2

खुशबु हाथ जोड़कर विनम्रता पूर्वक बोली हे महानुभव, मै यह जानती हूं कि आप सर्वशक्तिमान हो और आपको बताने से आप समस्या का हल भी निकाल लेते,लेकिन समय से पूर्व सूचना देकर या आगाह करना गंधर्व जाति के लिए संभ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए