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कुछ रंग प्यार के

Buggu Buggu

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हेलो दोस्तों ....…..प्रतिलिपि पर ये मेरी पहली कहानी है। कोई भी कमी हो या गलती हो तो आप सभी उसे माफ कीजियेगा। Kabir Malik : hero of the story The business tycoon of the Asia.     गोरा रंग, भुरी गहरी आंखे, 6 फीट हाईट, फीट बॉडी 😘 किसी भी हीरो से कम नहीं।कोई देखे तो बस देखता रह जाए। Vishwambhar Malik: Grand father of Kabir Malik Geetanjali Malik: Grand Mother of Kabir Malik Ambeshawar Malik:  Father of Kabir Malik Radha Malik: mother of Kabir Malik Khushi Malik: younger sister Ahaan Malik: younger brother Amaan Malik: elder brother(A famous Heart surgeon) Shagun Malik:wife of Amaan Malik ( A famous Gynecologist ) Jai Singh, Rehan Rajpoot, Aarav Purohit: best friends of Armaan Malik Chahat Rai : Eye Doctor ( रंग गेहुआ, काली बड़ी बड़ी आंखें, कमर तक लंबे घुंघराले बाल, किसी मासूम बच्चे की तरह मुस्कुराहट, परी की तरह खूबसूरत पर थोड़ी गोलू मोलू सी ) Ram Manohar: Govt employe Sangeeta Devi: a school teacher Piya Rai : Chahta' sister Laddu: Chahat' brother Preeti Sharma:  Chahat' Best friend ये हैं मेरी कहानी के मुख्य किरदार ।  संस्कृति आई हॉस्पिटल में एक लड़की मरीज देखने में इतनी व्यस्त की मोबाइल पर आ रही कॉल नहीं देख रही। तभी केबिन में एक लड़की गुस्से में आती है। Dr. Rai आपका फोन कहा हैं??¿ जब कभी फोन उठाना नही होता तो आप रखती ही क्यू है। तभी डॉक्टर रॉय यानी हमारी हीरोइन उस लड़की की बात बीच में काटते हुए कहती हैं। डॉक्टर प्रीति please 2 मिनट वेट कीजिए। I am busy with my patient Preeti घूरते हुए वही खड़ी हो जाती हैं। थोड़ी देर बाद चाहत फ्री हो के प्रीति की तरफ देखती है जो गुस्से में उसे कब से घूर रही थी। चाहत - ओहो मेरी जान क्यू तू इतनी गुस्से में है। Preeti- टाइम देखा है तूने क्या हो रहा है। लंच टाइम हो गया है कबसे तुझे फोन कर रही थी पर तू है की फोन न उठाने की कसम खा रखी है। चाहत - अरे तू मुझे यूंही डटाते ही रहेगी या लंच करने भी चलेगी। या तेरा इरादा है की में तेरी डाट खा के ही अपना पेट भर लूं। वैसे आज तेरे मनपसंद आलू के पराठे है। प्रीति - चल चल अब बातें न बना। तेरा हमेशा का हैं। फिर दोनो कैंटीन में लंच करने चली जाती है। थोड़ी देर बाद लंच कर के अपने काम पर वापस चलें जाते हैं। शाम के 6 बजे दोनो हॉस्पिटल से काम खतम कर के घर के लिए निकल जाती हैं। शहर के दुसरी ओर Malik industry 12 मंजिल की शानदार building के एक काबिन में एक लड़के के सामने 7 लोग सिर झुका के खड़े थे और वो लड़का इन पर चिल्ला रहा होता है- आप लोग से इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई आप सबको सैलरी गॉसिप करने के लिए मिलती है या काम करने की। अब आप लोग बताइए इतनी जल्दी कैसे हम क्लाइंट्स की डिमांड पूरी करेंगे। तभी केबिन में एक और लड़का अंदर आता है। Don't warry Boss सब ठीक हो गया है इन पर चिल्लाना बंद करो। क्लाइंट मान गए हैं और वो लड़का उन लोगों को वहां से जाने का इशारा करता है सभी वहा से जल्दी से निकल जाते हैं। उनके जाते ही कुर्सी पर बैठा लड़का खड़े होते हुए कहता है - जय तू जानता है ना मैं अपने काम में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर सकता। आज उनकी गलती से इतना बड़ा प्रोजेक्ट हाथ से निकल सकता था। हमारी इतने टाइम की मेहनत बर्बाद हो जाती और उससे भी बड़ी बात मैं दादू की कंपनी की रेप्यूटेशन खराब होने नही दे सकता। जय- कबीर यार मैं समझता हूं । अब तू चिंता मत कर मैं हूं ना मैने क्लाइंट से पहले ही बात कर ली है। उन्होंने हमे 2 दिन का वक्त दिया है तब तक हम अपना काम खतम कर सकते हैं। शाम तक माल आ जायेगा और कल शाम तक काम पूरा हो जाएगा construction का। टाइम से पहले सारा काम खतम हो जाएगा। Kabir-- यार अगर तू नही होता तो क्या होगा मेरा थैंक यू यार। जय - चल चल बड़ा आया थैंक यू बोलने वाला फिलहाल घर चले मां का फोन आया था हमे जल्दी बुलाया गया है।    थोड़ी देर बाद दोनो ऑफिस से घर के लिए निकल जाते हैं। जय जब 8 साल का था तो उसके मम्मी पापा की डेथ एक accident में हो जाती है। तबसे जय कबीर के साथ ही रहता है उसी के घर में। कबीर के मां पापा ने उसे अडॉप्ट कर लिया था। और जय कबीर के साथ उसका आफिस संभालता है। और वो कबीर का असिस्टेंट मैनेजर भी है। हर हर महादेव।।।। आप सभी से अनुरोध है कि मैं एक कोशिश कर रही हूं लिखने की क्युकी मुझे बहुत अच्छा लगता है लिखना।इसलिए आप मेरी कहानी को प्यार दे ताकि मैं आगे लिख सकूं।  

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