विकलांग सैनिकों की पेंशन को लेकर यह मुद्दा काफी गरम हो गया है क्योंकि अब विकलांग सैनिकों को मिलने वाले पेंशन पर अब टैक्स लगेगा। इस मामले के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा ट्वीटर पर एक इंटरनल नोट सामने आया है। जिसमें यह साफ लिखा हुआ है कि लिया गया यह फैसला सही है।
आखिर इंटरनल नोट होता क्या
है?
इंटरनल नोट वह होता है जिसमें मंत्री और अधिकारी किसी मुद्दे पर लिखित
तौर पर सुलह मसवरा करते हैं। निर्मला सीतारमण ने इस नोट में कहा है कि,
“कुछ बेईमान कर्मचारियों ने सिस्टम का काफी शोषण किया है
जिन्होंने विकलांग फौजियों को मिलने वाले सरकारी लाभ प्राप्त किए हैं। हाल के
वर्षों में सैन्य बलों के कर्मचारी अपनी कुछ बीमारियों को विकलांगता दिखाकर टैक्स
में छूट लेते देखे जा रहे हैं।”
आखिर क्या है पूरा मामला
जो भी सैनिक अपने कार्यकाल
के दौरान किसी कारणवश विकलांगता का शिकार हो जाते हैं उन्हें भारत सरकार की तरफ से
विकलांग पेंशन मिलता है। लेकिन अब केन्द्र सरकार का कहना है कि इस पेंशन को भी
इनकम के दायरे में लाया जाय जिस पर टैक्स लगेगा। जिस पर विपक्षी दलों ने 27 जून को
संसद में काफी हंगामा किया। इस हंगामें के बाद मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि
रक्षा मंत्री इसका जवाब देने के लिए तैयार हैं और अपने बयान में रक्षामंत्री ने
कहा कि भारतीय सैनिकों को हर तरह से मजबूत बनाना हमारी सरकार की उत्तम प्राथमिकताओं
में से एक है।
गौरतलब है कि इंटरनल नोट में unscrupulous शब्द का प्रयोग हुआ है
जिसका हिन्दी में अर्थ होता है बेशर्म और अनुवाद के तौर पर बेशर्म लोगों ने सिस्टम का काफी शोषण किया है
जिन्होंने विकलांग फौजियों को मिलने वाले सरकारी लाभ प्राप्त किए हैं। यह अनुवाद
निकलकर आता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि
जो कोई इस पेंशन योजना का गलत फायदा उठायेगा तो कड़ी जांच के बाद ठोस कार्रवाई की
जायेगी।