हरिद्वार में कांवड़ियों का बड़ा सैलाब:-
हर साल की तरह इस बार भी श्रावण महिने में भगवान शिव शंकर, महादेव के नाम पर हर-हर महादेव, बोल बम, बम-बम और जय शिव शंकर के जयकारों से पूरे देश में शिव जी की भक्ति का मस्त माहौल बना हुआ है। इस महिने श्रावण में पंचक काल खत्म होने के बाद कांवड़ियों द्वारा जल भरने और शिवालयों की तरफ लौटने का कार्यक्रम तेजी से चालू हो गया है। आने वाले दिनों में भगवान शिव के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती ही जायेगी। भगवान शिव की भक्ति के इस माहौल को ध्यान में रखते हुए पुलिस-प्रशासन को पूरी तरह से चौकन्ना कर दिया गया है। हमारे श्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को सुबह करीब 10 बजे के आस-पास 1.4 करोड़ कांवड़ियों द्वारा हरिद्वार से गंगाजल उठाया गया। वहीं कांवड़ियों की कड़ी सुरक्षा व व्यवस्था के लिए Haridwar administration ने शुक्रवार से राजधानी दिल्ली से देहरादून हाइवे NH 58 को पूरी तरह से बन्द करने की तैयारी कर दी गयी है और मुजफ्फरनगर क्षेत्र की सीमा में भी भारी संख्या में कांवड़िए पहुंचने लगे हैं।
और वहीं सहारनपुर क्षेत्र में कांवड़ियों रास्ते पर पड़ने वाला अंबाला Highway के पास स्थित शाहजहांपुर क्षेत्र के पुलिस चेक पोस्ट से लेकर देहरादून रोड के पास गागलहेड़ी तिराहे पर इन दिनों भगवान शिव की भक्ति का माहौल बना हुआ है। हर जगह कांवड़ियों के लिए शिविर लगाए गये हैं और अपने कांवड़ के साथ गंगाजल लेकर कांवड़िए भगवान शिव के दर्शन की ओर बढ़ रहे हैं।
बहुत ही भीषड़ उमस और गर्मी होने के बावजूद भी कांवड़िए भगवान शिव के दर्शन के लिए तेजी से भारी संख्या में आगे बढ़ रहे हैं, इसका मुख्य कारण यह भी है कि अभी तक तो पंचक काल लगा हुआ था तो दर्शन के लिए जाने वाले कांविड़यों की संख्या कम थी। ऐसा हिंदू धर्म के अनुसार कांवड़ियों का मानना है कि पंचक काल में जल भरना शुभ नहीं होता। दोपहर बुधवार को करीब 4 बजे पंचक काल खत्म हुआ और इसके बाद कांवड़ियों द्वारा गंगाजल भरने का कार्यक्रम तेजी से शुरू हो गया। लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं होगा क्योंकि जैसे- जैसे सावन के दिन कम होंगे वैसे-वैसे कांवड़ियों की संख्या कम होने लगेगी। ऐसा अनुमान इसलिए है कि जिन कांवड़ियों ने पंचक काल के बाद जल भरा है, वो मात्र 2 दिनों में जल लेकर लौटेंगे। वैसे अभी तो इन दिनों कांवड़ियों की बढ़ती संख्या के कारण Police Administration को काफी अलर्ट कर दिया गया है।
जगह-जगह से हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए रवाना हो रहे शिवभक्त:-
जैसा अभी तक देखा जा रहा है कि कांवड़ के मार्ग पर जम्मू-कश्मीर हरियाणा, हिमाचल, पंजाब व राजस्थान जैसे क्षेत्रों की तरफ से कांवड़िए दर्शन के लिए जाते हुए नजर आ रहे थे, लेकिन अब शिवरात्रि की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे शिवभक्त आसपास के जिलों से भी जल लेने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए रवाना होते दिखाई देने लगे हैं। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि पंचक काल भी खत्म हो चुका है जिससे कांवड़ियों की संख्या बहुत बढ़ गयी है। इस प्रकार से अनेक आस पास के क्षेत्रों सी तरफ से बुधवार को बड़ी संख्या में कांवड़िये जल लेने के लिए जाते हुए कांवड़िए नजर आये।
जगमगाते हुए मार्ग पर कांवड़ियों की जमकर हो रही सेवा:-
कांवड़ मार्ग को तरह-तरह की लाइटों से सजा दिया गया है औऱ लगभग हर जगह पर कांवड़ियों के लिए कांवड़ शिविर लगे हुए हैं। शिविर में भक्तों की सेवा करने वाले दिन-रात शिवभक्तों की सेवा कर रहे हैं। कांवड़ियों के लिए पर्याप्त भोजन, नहाने-धोने व सोने के लिए विशेष व्यवस्था का इंजजाम किया गया है। इसके साथ ही शिविरों में लगे हुए DJ SOUNDS पर भगवान शिव के मंत्रमुग्ध कर देने वाले Bhakti Songs चल रहे हैं और पूरा का पूरा भक्तिमय माहौल बना हुआ है।