माँ दुख में सुख का एहसास है, माँ हर पल मेरे आसपास है !
माँ घर की आत्मा् है, माँ साक्षात परमात्मा है !
माँ आरती अजान् है, माँ गीता औ कुरान है !
माँ ठंड में गुनगुनी धूप है, माँ रब का ही एक रुप है !
माँ तपती धूप में साया है, माँ आदिशक्ति महामाया है !
माँ जीवन् में प्रकाश है, माँ निराशा में आस् है !
माँ महीनों में सावन् है, माँ गंगा सी पावन हे !
माँ वृक्षों में पीपल है, माँ फलों में श्रीफल है !
माँ देवियों में गायत्री है, माँ मनुज देह में सावित्री है !
माँ ईश् वंदना् का गायन् है, माँ चलती-फिरती रामायण् है !
माँ रत्नों की माला है, माँ अंधेरों में उजाला है !
माँ बंदन् औ रोली है, माँ रक्षासूत्र की मौली है !
माँ ममता का प्याला है, माँ शीत् में दुशाला है !
माँ गुड़ सी मीठी बोली है, माँ दीवाली औ होली है !
माँ इस जहां में लाई है, माँ की याद हमें अति आई है !
माँ मेरी दुर्गा माई है, माँ ब्रम्हांड के कण-कण में समाई है !
माँ सिर्फ माँ है,इसका कोई पर्याय नहीं !!