मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है )
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो - Sahityapedia
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : प्यार का बंधन
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : मुक्तक (आदत)
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : सपनो में सूरत
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : मेरी कुछ क्षणिकाएँ
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : जय हिंदी जय हिंदुस्तान
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : मुक्तक (जान)
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : तुम्हारी याद आती है
कविता ,आलेख और मैं : शिब और शिबरात्रि (धार्मिक मान्यताएँ )
ग़ज़ल गंगा: ग़ज़ल ( सब कुछ तो ब्यापार हुआ )
गज़ल (ये कैसा परिवार) | जय विजय