अपनी जिंदगी की एक कहानी बचपन मे नानी सिखाती थी , बईमान ,चोर ,लुगेडो से सौ कोश दुर रहना ! न गलत संगत मे रहना हमेशा कर्म के पथ पर चलना, गलत मित्रता से दर ही रहना कर्मभुमि पथ पर चलना ! रिस्तो की डोर बाँध कर रखना दुख मे हमेशा शामिल रहना , सुख की हमेशा अनुभुति करना गरीवो को हमेशा सहायता करना ! किस्मत के चाँद हमेशा देखना कुशल मंगल हमेशा पुछना , दुनिया के नजरो से दुर ही रहना प्रेम पथ पर सदा ही चलना ! प्रेम की बंशी हमेशा बजाना अपनी बाणी से सबको मोहना , माता पिता का आदर करना दुनिया बदले तु न बदलना ! भुल भुलैया मत खेलना बडे को हमेशा आदर करना, भाई बहन केा कद्र करना घर को मंदिर मे तु बदलना ! कवि -क्रान्तिराज बिहारी दिनांक -29-01-2023