shabd-logo

common.aboutWriter

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

वो हर शहर में रोहिंग्या के लिए सड़क पर उतर रहे हैं !

15 सितम्बर 2017
1
0

वो हर शहर में रोहिंग्या के लिए सड़क पर उतर रहे हैं , तुम कितनी बार किसी अपने के लिए आज तक घर से निकले हो ?पकिस्तान बांग्लादेश में मारे जा रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं की तो बात ही बाद में आएगी , तुम तो अपने ही घर से निकाले गए ना तो कश्मीरी पंडित के लिए सड़क पर उतरे ,ना तो केरल से लेकर पश्चिम-बंगाल में हो र

सेक्युलर गिरोह की कुटिलता

10 सितम्बर 2017
1
2

रामचंद्र गुहा जैसे कब पैदा होते हैं ? जब मोटी चमड़ी वाले अनेक निर्लज्ज -बेशर्म और कुटिल-कपटी लोग मरते हैं ! मुझे यकीन है इसमें से एक भी शब्द गाली नहीं है, बल्कि सभी घोर साहित्यिक है ! वैसे इन जैसों को गाली देना गाली का अपमान है !और इन पर कुछ भी लिखना समय की बर्बादी है क्य

बाहुबली २

29 अप्रैल 2017
1
0

गांव का विकास

21 अप्रैल 2017
1
0

पुरातन काल में सफल राजा गावों में कुँए और तालाब खुदवाया करते थे !समय बदल गया मगर विकास का यह पैमाना आज भी नहीं बदला !अगर गावों को सच में समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना है तो हर गांव (

पिंक

23 सितम्बर 2016
0
0

फिल्म " पिंक" देखी ! शानदार ! यह जरूरी नहीं कि हर फिल्म मनोरंजन के लिए बनाई जाए। कुछ ऐसी भी होती हैं जो अपनी बेहतरीन स्क्रिप्ट और जोरदार अभिनय के कारण आपको सोचने के लिए मजबूर कर देती है ! यहां स्क्रिप्ट राइटर अपनी बात रखने और डायरेक्टर उसे प्रस्तुत करने में पूरी तरह सफल र

विश्व युद्ध नीति

18 सितम्बर 2016
0
0

विश्व युद्ध नीति आज जब दुनिया एक ग्लोबल विलेज बन चुकी है तो अपने अपने देश की सीमाओं के आगे जा कर हमें यह भी देखना चाहिए की आखिरकार विश्व को कौन चला रहा है और कैसे ! इसके लिए एक संस्था है संयुक्त राष्ट्र ( United Nations) ! इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के उद्देश्य में उल्

धर्म

10 सितम्बर 2016
0
0

धर्म से बड़ा कोई 'कु' शासक नहीं ! धर्म से बड़ा कोई लोभी व्यापारी नहीं ! धर्म से बड़ा कोई अत्याचारी नहीं ! धर्म से बड़ा कोई षड्यंत्रकारी नहीं ! धर्म से बड़ा कोई अधर्मी नहीं ! आदि आदि ... फिर भी धर्म पूजनीय है फलफूल और फ़ैल रहा है ! क्योंकि धर्म से बढ़ा कोई डर नहीं, नशा नहीं ,

जनमाष्ठमी

25 अगस्त 2016
1
0

कान्हा , आज की रात, तुम मत आना ! क्योंकि अब यहाँ कोई वसुदेव नहीं , हर बाप धृतराष्ट्र है ! हर बेटा पापी दुर्योधन , हर मामा शकुनि , तो हर भाई दुःशासन है ! ना कोई देवकी ना कोई यशोदा, अब तो हर घर पूतना है ! यहाँ कोई द्रोपदी नहीं, जो अपने चीरहरण में, तुम्हे पुकारे !

पुनर्जन्म

22 अगस्त 2016
1
0

ऊर्जा ना तो खत्म होती है ना ही पैदा की जा सकती है, बस उसका रूप-स्वरुप बदल सकता है ! यह मैं नहीं विज्ञान कहता है ! वैज्ञानिक कई उदाहरण के द्वारा इसे प्रमाणित भी करते हैं! मान लेते हैं ! मगर विज्ञान ने तो पिछले कुछ १०० -२०० साल से यह बोलना शरू किया है , हम तो सदियों से कहते आये हैं ! वो कैसे ? यह सव

कश्मीर

21 अगस्त 2016
0
0

उमर अब्दुल्ला साहब आप कश्मीर की समस्या को लेकर राष्ट्रपति से मिल रहे हैं ! अच्छी बात है, मिलना चाहिए ,शांति के लिए हर किसी को कोशिश करनी चाहिए ! मगर आम जनता को भी तो बतलाइये की आप क्या चाहते हैं ! और आप जो चाहते हैं वो आप के दादा , फिर पिता और आप ने स्वयं सत्ता में रहते क

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए