shabd-logo

मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र

23 अक्टूबर 2023

3 बार देखा गया 3

मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र 


इनके नाम-स्मरण से सर्पभय और सर्पविष से मिलती है मुक्ति


प्राचीनकाल में जब सृष्टि में नागों का भय हो गया तो उस समय नागों से रक्षा करने के लिए ब्रह्माजी ने अपने मन से एक देवी का प्राकट्य किया, मन से प्रकट होने के कारण ये ‘मनसा देवी’ के नाम से जानी जाती हैं, देवी मनसा दिव्य योगशक्ति से सम्पन्न होने के कारण कुमारावस्था में ही भगवान शंकर के धाम कैलास पहुंच गईं और वहां गहन तप किया, इससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उन्हें सामवेद का अध्ययन कराया और ‘मृतसंजीवनी विद्या’ प्रदान की इसीलिए देवी मनसा को ‘मृतसंजीवनी’ और ‘ब्रह्मज्ञानयुता’ कहते हैं।


भगवान शंकर ने देवी मनसा को भगवान श्रीकृष्ण के अष्टाक्षर ( 18 अक्षर का ) मन्त्र—‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय नम:’ का भी उपदेश किया साथ ही वैष्णवी दीक्षा दी, भगवान शिव से शिक्षा प्राप्त करने के कारण ये शिव की शिष्या हुईं इसलिए ये ‘शैवी’ कहलाती हैं, इन्होंने भगवान शिव से सिद्धयोग प्राप्त किया था, इसलिए वे ‘सिद्धयोगिनी’ के नाम से भी जानी जाती हैं।


इसके बाद देवी मनसा ने तीन युगों तक पुष्कर में तप करके परमात्मा श्रीकृष्ण का दर्शन प्राप्त किया, उस समय गोपीपति भगवान श्रीकृष्ण ने उनके  वस्त्र और शरीर को जीर्ण देखकर उनका नाम ‘जरत्कारु’ रख दिया, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी पूजा कर उन्हें संसार में पूजित होने का वर प्रदान किया, फिर देवताओं ने भी इनकी पूजा की तब से देवी मनसा की ब्रह्मलोक, स्वर्गलोक, पृथ्वीलोक और नागलोक में पूजा होने लगी और ये ‘विश्वपूजिता’ कहलाईं।


देवी मनसा अत्यन्त गौरवर्ण, सुन्दरी व मनोहारिणी हैं, अत: ये ‘जगद्गौरी’ के नाम से भी पूजी जाती हैं, ये भगवान विष्णु की भक्ति में संलग्न रहती हैं और मन से परमब्रह्म परमात्मा का ध्यान करती हैं इसलिए ‘वैष्णवी’ कहलाती हैं यही कारण है कि इनकी आराधना से भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त हो जाती है।


भगवान श्रीकृष्ण से वर और सिद्धि प्राप्त कर ये कश्यप ऋषि के पास चली आईं, देवी मनसा कश्यप ऋषि की मानसी कन्या हैं । कश्यप ऋषि ने देवी मनसा का विवाह श्रीकृष्ण के अंशरूप महर्षि जरत्कारु के साथ कर दिया।

 महर्षि जरत्कारु की पत्नी होने के कारण इन्हें ‘जरत्कारुप्रिया’ भी कहते हैं। महर्षि जरत्कारु से इन्हें ‘आस्तीक’ नाम का पुत्र हुआ, वे आस्तीक मुनि की माता हैं इसलिए ‘आस्तीकमाता’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। भगवान शंकर ने आस्तीक को ‘मृत्युंजय विद्या’ की दीक्षा दी थी।


देवी मनसा 

〰️〰️〰️〰️

इनके नाम-स्मरण से सर्पभय और सर्पविष से मिलती है मुक्ति

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

श्रृंगी मुनि ने राजा परीक्षित को शाप दिया कि ‘एक सप्ताह के बीतते तक्षक सर्प उन्हें काट लेगा, शाप के अनुसार तक्षक ने राजा परीक्षित को डस भी लिया, पिता की ऐसी मृत्यु देखकर परीक्षित के पुत्र जनमेजय को सर्पों पर बड़ा क्रोध हुआ और उन्होंने नागवंश को समाप्त कर देने के लिए सर्पयज्ञ का अनुष्ठान शुरु कर दिया। ब्राह्मणों की मन्त्र शक्ति के प्रभाव से प्रत्येक आहुति पर सैंकड़ों सर्प यज्ञकुण्ड में खिंचे चले आते और भस्म हो जाते, इससे डरकर तक्षक इन्द्र की शरण में चला गया, तब ब्राह्मणों ने इन्द्र सहित तक्षक की यज्ञ में आहुति देने का विचार किया।


इससे भयभीत होकर इन्द्र देवी मनसा की शरण में जाकर अपनी रक्षा की प्रार्थना करने लगे, तब देवी मनसा में अपने पुत्र आस्तीक मुनि को राजा जनमेजय के पास भेजा आस्तीक मुनि के प्रयत्न से राजा जनमेजय ने सर्पयज्ञ समाप्त करवा दिया। 


इस प्रकार देवी मनसा और आस्तीक मुनि के कारण नागवंश की रक्षा हुई अत: वे ‘नागेश्वरी’ व ‘नागमाता’ के नाम से भी जानी जाती हैं। तभी से नाग देवी मनसा की विशेष पूजा करने लगे और नागराज शेष ने उन्हें अपनी बहिन बना लिया इसलिए इन्हें ‘नागभगिनी’ कहते हैं  नाग ही इनके वाहन और शय्या बन गये। देवी मनसा सर्पविष का हरण करने में समर्थ हैं इसलिए ‘विषहरी’ कहलाती हैं।


देवी मनसा के बारह नाम का स्तोत्र

जरत्कारु जगद्गौरी मनसा सिद्धयोगिनी । 

वैष्णवी नागभगिनी शैवी नागेश्वरी तथा ।। 

जरत्कारुप्रिया आस्तीकमाता, विषहरीति च । 

महाज्ञानयुता चैव सा देवी विश्वपूजिता ।। 

द्वादशैतानि नामानि पूजाकाले तु य: पठेत् । 

तस्य नागभयं नास्ति तस्य वंशोद्भवस्य च ।। 

(ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड ४५।१५-१७)


स्तोत्र पाठ का फल

〰️〰️〰️〰️〰️〰️

जरत्कारु, जगद्गौरी, मनसा, सिद्धयोगिनी, वैष्णवी, नागभगिनी, शैवी, नागेश्वरी, जरत्कारुप्रिया, आस्तीकमाता, विषहरा और महाज्ञानयुता—जो मनुष्य देवी मनसा के इन बारह नामों का पाठ पूजा के समय करता है, उसे तथा उसके वंशजों को नागों/सर्पों का भय नहीं रहता।


जिस भवन, घर या स्थान पर सर्प रहते हों वहां इस स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य सर्पभय से मुक्त हो जाता है।

जो मनुष्य इस स्तोत्र को नित्य पढ़ता है उसे देखकर नाग भाग जाते हैं।


दस लाख पाठ करने से यह स्तोत्र सिद्ध हो जाता है। जिस मनुष्य को यह स्तोत्र सिद्ध हो जाता है उस पर विष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वह नागों को आभूषण बनाकर धारण कर सकता है।


अत्यन्त करुणा और दयामयी देवी मनसा को भक्त बहुत प्रिय हैं। आराधना करने पर वह मनुष्य को सभी प्रकार के अभ्युदय प्रदान कर देती है।


〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️

40
रचनाएँ
शास्त्रों के झरोखों से
0.0
नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय यह पुस्तक एक छोटा सा प्रयास है हमारे शास्त्रों में वर्णित तथा हमारे मनीषियों के द्वारा रचित प्रसंगों को संकलित करने का|अगर किसी को कोई त्रुटि नजर आती है तो सुझाव सादर आमंत्रित हैं|
1

भुमिका

29 अगस्त 2022
2
0
0

नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय   भूतभावन भगवान भोलेनाथ को कोटिशः प्रणाम करते हुए और देवाधिदेव महादेव की कृपा के सहारे मैं हमारे हिंदू वैदिक सनातन धर्म के शास्त्रों में आये हुए प्रसंगों को संकलित करने

2

|| सर्वरोगनाशक श्रीसूर्यस्तवराजस्तोत्रम् ||

29 अगस्त 2022
1
0
0

|| सर्वरोगनाशक श्रीसूर्यस्तवराजस्तोत्रम् ||   मित्रों, इसी स्तोत्र द्वारा सूर्य उपासना करने पर श्रीकृष्ण भगवान के पुत्र साम्ब ने कुष्ठ रोग से मुक्ति पायी थी। नित्य प्रातः सूर्य के सामने इस स्तोत्र क

3

श्रीदुर्गासहस्रनामस्तोत्रम्

29 अगस्त 2022
1
0
0

                          श्रीदुर्गासहस्रनामस्तोत्रम् मित्रों, अघोर चतुर्दशी या वर्ष के चारों नवरात्र पर या होली, दिवाली, दशहरा आदि-आदि शुभ मुहूर्त्त में देवी दुर्गा का आराधन बहुत ही कल्याणकारी हो

4

पूर्णिमा तिथि का महत्व

2 सितम्बर 2022
1
1
1

पूर्णिमा तिथि का आध्यात्म एवं ज्योतिष में महत्त्व 〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️ पूर्णिमा तिथि जिसमें चंद्रमा पूर्णरुप में मौजूद होता है। पूर्णिमा तिथि को सौम्य और बलिष्ठ तिथि कहा जाता है। इस तिथि को

5

तृतीया तिथि का महत्व

2 सितम्बर 2022
0
0
0

तृतीया तिथि का आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्त्व 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार  तृतीया तिथि आरोग्यदायिनी होती है एवं इसे सबला नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्वामिनी मा

6

कुंडली में दोषों को दूर करने के उपाय

6 सितम्बर 2022
0
0
0

कुंडली के समस्त दोषों को हरने से सबसे उत्तम मार्गो में एक है -- पंचमहायज्ञ ।। आइये, हम पांच महायज्ञ पर विचार करते है ....  मनुस्मृति ' ( ३/६८ ) में लिखा है- । --  "पंच सूना गृहस्थस्य चुल्ली प

7

शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम

6 सितम्बर 2022
0
0
0

*शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम* *१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं* *२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं* *३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं* *४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं* *५) दो शं

8

श्रीराम-रक्षा स्तोत्र

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। श्रीराम-रक्षा स्तोत्र ।।  (हिंदी भावार्थ सहित) श्रीरामरक्षा स्तोत्र सभी तरह की विपत्तियों से व्यक्ति की रक्षा करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है। एक कथा है कि भगवान श

9

श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम्

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम् ।। गङ्गातरंगरमणीयजटाकलापं    गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम्। नारायणप्रियमनंगमदापहारं   वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्।। वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं   वागीशविष्णुसुरसेवितप

10

द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम् ।। सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकला वतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।१।। श्रीशैलश‍ृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्

11

द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम् ।। सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकला वतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।१।। श्रीशैलश‍ृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्

12

श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम् ।। इसका नित्य ७ बार पाठ करने से सभी अरिष्ट का निवारण हो जाता है। द्वादशी अर्धरात्रि में पाठ करने से दरिद्रता समाप्त हो जाती है। ग्रहण में नदी में खड़े होकर पाठ करने से

13

हनूमत्कृत- सीतारामस्तोत्र

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। हनूमत्कृत- सीतारामस्तोत्र ।। अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम्। राघवाणामलंकारं वैदेहानामलंक्रियाम्।।१।। रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम्। सूर्यवंशसमुद्भूतं सोमवंशसमुद्भवाम्।।२।। पुत

14

स्रुवा धारण व प्रकार

29 सितम्बर 2023
0
0
0

🔥 स्रुवा धारण व प्रकार 🔥 " मूले हानिकरं  प्रोक्तं  मध्ये  शोककरं  तथा ।  अग्रे व्याधिकरं प्रोक्तं  स्रुवं धारयते  कथम् ।।  कनिष्ठाङ्गुलिमाने   चतुर्विशतिकाङ्गुलम् ।  चतुरङ्गुलं परित्यज्य अग

15

हनुमानजी के द्वादश नाम

29 सितम्बर 2023
0
0
0

।। हनुमानजी के द्वादश नाम ।। हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।                      रामेष्ट:फाल्गुनसख:पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।                                     

16

विवाह संबंध में जरूर ध्यान दें

29 सितम्बर 2023
0
0
0

•मीन, वृश्चिक, कर्क ब्राह्मण वर्ण, मेष, सिंह, धनु क्षत्रिय वर्ण, मिथुन, तुला, कुंभ शुद्र वर्ण, कन्या, मकर और वृष वैश्य वर्ण है. नोत्तमामुद्धहेतु कन्यां ब्राह्मणीं च विशेषतः । म्रियते हीनवर्णश्च ब्

17

शिवलिंग के प्रकार एवं महत्त्व

29 सितम्बर 2023
0
0
0

शिवलिंग_के_प्रकार_एवं_महत्त्व 🔱 मिश्री(चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं। 🔱 सोंठ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वश

18

सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि

29 सितम्बर 2023
0
0
0

सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि 〰️〰️🔸〰️〰️🔸🔸〰️〰️🔸〰️〰️ रुद्राभिषेक अर्थात रूद्र का अभिषेक करना यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जैसा की वेदों में वर्णित है शिव और रुद्र

19

नदी स्तोत्रं एवं नदीतारतम्यस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
0
0
0

*नदी स्तोत्रं एवं नदीतारतम्यस्तोत्रम्* नदी स्तोत्रं  प्रवक्ष्यामि सर्वपापप्रणाशनम् । भागीरथी वारणासी यमुना च सरस्वती ॥ १॥ फल्गुनी शोणभद्रा च नर्मदा गण्डकी तथा । मणिकर्णिका गोमती प्रयागी च प

20

श्रावण सोमवार पर कैसे करे शिव पूजा

29 सितम्बर 2023
0
0
0

श्रावण सोमवार पर कैसे करे शिव पूजा 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ सामान्य मंत्रो से सम्पूर्ण शिवपूजन प्रकार और पद्धति 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ देवों के देव भगवान भोले नाथ के भक्तों के लिये श्रावण सोम

21

पेट के रोग और ग्रह

29 सितम्बर 2023
1
1
0

1.जन्म कुंडली के अनुसार पेट दर्द के लिए सबसे अधिक शनि ग्रह जिम्मेदार होता है। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जातक की कुंडली में अशुभ होते ही, भिन्न-भिन्न प्रकार की परेशानियां देता है।यह ग्रह कुंडली के जिस भाव

22

घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय

30 सितम्बर 2023
0
0
0

घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत

23

श्राद्ध विशेष

30 सितम्बर 2023
2
0
0

ध्यान पूर्वक जानकारी लें - क्या श्राद्ध में सन्यासियों को भोजन करा सकते हैं?? नहीं श्राद्धमें सन्यासियोंको निमंत्रित नहीं करना चाहिए।। *#प्रमाण— *#मुण्डान्_जटिलकाषायान्_श्राद्धे_यत्नेन_वर्

24

तर्पणविधि

30 सितम्बर 2023
0
0
0

*तर्पणविधि* (देव, ऋषि और पितृ तर्पण विधि) सर्वप्रथम पूर्व दिशाकी और मुँह करके, दाहिना घुटना जमीन पर लगाकर,सव्य होकर(जनेऊ व अंगोछेको बांया कंधे पर रखें) गायत्री मंत्रसे शिखा बांध कर, तिलक लगाकर,

25

पितरों को भोजन कैसे मिलता है?

30 सितम्बर 2023
1
1
1

पितरों को भोजन कैसे मिलता है ?         प्राय: कुछ लोग यह शंका करते हैं कि श्राद्ध में समर्पित की गईं वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती है?   कर्मों की भिन्नता के कारण मरने के बाद गतियां भी भिन्न-

26

ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय

5 अक्टूबर 2023
1
1
1

ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय   हर बीमारी का समबन्ध किसी न किसी ग्रह से है जो आपकी कुंडली में या तो कमजोर है या फिर दुसरे ग्रहों से बुरी तरह प्रभावित है | यहाँ सभी बीमारियों का जिक्र नहीं करूंगा केव

27

18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य

10 अक्टूबर 2023
0
0
0

18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य 18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य  *भृगुरत्रिवसिष्ठश्च विश्वकर्मा मयस्तथा।* *नारदो नग्नजिच्चैव विशालाक्षः पुरन्दर:।।* *ब्रह्माकुमारो नंदीश: शौनको गर्ग एव च।*

28

अयोनिज पुत्र देने में कौन से देव समर्थ हैं ?

10 अक्टूबर 2023
0
0
0

🌀अयोनिज पुत्र देने में कौन से देव समर्थ हैं ?🌀 " किन्तु  देवेश्वरो  रूद्रः  प्रसीदति  यदिश्वरः।  न दुर्लभो  मृत्युहीनस्तव  पुत्रो ह्ययोनिजः।।  मया च विष्णुना चैव ब्रह्मणा च महात्मना ।  अयो

29

पूजा करते समय ध्यान रखें

12 अक्टूबर 2023
1
0
1

!!अति महत्वपूर्ण बातें पूजा से जुड़ी हुई!! 1= जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। मन में चलना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इसका फल सौगुणा फलदायक होता हैं। 2=  जप करते समय दाहिने हाथ

30

शनैश्चरी सर्वपितृ अमावस्या विशेष

14 अक्टूबर 2023
0
0
0

शनैश्चरी सर्वपितृ अमावस्या विशेष 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ शनिवार, 14 अक्टूबर को आश्विम मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन पितृ पक्ष समाप्त हो जाएगा। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। अगले दिन यानी

31

श्राद्ध_में_किस_किस_को_निमन्त्रित_करें

14 अक्टूबर 2023
0
0
0

#श्राद्ध_में_किस_किस_को_निमन्त्रित_करें?? मातामहं मातुलं च स्वस्रीयं श्वशुरं गुरुम् ! दौहित्रं बिट्पति बन्धु ऋत्विज याज्यौ च भोजयेत !! नाना , मामा , भानजा , गुरु , श्वसुर ,  दौहित्र , जामाता , बान्

32

महाकष्ट व महाबाधा निवारक मन्त्र

14 अक्टूबर 2023
0
0
0

।। महाकष्ट व महाबाधा निवारक मन्त्र ।। कष्ट के अनुसार किसी भी एक या तीनों मन्त्रों की नित्य एक या अधिक माला जप करें, अवश्य ही शांति का अनुभव होगा।  यह मंत्र आपतकाल में कहीं भी, किसी भी समय, सतत ज

33

नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग

15 अक्टूबर 2023
0
0
0

नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 १👉 प्रथम नवरात्रि पर मां को गाय का शुद्ध घी या फिर सफेद मिठाई अर्पित की जाती है। २👉 दूसरे नवरात्रि के दिन मां को शक्कर का भोग

34

इन ९ औषधियों में विराजती है माँ नवदुर्गा

15 अक्टूबर 2023
0
0
0

👆🏼👆🏼👆🏼 *इन ९ औषधियों में विराजती है माँ नवदुर्गा*  माँ दुर्गा नौ रूपों में अपने भक्तों का कल्याण कर उनके सारे संकट हर लेती हैं। इस बात का जीता जागता प्रमाण है, संसार में उपलब्ध वे औषधियां,

35

नारी महिमा

16 अक्टूबर 2023
0
0
0

।। माता हि जगतां सर्वासु स्त्रीष्वधिष्ठिता ।। स्त्रियों का जीवन कितना त्याग और तपमय है इसे तो कोई भी वर्णित नहीं कर सकता। इसीलिए धर्मशास्त्रों ने भी स्त्री को एक उच्च स्तर पर स्थापित किया है। महिला

36

श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत

17 अक्टूबर 2023
0
0
0

श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत 〰️〰️🌼〰️🌼〰️〰️ श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत के लाभ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ इस स्तोत्र का पाठ आप मंगलवार दिन आरंभ करें साथ ही भगवान शिव का पंचाक्षरी का एक माला जप करने से अधिक लाभ मिल

37

नवरात्र में नवग्रह शांति की विधि

18 अक्टूबर 2023
0
0
0

नवरात्र में नवग्रह शांति की विधि 〰️〰️🌼〰️🌼🌼〰️🌼〰️〰️ प्रतिपदा के दिन मंगल ग्रह की शांति करानी चाहिए। द्वितीय के दिन राहु ग्रह की शान्ति करने संबन्धी कार्य करने चाहिए। तृतीया के दिन बृहस्पति ग

38

51 शक्तिपीठ पौराणिक कथा एवं विवरण

18 अक्टूबर 2023
0
0
0

51 शक्तिपीठ पौराणिक कथा एवं विवरण 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️            हालांकि देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का ज़िक्र मिलता है, वहीं तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए ग

39

दुर्गाष्टमी पूजा एवं कन्या पूजन विधान विशेष

22 अक्टूबर 2023
1
1
1

दुर्गाष्टमी पूजा एवं कन्या पूजन विधान विशेष 〰〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️ आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन माँ दुर्गा के भवानी स्वरूप का व्रत करने का विधान है। इस वर्ष 2023 में यह व्रत 22 अक्टूबर को क

40

मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र

23 अक्टूबर 2023
0
0
0

मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र  इनके नाम-स्मरण से सर्पभय और सर्पविष से मिलती है मुक्ति प्राचीनकाल में जब सृष्टि में नागों का भय हो गया तो उस समय नागों से रक्षा करने के लिए ब्रह्माजी ने अपने मन से

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए