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ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय

5 अक्टूबर 2023

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ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय  


हर बीमारी का समबन्ध किसी न किसी ग्रह से है जो आपकी कुंडली में या तो कमजोर है या फिर दुसरे ग्रहों से बुरी तरह प्रभावित है | यहाँ सभी बीमारियों का जिक्र नहीं करूंगा केवल सामान्य रोग जो आजकल बहुत से लोगों को हैं उन्ही का जिक्र संक्षेप में करने की कोशिश करता हूँ | यदि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है तो आज धनवान कोई नहीं है | हर व्यक्ति की कोई न कोई कमजोरी होती है जहाँ आकर व्यक्ति बीमार हो जाता है | हर व्यक्ति के शरीर की संरचना अलग होती है | किसे कब क्या कष्ट होगा यह तो डाक्टर भी नहीं बता सकता परन्तु ज्योतिष इसकी पूर्वसूचना दे देता है कि आप किस रोग से पीड़ित होंगे या क्या व्याधि आपको शीघ्र प्रभावित करेगी |


सूर्य से रोग

सूर्य ग्रहों का राजा है इसलिए यदि सूर्य आपका बलवान है तो बीमारियाँ कुछ भी हों आप कभी परवाह नहीं करेंगे | क्योंकि आपकी आत्मा बलवान होगी | आप शरीर की मामूली व्याधियों की परवाह नहीं करेंगे | परन्तु सूर्य अच्छा नहीं है तो सबसे पहले आपके बाल झड़ेंगे | सर में दर्द अक्सर होगा और आपको पेन किलर का सहारा लेना ही पड़ेगा |


चन्द्र से मानसिक रोग

चन्द्र संवेदनशील लोगों का अधिष्ठाता ग्रह है | यदि चन्द्र दुर्बल हुआ तो मन कमजोर होगा और आप भावुक अधिक होंगे | कठोरता से आप तुरंत प्रभावित हो जायेंगे और सहनशक्ति कम होगी | इसके बाद सर्दी जुकाम और खांसी कफ जैसी व्याधियों से शीग्र प्रभावित हो जायेंगे | सलाह है कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में न आयें क्योंकि आपको भी संक्रमित होते देर नहीं लगेगी | चन्द्र अधिक कमजोर होने से नजला से पीड़ित होंगे | चन्द्र की वजह से नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है |


सुस्त व्यक्ति और मंगल

मंगल रक्त का प्रतिनिधित्व करता है परन्तु जिनका मंगल कमजोर होता है रक्त की बीमारियों के अतिरिक्त जोश की .कमी होगी | ऐसे व्यक्ति हर काम को धीरे धीरे करेंगे | आपने देखा होगा कुछ लोग हमेशा सुस्त दिखाई देते हैं और हर काम को भी उस ऊर्जा से नहीं कर पाते | अधिक खराब मंगल से चोट चपेट और एक्सीडेंट आदि का खतरा रहता है |


बुध से दमा और अन्य रोग

बुध व्यक्ति को चालाक और धूर्त बनाता है | आज यदि आप चालाक नहीं हैं तो दुसरे लोग आपका हर दिन फायदा उठाएंगे | भोले भाले लोगों का बुध अवश्य कमजोर होता है | अधिक खराब बुध से व्यक्ति को चमड़ी के रोग अधिक होते हैं | साँस की बीमारियाँ बुध के दूषित होने से होती हैं | बेहद खराब बुध से व्यक्ति के फेफड़े खराब होने का भय रहता है | व्यक्ति हकलाता है तो भी बुध के कारण और गूंगा बहरापन भी बुध के कारण ही होता है |


मोटापा और ब्रहस्पति

गुरु यानी ब्रहस्पति व्यक्ति को बुद्धिमान बनता है परन्तु पढ़े लिखे लोग यदि मूर्खों जैसा व्यवहार करें तो समझ लीजिये कि व्यक्ति का गुरु कुंडली में खराब है | गुरु सोचने समझने की शक्ति को प्रभावित करता है और व्यक्ति जडमति हो जाता है | इसके अतिरिक्त गुरु कमजोर होने से पीलिया या पेट के अन्य रोग होते हैं | गुरु यदि दुष्ट ग्रहों से प्रभावित होकर लग्न को प्रभावित करता है तो मोटापा देता है | अधिकतर लोग जो शरीर से काफी मोटे होते हैं उनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कुछ ऐसी ही होती है


शुक्र और शुगर

शुक्र मनोरंजन का कारक ग्रह है | शुक्र स्त्री, यौन सुख, वीर्य और हर प्रकार के सुख और सुन्दरता का कारक ग्रह है | यदि शुक्र की स्थिति अशुभ हो तो जातक के जीवन से मनोरंजन को समाप्त कर देता है | नपुंसकता या सेक्स के प्रति अरुचि का कारण अधिकतर शुक्र ही होता है | मंगल की दृष्टि या प्रभाव निर्बल शुक्र पर हो तो जातक को ब्लड शुगर हो जाती है | इसके अतिरिक्त शुक्र के अशुभ होने से व्यक्ति के शरीर को बेडोल बना देता है | बहुत अधिक पतला शरीर या ठिगना कद शुक्र की अशुभ स्थिति के कारण होता है |


लम्बे रोग और शनि

शनि दर्द या दुःख का प्रतिनिधित्व करता है | जितने प्रकार की शारीरिक व्याधियां हैं उनके परिणामस्वरूप व्यक्ति को जो दुःख और कष्ट प्राप्त होता है उसका कारण शनि होता है | शनि का प्रभाव दुसरे ग्रहों पर हो तो शनि उसी ग्रह से सम्बन्धित रोग देता है | शनि की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक कुछ भी कर ले सर दर्द कभी पीछा नहीं छोड़ता | चन्द्र पर हो तो जातक को नजला होता है | मंगल पर हो तो रक्त में न्यूनता या ब्लड प्रेशर, बुध पर हो तो नपुंसकता, गुरु पर हो तो मोटापा, शुक्र पर हो तो वीर्य के रोग या प्रजनन क्षमता को कमजोर करता है और राहू पर शनि के प्रभाव से जातक को उच्च और निम्न रक्तचाप दोनों से पीड़ित रखता है | केतु पर शनि के प्रभाव से जातक को गम्भीर रोग होते हैं परन्तु कभी रोग का पता नहीं चलता और एक उम्र निकल जाती है पर बीमारियों से जातक जूझता रहता है | दवाई असर नहीं करती और अधिक विकट स्थिति में लाइलाज रोग शनि ही देता है |


ब्लड प्रेशर और राहू

राहू एक रहस्यमय ग्रह है | इसलिए राहू से जातक को जो रोग होंगे वह भी रहस्यमय ही होते हैं | एक के बाद दूसरी तकलीफ राहू से ही होती है | राहू अशुभ हो तो जातक की दवाई चलती रहती है और डाक्टर के पास आना जाना लगा रहता है | किसी दवाई से रिएक्शन या एलर्जी राहू से ही होती है | यदि डाक्टर पूरी उम्र के लिए दवाई निर्धारित कर दे तो वह राहू के अशुभ प्रभाव से ही होती है | वहम यदि एक बीमारी है तो यह राहू देता है | डर के मारे हार्ट अटैक राहू से ही होता है | अचानक हृदय गति रुक जाना या स्ट्रोक राहू से ही होता है |


प्रेत बाधा और केतु

केतु का संसार अलग है | यह जीवन और मृत्यु से परे है | जातक को यदि केतु से कुछ होना है तो उसका पता देर से चलता है यानी केतु से होने वाली बीमारी का पता चलना मुश्किल हो जाता है | केतु थोडा सा खराब हो तो फोड़े फुंसियाँ देता है और यदि थोडा और खराब हो तो घाव जो देर तक न भरे वह केतु की वजह से ही होता है | केतु मनोविज्ञान से सम्बन्ध रखता है | ओपरी कसर या भूत प्रेत बाधा केतु के कारण ही होती है | असफल इलाज के बाद दुबारा इलाज केतु के कारण होता है }


ग्रहों के प्रभाव से निजात पाकर कैसें पाएं सुन्दर त्वचा - परिचय


संवेदनशील होती है और त्वचा के रख-रखाव, सौन्दर्य और उसकी देख-भाल करने के लिए महिलाएं हर संभव प्रयास करती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि  त्वचा और ग्रह में भी एक विशेष नाता है जिससे कारण भी आपके चेहरे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आईए पवन सिन्हा ‘गुरू जी’ के द्वारा जानते है त्वचा और ग्रह से जुड़े कुछ उपाय...


* जिन बेटियों या महिलाओं का चन्द्रमा , बुध , गुरु और शुक्र अच्छा नहीं होगा उनकी त्वचा में कुछ न कुछ गड़बड़ चलती रहेगी । चाहे वो गैस का बनाना हो , hormones imbalance हो , पेट में पित्त का बढ़ाना हो , या फिर तनाव ।


* चन्द्रमा मन में तनाव को पैदा करके त्वचा को निस्तेज बना देगा , जिन महिलाओं या बेटियों को ज्यादा तनाव रहता है उनकी त्वचा मुरझाई-मुरझाई हुई रहती है , जोश नहीं रहता , ऐसी स्त्रियाँ पानी बहुत कम पीती है दिन भर में , रात को नींद अच्छी नहीं ले पाती , इनकी अपनी मत से अच्छी नहीं बन पाती , ठण्ड या ठंडी चीजें बहुत परेशानी देती हैं , अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी है तो अपने गले में ठोस चांदी की गोली धारण कर ले , पानी के सेवन बढ़ाये , रसीले फलो का सेवन करे , और यह बेहतर होगा की रसीले फलों का सेवन दिन में करे , तनाव से जितना हो सके दूर रहे ।


* अगर शुक्र आपकी त्वचा को प्रभावित कर रहा है तो शुक्र hormones में गड़बड़ी लाकर त्वचा में विकार बढ़ाएगा , ऐसे में स्त्रियों को अपने हाथ के अंगूठे में बिना जोड़ का चांदी का छल्ला डालकर रहना चाहिए , अच्छे से सीखकर प्राणायाम करना चाहिए , त्वचा में नमी बनाकर रखनी चाहिए , ऐसी महिलाओं की त्वचा chapped रहती है , hormones ज्यादा गड़बड़ी करके कोई बड़ा त्वचा रोग न दे दे इसीलिए डॉक्टर की सलाह भी समय-समय पर ले लेनी चाहिए।

* कुपित गुरु पेट में पित्त बनाएगा , और कुपित बुध पेट में अधिक गैस बनाएगा और पेट में कीड़ो को भी जन्म दे सकता है , इसके चलते आपको त्वचा में allergy , rashes , serious skin disorders हो सकते है ।

* शुक्र और बुध की युति अगर अच्छी राशी और कुंडली में अगर न हो ऐसी महिलाओं को मुहासों की हमेशा परेशानी रहेगी । बुध कुपति हो तो महिला ज्यादा hyper हो जाती है , अगर बुध ज्यादा कुपित हो तो पैरों , पूरे हाथों , पेट की त्वचा का रंग बदल जाता है , त्वचा खुरदुरी हो जाती , और यह आसानी से ठीक नहीं होती , तनाव से भी हमारी त्वचा पर खासा बुरा प्रभाव पड़ता है । कुपित बुध वाली महिलाओ को stretch marks पड़ जाते हैं ।


* महिलाये अगर अति भावुक होती है तो उनकी त्वचा धीरे धीरे सख्त होती चली जाती है ।


* अगर तनाव ज्यादा महसूस होने लगता है तो त्वचा खुरदुरी होती चली जाती है , उसका पानी सूख जाता है , अगर साथ में किसी महिला का शुक्र भी प्रभावित है तो thyroid होने का खतरा रहता है , शुक्र त्वचा को इतना सुखा देता है कि कभी-कभी खून तक निकल सकता है ।


* क्या आपने यह नोट किया की इन चारों गृह से होने वाले त्वचा के रोग को सिर्फ और सिर्फ पानी पीकर कम किया जा सकता है , जल का स्वामी चन्द्रमा , अगर उसका सेवन करेंगे तो चन्द्रमा को बल मिलेगा , तनाव गायब , शुक्र के कारण chapped त्वचा पानी पीकर काफी हद तक ठीक की जा सकती है , गुरु के कारण पेट में पित्त पानी पीकर शांत किया जा सकता है , और बुध के कारण होने वाली खुरदुरी त्वचा पानी का अच्छा सेवन करके सामान्य बनायीं जा सकती है । इसीलिए सभी बेटियों और महिलाओं से निवेदन है की पानी का सेवन बढ़ाये ।

* आटा , चीनी दान करें , शहद , गुड़ , पीली दाल का दान करें , कब्ज को कृपा करके दूर रखे , जब तक कब्ज रहेगा तब तक त्वचा खराब रहेगी । यह सब करने में 6-8 महीने तो लगेंगे पर ग्रहों का बुरा प्रभाव कम होता चला जायेगा और इसके  फलस्वरूप , त्वचा अच्छी होती चली जाएगी।


वैदिक ज्योतिष में 

 भाव न: ग्रह


1 सुर्य

2 बृह्स्पति

3 मंगल

4 चन्द्रमा

5 बृहस्पति

6 बुध व केतु

7 बुध व शुक्र

8 मंगल व शनि

9 बृहस्पति

10 शनि

11 बृहस्पति

12 बृहस्पति व राहु


शरीर के अंग बारह भाव 

​कुण्डली मे बारह भाव शरीर के विभिन्न अंगो को बताते है। सभी भाव रोग के किसी न किसी स्थान को सूचित करते है जैसे-


·       प्रथम भाव : सिर , मस्तिष्क , स्नायु तंत्र .


·       द्वितीय भाव: चेहरा, गला, कंठ, गर्दन, आंख.


·       तीसरा भाव : कधे, छाती , फेफडे, श्वास , नसे , और बाहें.


·       चतुर्थ भाव : स्तन, ऊपरी आन्त्र क्षेत्र, ऊपरी पाचन तंत्र


·       पंचम भाव : हृदय, रक्त, पीठ, रक्तसंचार तंत्र.


·       षष्ठम भाव : निम्न उदर, निम्न पाचन तंत्र, आतें, अंतडियाँ, कमर, यक्रत.


·       सप्तम भाव : उदरीय गुहिका, गुर्दे.


·       अष्टम भाव : गुप्त अंग, स्त्रावी तंत्र , अंतडियां, मलाशय, मूत्राशय और मेरुदण्ड .


·       नवम भाव : जॉघें, नितम्ब और धमनी तंत्र.


·       दशम भाव : घुटने, हडियां और जोड़.


·       एकादश भाव : टागे, टखने और श्वास.


·       द्वादश भाव : पैर, लसीका तंत्र और आंखे.


मनुष्य जीवन पर प्रभाव

मनुष्य का स्वभाव एवं कर्म इन्ही तत्वों पर निर्भर है। जन्म के समय जो ग्रह प्रभावी होता है उसी के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव बनता है। ईथर का प्रभाव अधिक हो और लगन पर सीधा प्रभाव पडता हो तो जातक धर्मी होगा ज्ञानी होगा और हमेशा कार्य में लगा रहने वाला होगा। सूर्य मंगल राहु का प्रभाव लगन पर हो तो व्हक्ति दुबला होगा लम्बा होगा क्रोधी होगा और समय समय पर धन को नष्ट करने वाला होगा।वह सदाचार और कुलाचार से दूर होगा,यानी वह हमेशा तामसी चीजों की तरफ़ भागता रहेगा उसके कुल के अन्दर को मर्यादा होगी उससे वह दूर ही होगा। बुध के पृथ्वी तत्व के प्रभाव से जातक बच्चों जैसा व्यवहार करता है,उसे नये कपडे मकान और नये नये सामान की जरूरत रहती है,पानी के तत्व से पूरित चन्द्र और शुक्र का प्रभाव जब जातक पर पडता है तो वह अपने अनुसार भावनाओं को प्रदर्शित करने वाला कलाकार गायक या सामाजिक होता है। हवा तत्व का प्रभाव होने से जातक दुबला कल्पनाशील विद्वान और दानी स्वभाव का होगा जैसी जमाने की हवा होगी उसी के अनुसार अपने को चलाने वाला होगा लेकिन लापरवाह भी होगा।


आपकी कुंडली में जो भी ग्रह कमजोर या नीचे का हो या दृष्टिहीन हो उसी से संबंधित आपको रोग समस्याएं जीवन में उत्पन्न होती हैं

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

अच्छी जानकारी दी है आपने सर 👌 आप मुझे फालो करके मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

5 अक्टूबर 2023

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रचनाएँ
शास्त्रों के झरोखों से
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नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय यह पुस्तक एक छोटा सा प्रयास है हमारे शास्त्रों में वर्णित तथा हमारे मनीषियों के द्वारा रचित प्रसंगों को संकलित करने का|अगर किसी को कोई त्रुटि नजर आती है तो सुझाव सादर आमंत्रित हैं|
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भुमिका

29 अगस्त 2022
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नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय   भूतभावन भगवान भोलेनाथ को कोटिशः प्रणाम करते हुए और देवाधिदेव महादेव की कृपा के सहारे मैं हमारे हिंदू वैदिक सनातन धर्म के शास्त्रों में आये हुए प्रसंगों को संकलित करने

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|| सर्वरोगनाशक श्रीसूर्यस्तवराजस्तोत्रम् ||

29 अगस्त 2022
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|| सर्वरोगनाशक श्रीसूर्यस्तवराजस्तोत्रम् ||   मित्रों, इसी स्तोत्र द्वारा सूर्य उपासना करने पर श्रीकृष्ण भगवान के पुत्र साम्ब ने कुष्ठ रोग से मुक्ति पायी थी। नित्य प्रातः सूर्य के सामने इस स्तोत्र क

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श्रीदुर्गासहस्रनामस्तोत्रम्

29 अगस्त 2022
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                          श्रीदुर्गासहस्रनामस्तोत्रम् मित्रों, अघोर चतुर्दशी या वर्ष के चारों नवरात्र पर या होली, दिवाली, दशहरा आदि-आदि शुभ मुहूर्त्त में देवी दुर्गा का आराधन बहुत ही कल्याणकारी हो

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पूर्णिमा तिथि का महत्व

2 सितम्बर 2022
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पूर्णिमा तिथि का आध्यात्म एवं ज्योतिष में महत्त्व 〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️ पूर्णिमा तिथि जिसमें चंद्रमा पूर्णरुप में मौजूद होता है। पूर्णिमा तिथि को सौम्य और बलिष्ठ तिथि कहा जाता है। इस तिथि को

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तृतीया तिथि का महत्व

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तृतीया तिथि का आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्त्व 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार  तृतीया तिथि आरोग्यदायिनी होती है एवं इसे सबला नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्वामिनी मा

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कुंडली में दोषों को दूर करने के उपाय

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कुंडली के समस्त दोषों को हरने से सबसे उत्तम मार्गो में एक है -- पंचमहायज्ञ ।। आइये, हम पांच महायज्ञ पर विचार करते है ....  मनुस्मृति ' ( ३/६८ ) में लिखा है- । --  "पंच सूना गृहस्थस्य चुल्ली प

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शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम

6 सितम्बर 2022
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*शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम* *१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं* *२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं* *३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं* *४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं* *५) दो शं

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श्रीराम-रक्षा स्तोत्र

29 सितम्बर 2023
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।। श्रीराम-रक्षा स्तोत्र ।।  (हिंदी भावार्थ सहित) श्रीरामरक्षा स्तोत्र सभी तरह की विपत्तियों से व्यक्ति की रक्षा करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है। एक कथा है कि भगवान श

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श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम्

29 सितम्बर 2023
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।। श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम् ।। गङ्गातरंगरमणीयजटाकलापं    गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम्। नारायणप्रियमनंगमदापहारं   वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्।। वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं   वागीशविष्णुसुरसेवितप

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द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम्

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।। द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम् ।। सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकला वतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।१।। श्रीशैलश‍ृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्

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द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
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श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

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।। श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम् ।। इसका नित्य ७ बार पाठ करने से सभी अरिष्ट का निवारण हो जाता है। द्वादशी अर्धरात्रि में पाठ करने से दरिद्रता समाप्त हो जाती है। ग्रहण में नदी में खड़े होकर पाठ करने से

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हनूमत्कृत- सीतारामस्तोत्र

29 सितम्बर 2023
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।। हनूमत्कृत- सीतारामस्तोत्र ।। अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम्। राघवाणामलंकारं वैदेहानामलंक्रियाम्।।१।। रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम्। सूर्यवंशसमुद्भूतं सोमवंशसमुद्भवाम्।।२।। पुत

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स्रुवा धारण व प्रकार

29 सितम्बर 2023
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🔥 स्रुवा धारण व प्रकार 🔥 " मूले हानिकरं  प्रोक्तं  मध्ये  शोककरं  तथा ।  अग्रे व्याधिकरं प्रोक्तं  स्रुवं धारयते  कथम् ।।  कनिष्ठाङ्गुलिमाने   चतुर्विशतिकाङ्गुलम् ।  चतुरङ्गुलं परित्यज्य अग

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हनुमानजी के द्वादश नाम

29 सितम्बर 2023
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।। हनुमानजी के द्वादश नाम ।। हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।                      रामेष्ट:फाल्गुनसख:पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।                                     

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विवाह संबंध में जरूर ध्यान दें

29 सितम्बर 2023
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•मीन, वृश्चिक, कर्क ब्राह्मण वर्ण, मेष, सिंह, धनु क्षत्रिय वर्ण, मिथुन, तुला, कुंभ शुद्र वर्ण, कन्या, मकर और वृष वैश्य वर्ण है. नोत्तमामुद्धहेतु कन्यां ब्राह्मणीं च विशेषतः । म्रियते हीनवर्णश्च ब्

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शिवलिंग के प्रकार एवं महत्त्व

29 सितम्बर 2023
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शिवलिंग_के_प्रकार_एवं_महत्त्व 🔱 मिश्री(चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं। 🔱 सोंठ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वश

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सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि

29 सितम्बर 2023
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सर्वदोष नाश के लिये रुद्राभिषेक विधि 〰️〰️🔸〰️〰️🔸🔸〰️〰️🔸〰️〰️ रुद्राभिषेक अर्थात रूद्र का अभिषेक करना यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जैसा की वेदों में वर्णित है शिव और रुद्र

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नदी स्तोत्रं एवं नदीतारतम्यस्तोत्रम्

29 सितम्बर 2023
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*नदी स्तोत्रं एवं नदीतारतम्यस्तोत्रम्* नदी स्तोत्रं  प्रवक्ष्यामि सर्वपापप्रणाशनम् । भागीरथी वारणासी यमुना च सरस्वती ॥ १॥ फल्गुनी शोणभद्रा च नर्मदा गण्डकी तथा । मणिकर्णिका गोमती प्रयागी च प

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श्रावण सोमवार पर कैसे करे शिव पूजा

29 सितम्बर 2023
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श्रावण सोमवार पर कैसे करे शिव पूजा 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ सामान्य मंत्रो से सम्पूर्ण शिवपूजन प्रकार और पद्धति 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ देवों के देव भगवान भोले नाथ के भक्तों के लिये श्रावण सोम

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पेट के रोग और ग्रह

29 सितम्बर 2023
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1.जन्म कुंडली के अनुसार पेट दर्द के लिए सबसे अधिक शनि ग्रह जिम्मेदार होता है। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जातक की कुंडली में अशुभ होते ही, भिन्न-भिन्न प्रकार की परेशानियां देता है।यह ग्रह कुंडली के जिस भाव

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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय

30 सितम्बर 2023
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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत

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श्राद्ध विशेष

30 सितम्बर 2023
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ध्यान पूर्वक जानकारी लें - क्या श्राद्ध में सन्यासियों को भोजन करा सकते हैं?? नहीं श्राद्धमें सन्यासियोंको निमंत्रित नहीं करना चाहिए।। *#प्रमाण— *#मुण्डान्_जटिलकाषायान्_श्राद्धे_यत्नेन_वर्

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तर्पणविधि

30 सितम्बर 2023
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*तर्पणविधि* (देव, ऋषि और पितृ तर्पण विधि) सर्वप्रथम पूर्व दिशाकी और मुँह करके, दाहिना घुटना जमीन पर लगाकर,सव्य होकर(जनेऊ व अंगोछेको बांया कंधे पर रखें) गायत्री मंत्रसे शिखा बांध कर, तिलक लगाकर,

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पितरों को भोजन कैसे मिलता है?

30 सितम्बर 2023
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पितरों को भोजन कैसे मिलता है ?         प्राय: कुछ लोग यह शंका करते हैं कि श्राद्ध में समर्पित की गईं वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती है?   कर्मों की भिन्नता के कारण मरने के बाद गतियां भी भिन्न-

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ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय

5 अक्टूबर 2023
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ग्रहों से रोग और उपाय -परिचय   हर बीमारी का समबन्ध किसी न किसी ग्रह से है जो आपकी कुंडली में या तो कमजोर है या फिर दुसरे ग्रहों से बुरी तरह प्रभावित है | यहाँ सभी बीमारियों का जिक्र नहीं करूंगा केव

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18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य

10 अक्टूबर 2023
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18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य 18 वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक आचार्य  *भृगुरत्रिवसिष्ठश्च विश्वकर्मा मयस्तथा।* *नारदो नग्नजिच्चैव विशालाक्षः पुरन्दर:।।* *ब्रह्माकुमारो नंदीश: शौनको गर्ग एव च।*

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अयोनिज पुत्र देने में कौन से देव समर्थ हैं ?

10 अक्टूबर 2023
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🌀अयोनिज पुत्र देने में कौन से देव समर्थ हैं ?🌀 " किन्तु  देवेश्वरो  रूद्रः  प्रसीदति  यदिश्वरः।  न दुर्लभो  मृत्युहीनस्तव  पुत्रो ह्ययोनिजः।।  मया च विष्णुना चैव ब्रह्मणा च महात्मना ।  अयो

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पूजा करते समय ध्यान रखें

12 अक्टूबर 2023
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!!अति महत्वपूर्ण बातें पूजा से जुड़ी हुई!! 1= जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। मन में चलना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इसका फल सौगुणा फलदायक होता हैं। 2=  जप करते समय दाहिने हाथ

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शनैश्चरी सर्वपितृ अमावस्या विशेष

14 अक्टूबर 2023
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शनैश्चरी सर्वपितृ अमावस्या विशेष 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ शनिवार, 14 अक्टूबर को आश्विम मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन पितृ पक्ष समाप्त हो जाएगा। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। अगले दिन यानी

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श्राद्ध_में_किस_किस_को_निमन्त्रित_करें

14 अक्टूबर 2023
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#श्राद्ध_में_किस_किस_को_निमन्त्रित_करें?? मातामहं मातुलं च स्वस्रीयं श्वशुरं गुरुम् ! दौहित्रं बिट्पति बन्धु ऋत्विज याज्यौ च भोजयेत !! नाना , मामा , भानजा , गुरु , श्वसुर ,  दौहित्र , जामाता , बान्

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महाकष्ट व महाबाधा निवारक मन्त्र

14 अक्टूबर 2023
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।। महाकष्ट व महाबाधा निवारक मन्त्र ।। कष्ट के अनुसार किसी भी एक या तीनों मन्त्रों की नित्य एक या अधिक माला जप करें, अवश्य ही शांति का अनुभव होगा।  यह मंत्र आपतकाल में कहीं भी, किसी भी समय, सतत ज

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नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग

15 अक्टूबर 2023
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नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 १👉 प्रथम नवरात्रि पर मां को गाय का शुद्ध घी या फिर सफेद मिठाई अर्पित की जाती है। २👉 दूसरे नवरात्रि के दिन मां को शक्कर का भोग

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इन ९ औषधियों में विराजती है माँ नवदुर्गा

15 अक्टूबर 2023
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👆🏼👆🏼👆🏼 *इन ९ औषधियों में विराजती है माँ नवदुर्गा*  माँ दुर्गा नौ रूपों में अपने भक्तों का कल्याण कर उनके सारे संकट हर लेती हैं। इस बात का जीता जागता प्रमाण है, संसार में उपलब्ध वे औषधियां,

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नारी महिमा

16 अक्टूबर 2023
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।। माता हि जगतां सर्वासु स्त्रीष्वधिष्ठिता ।। स्त्रियों का जीवन कितना त्याग और तपमय है इसे तो कोई भी वर्णित नहीं कर सकता। इसीलिए धर्मशास्त्रों ने भी स्त्री को एक उच्च स्तर पर स्थापित किया है। महिला

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श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत

17 अक्टूबर 2023
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श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत 〰️〰️🌼〰️🌼〰️〰️ श्रीमंगल चंडिका स्त्रोत के लाभ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ इस स्तोत्र का पाठ आप मंगलवार दिन आरंभ करें साथ ही भगवान शिव का पंचाक्षरी का एक माला जप करने से अधिक लाभ मिल

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नवरात्र में नवग्रह शांति की विधि

18 अक्टूबर 2023
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नवरात्र में नवग्रह शांति की विधि 〰️〰️🌼〰️🌼🌼〰️🌼〰️〰️ प्रतिपदा के दिन मंगल ग्रह की शांति करानी चाहिए। द्वितीय के दिन राहु ग्रह की शान्ति करने संबन्धी कार्य करने चाहिए। तृतीया के दिन बृहस्पति ग

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51 शक्तिपीठ पौराणिक कथा एवं विवरण

18 अक्टूबर 2023
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51 शक्तिपीठ पौराणिक कथा एवं विवरण 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️            हालांकि देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का ज़िक्र मिलता है, वहीं तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए ग

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दुर्गाष्टमी पूजा एवं कन्या पूजन विधान विशेष

22 अक्टूबर 2023
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दुर्गाष्टमी पूजा एवं कन्या पूजन विधान विशेष 〰〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️ आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन माँ दुर्गा के भवानी स्वरूप का व्रत करने का विधान है। इस वर्ष 2023 में यह व्रत 22 अक्टूबर को क

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मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र

23 अक्टूबर 2023
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मनसा देवी की कथा एवं स्तोत्र  इनके नाम-स्मरण से सर्पभय और सर्पविष से मिलती है मुक्ति प्राचीनकाल में जब सृष्टि में नागों का भय हो गया तो उस समय नागों से रक्षा करने के लिए ब्रह्माजी ने अपने मन से

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