मध्यमवर्गीय परिवारों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और नौकरी का विशेष महत्व होता है। वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए निवेश करते हैं, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सफल बन सकें। दूसरी ओर, इस वर्ग को अपनी आय और खर्चों के बीच संतुलन बनाए रखने में काफी मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि वे न तो अति-धनवान होते हैं और न ही पूरी तरह से संसाधनहीन।
महंगाई की मार सही न जाए,गृहलक्ष्मी को चूल्हा चौका कैसे सुझाए।सिलेंडर महंगा, महंगी है कैरोसिन,लगी लाइन में ,धूप खून झुलसाए।।महंगाई की मार सही न जाए,चूल्हे की लकड़ी की सुध आए।माचिस महंगी, है महंगी लकड़ी
मध्यम वर्गीय परिवारअधिकांश क्या हुआ बेटा , इतना परेशान क्यूं है ??परेशानी की ही तो बात है मांँ , एक तो कारखाना बंद , फिर अपने घर का खर्च और उस पर ये दस-दस मज़दूरों का खर्च भी, कहां से आएगा पैसा?
मध्यमवर्गीय जीवनहर सुबह सपनों की गठरी बाँधे,चल पड़ता है जीवन यूँ ही राह में।थोड़ी ख़ुशियाँ, थोड़ा संघर्ष,हर दिन जैसे एक नया संघर्ष।ख्वाब बड़े, पर जेबें छोटी,फिर भी उम्मीद की लौ होती मोटी।हर मुश्किल को
पात्र:सीमा (माँ)रमेश (पिता)अनुज (बेटा, 15 साल का)नेहा (बेटी, 10 साल की)सुबह का समय है। सीमा रसोई में नाश्ता बना रही है। अनुज और नेहा स्कूल के लिए तैयार हो रहे हैं, और रमेश ऑफिस जाने की तैयारी में है।स
आज के समय में मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन न केवल चुनौतियों से भरा हुआ है, बल्कि अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए निरंतर संघर्षमय भी है। हमारे देश में मध्यम वर्ग वह तबका है, जो समाज और अर्थव्यवस
राहुल और उसकी पत्नी एक मध्यमवर्ग परिवार से आते थे, राहुल एक छोटी सी कंपनी में एक कर्मचारी था जिसकी तनख्वाह मुश्किल से 15000-- 16000 ₹ थी, राहुल की पत्नी राधिका एक ग्रहणी थी। राधिका घर के काम करत