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तुकबंदी करने की कोशिश करती हूं पर कवयित्री कहलाती हूं । व्यर्थ समय मै नहीं गवाती कुछ लिखकर मन बहलाती हूंबात सदा अपने मन की , कवितमय तुकबंदी में कहती जाती । मातु शारदा वाणी