12 दिसम्बर 2022
भोर हुआ चिड़ियाँ चहचाईंपशुओं ने भी ली अंगड़ाई,आसमान में लाली छाई,खेतों में फसल लहलाई।सर्दी का मौसम है भाई,हवा चली ठिठुरन है आई,बाबा बैठे ओढ़ रजाई,बच्चों ने है दौड़ लगाई।सूरज की किरणें हैं आती,थोड़ी थोड़ी गर