इश्क़ का सफर एक अजीब सी दास्तान होती है, जो अक्सर उम्मीदों और जज़्बातों के उतार-चढ़ाव से भरी होती है। यह सफर कभी सरल लगता है तो कभी बहुत ही कठिन, मगर हर मोड़ पर कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। इश्क़ का रास्ता न तो सीधा होता है, न ही हमेशा खुशियों से भरा। इसमें सच्चे रिश्ते बनते हैं, दिलों में भावनाओं का तूफ़ान उठता है, और कभी-कभी दूरियाँ और तकरार भी होती हैं। लेकिन हर मुश्किल के बावजूद, यह सफर किसी अदृश्य ताकत से जुड़ा होता है, जो दिलों को एक-दूसरे से जोड़ता है।
मेरे इश्क का सफर कुछ ऐसा अनोखा है,ख्वाबों की बस्ती में हर मोड़ पर धोखा है।जुस्तजू में चले कदम तेरे करीब आने को,हर रास्ता देता किसी दर्द के खजाने को।धड़कनों की गुंजन में तेरा नाम है सजता ,हर सांस में त
आखिरकार वो दिन आ ही गया जिस दिन शादी होनी थी ,सुबह का समय था। प्रभात अपने कमरे में बिस्तर पर बैठा बार-बार घड़ी की ओर देख रहा था। शादी के उत्साह और अरुणिमा से मिलने की बेसब्री ने उसे बेचैन कर दिया था।