shabd-logo

मेरे जीवन की सत्य कहनी (उस रात की सत्य खटना )

19 सितम्बर 2022

21 बार देखा गया 21

वो रात का समय मुछे  बहुत अच्छी तरह याद है आज इस बात को पच्चीस साल बीत गए है पर यही
सोचती  हूँ  की आदमी के अंदर इतना गुस्सा क्यों होता है ज्यादातर आदमी अपनी
गुस्से को रोक  ही नहीं  पाते है और गुस्से में वह सब हो जाता है जिसका
पता ही नहीं होता है, उस  दिन भी वही हुआ था हम सभी बच्चे अपनी छत पर खेल रहे थे और जब हमने देखा की
नीचे दो परिवार के आदमी और महिलाये लड़ रहे थे, किस बात पर लड़ाई थी इस बात का पता तो
नहीं था लेकिन  वो दोनों लोग आपस में बहुत लड़ रहे थे कुछ
देर बाद लड़ाई बंद हो गयी और दोनों आदमी ओर महिलये अपने-अपने  घर में चले गये  उस रात
लाइट गयी हुई थी और गर्मी के कारण  नींद नहीं आ रही थी सभी लोग छत पर घूम
रहे थे अभी लग-भग आठ  बजे थे और नीच वो दोनों आदमी खड़े थे उन दोनों के पास कार थी
दोनों लोग कार में बैठे और एक दूसरे से फिर झगड़ा करने लगे, दोनों
का झगड़ा बहुत बढ़ गया था और दोनों ने अपनी-अपनी कार स्टार्ट( शुरू )  की और आपस में
दोनों ने कार की टक्क्रर  की दोनों लोग गाडी को पीछे ले जाते और आपस में टकरा
देते ऐसा लगातार  ही  चलता रहा जब तक उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ कुछ
देर बाद कार बंद हो गयी और दोनों आदमी  अपनी -अपनी  कार में से उतरे और अपने  घर चले
गए ,अब ये सब कुछ क्यों  हुआ इस बात का तो यही कारण हो सकता है कि  उनके गुस्से का
नतीजा सिर्फ यही निकला कि  जब उनके अंदर गुस्सा था ,दोनों ने अपने  गुस्से को
शांत करने के लिए दोनों ने  अपनी कार पर गुस्सा  निकाला ! ये सब में  अपनी छत पर खड़ी  होकर  देख  रही  थी ओर सोच  रही थी  की  ये कैसे हो सकता है की आप अपना गुस्सा रोक ( कंट्रोल)  नहीं कर पाए अब आप समझ गए होंगे ,कि  अगर गुस्सा आता है तो वह सब  कुछ बदल देता है आपका व्यवहार और आपने
सोचने  की शक्ति , इसलिए जितना हो सके उससे दूर रहे गुस्सा हमे हमेशा एक गलत दिशा की और
ले जाता है और हमे अच्छा सोचने से दूर करता है इसलिए आप गुस्से से दूर हो
जाए ओर अपने जीवन को एक  अच्छी दिशा की  और ले  जाये ,  मेने भी अपनी जीवन में ऐसी लड़ाई कभी नहीं देखी थी !  अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और मुुझे ओर लिखने  का  प्रोत्साहन दे !                                                                                                                                      

                                                                                                                        संजू .........

Sanju Chaturvedi की अन्य किताबें

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत सुंदर संस्मरण साझा किया है आपने क्रोध में इंसान का विवेक नष्ट हो जाता है पर इंसान समझता नहीं है कि क्रोध में अपनी ही क्षति होती है और कुछ नहीं 🙏🙏🙏

20 सितम्बर 2022

Sanju Chaturvedi

Sanju Chaturvedi

मेरे प्यारे दोस्तों मेरे जीवन की बीती खटना पैर आधारित कहानी पढ़कर मुझे और आगे लिखने का प्रोत्साहन दे ताकि में एक अच्छी लेखिका बनकर आप सभी दोस्तों के लिए अपनी कहनी एवं रचनाये ले केर आ सकू ! धन्यवाद संजू ............

19 सितम्बर 2022

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए