मेरे जीवन में घटित घटानों ओर मेरे अनुभवों से जों सिखा है मैंने वहीं लिखा है अपनी रचनाओं में।।
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इज़हारे इश्क की तलब क्या होती है देखा है मैंने उन्हें किसी ओर की बाहों में देखा है मैंने हंसते मुस्कुराते चेहरों का राज़ ना पूछो हमसे अक्सर तन्हाइयों में इन चेहरों को रोता हुआ देखा है मैंने जो क
रात बहुत हो गई है ओर जिंदगी के एक अध्याय की समाप्ति होने वाली है जिंदगी में हर दिन एक नया अध्याय जुड़ता है ओर उस अध्याय के साथ हमारे जिंदगी में एक नया पहलू उभरता है जिंदगी में हर वक्त हर लम्हा एक नई द