8 नवम्बर 2022
एकमात्र प्रस्तुत जीवन में, इतने स्वप्न भरे हैं मन में,एक सरे, दूसरा समाए, चंचल मन, अरिहंत नहीं है।इच्छाओं का अंत नहीं है।।मनोकामनाओं का, जीवन में भंडार लगा रहता हे।उगती नित्य कल्पनाओं से, मानव सदा ठग