27 अगस्त 2022
पक्षियों का वो राजा कहलाता,मुकुट पहन मेरी छत पर आ जाता।कुहू-कुहू की आवाज़ लगाकर,अपनी मोरनी को वो बुलाता।।जब चलती ठण्डी पुरवाई,मन उसका आनन्दित हो जाता।अपने सुन्दर पँख फैलाकर,मस्त मगन वो नाच दिखाता।।थोड़ी