shabd-logo

अमरूद का पेड़

23 फरवरी 2022

41 बार देखा गया 41

मेरे आंगन में खड़ा है एक अमरूद का पेड़ 
नटखट, शरारती बड़ा है अमरूद का पेड़ 
आजकल बहारें उस पर टूट कर आयीं हैं 
अमरूदों की छटा ने घर में धूम मचाई है 
क्या बच्चे क्या बीवी, सब उसके दीवाने हैं 
उसके खट मिठ्ठे स्वभाव के हम भी परवाने हैं 
मेरी तरह थोड़ा नादान थोड़ा मनचला है 
पूरे आंगन में हो रहा उसी का हो हल्ला है 
आसपास की बेलों, कलियों को छेड़ता है 
कभी सीटी बजाता है तो कभी किसी को देखता है 
अंगूर की बेल से उसका टांका भिड़ गया है 
कुछ दिनों से उसका दिल उधर ही मुड़ गया है 
उसकी ये हरकत मौसमी को पसंद नहीं आई 
थाने जाकर वह पुलिस को साथ में ले आई 
बिना बात ही पुलिस उसे पकड़ कर ले गई 
मुहब्बत करने की सजा उसे भी मिल गई 
लगता है कि मुहब्बत का दुश्मन जमाना है 
क्या बताऊं यारों , शायद अब ऐसा ही जमाना है 
अमरूद तो चला गया पर महक आज भी जिंदा है 
नफरतों के बीच मुहब्बत आज बहुत शर्मिंदा है 

हरिशंकर गोयल "हरि"
24 2.22 


11
रचनाएँ
हास्य काव्य
0.0
विभिन्न विषयों पर हंसने हंसाने वाली कविताएं इस किताब में मिलेंगी
1

रविवार की सुबह

9 जनवरी 2022
3
1
1

आज सुबह सुबह दो बहनों में लड़ाई हो गई कॉलोनी के बीच चौराहे पर हाथापाई हो गई दोनों ही बहने ऊंचे घराने "हफ्ता खानदान" की थीं एक बड़ी तेज तर्रार तो दूसरी थोड़ी नादान थी तेज तर्रार बहन का न

2

कॉलेज के दिन

10 जनवरी 2022
1
0
0

कॉलेज के दिनों में एक लड़की से आंखें लड़ गईं लड़की तो खुश थी मगर उसकी मम्मी बिगड़ गई लड़की पर उसकी मम्मी पूरी निगाहें रखती थी हमें निकम्मा, नालायक आवारा ही समझती थी चोरी चोरी चुपके चुपके हम दोन

3

विदेश यात्रा

12 जनवरी 2022
1
1
0

आज सुबह सुबह श्रीमती जी ने जैसे ही मुझे जगाया जाना है विदेश यात्रा पर उठते ही ये फरमान सुनाया हमने कहा "भाग्यवान, क्या गयी तुम्हारी मति मारी है देखती नहीं सकल विश्व में कोरोना नामक महामारी है ऐस

4

गीत : लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम

18 जनवरी 2022
0
0
0

लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम कड़कड़ाती, कंपकंपाती कहर ढाती ठंड का मौसम कोहरे की रजाई ओढ़े सूरज देर तलक सोता है ठंड से ठिठका सवेरा ठहर ठहर कर चलता है पानी का नाम सुनते ही सबक

5

अमरूद का पेड़

23 फरवरी 2022
1
1
0

मेरे आंगन में खड़ा है एक अमरूद का पेड़ नटखट, शरारती बड़ा है अमरूद का पेड़ आजकल बहारें उस पर टूट कर आयीं हैं अमरूदों की छटा ने घर में धूम मचाई है क्या बच्चे क्या बीवी, सब उसके दीवान

6

एक नारी सब पर भारी

2 मार्च 2022
1
1
0

नारी , तुम धन्य हो । सास बनकर बहू का जीवन नर्क बनाती हो कभी बहू बनकर सास को बेघर करवाती हो । ननद के रूप में भाभी की चुगली दिनभर करती हो कभी भाभी बनकर ननद को मायके के लिए तरसा देती हो । वो तुम्ही

7

चाय और कॉफी

3 मार्च 2022
0
0
0

चाय की लोकप्रियता से कॉफी बुरी तरह जल गई "ये सबकी चहेती क्यों है" यही बात उसे खल गई चाय का रूप रंग कितना गोरा और लाल चट्ट है कॉफी कितनी काली कलूटी और बड़ी मुंहफट्ट है चाय और कॉफी दोनो

8

अनकही बातें

7 मार्च 2022
1
1
0

बचपन में जब अध्यापक बिना बात डांटते थे हमारे होंठ गुस्से और क्षोभ से कुछ बुदबुदाते थे जो बातें दिल के कोने से निकलने को बेताब थीं शांत रहकर उन्हें दिल ही दिल में दबाये जाते थे ।&nbsp

9

गजल : बीवी और प्रेमिका

2 अप्रैल 2022
1
0
0

प्रेमिका की बातें मीठी , बीवी की "शोर" लगती हैं एक "दिल की आवाज", दूसरी "मुंहजोर" लगती है "उसका" चेहरा चांद लगे पर "वह" कद्दू सी दिखती है बीवी अमावस की रात, प्रेयसी गुनगुनी भोर लगती है&nbs

10

अगर शब्दों के पंख होते

13 मई 2022
0
0
0

अगर शब्दों के भी पंख होते जज्बात सारे हवा में ही उड़ते दिल के अरमान शब्द बनकर किसी के दिल पे सीधे लैंड करते ना चिठ्ठी पत्री की जरूरत होती ना एस एम एस होता ना मेल होती ना किसी क

11

भूतों से बात

19 मई 2022
0
0
0

भूतों से बातें करने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर भूतों का रिकॉर्ड देखकर डर भी बहुत है मैं भी किसी भूत से मिलना चाहता हूं "भूत कैसे बना" उससे जानना चाहता हूं । भूत कितने प्रकार के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए