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विदेश यात्रा

12 जनवरी 2022

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आज सुबह सुबह श्रीमती जी ने जैसे ही मुझे जगाया
जाना है विदेश यात्रा पर उठते ही ये फरमान सुनाया 
हमने कहा "भाग्यवान, क्या गयी तुम्हारी मति मारी है
देखती नहीं सकल विश्व में कोरोना नामक महामारी है
ऐसे में विदेश यात्रा करके यमराज को क्यों बुलाती हो
ठाली बैठे स्वर्गारोहण अभियान  प्लान क्यों बनाती हो 
एक दिन में पासपोर्ट, वीजा ,टिकट तैयार नहीं हो पाएंगे
इनकी व्यवस्था करते करते हम खुद "टें" बोल जाएंगे 
यदि मरने का इतना ही शौक है तो यहां अवसर कम नहीं
भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, सांप्रदायिक उन्माद कुछ कम नहीं 
जातिवाद, भाषावाद, नारीवाद, क्षेत्रीयता का बोलबाला है
इन सब झगड़ों ने न जाने कितने लोगों को मार डाला है अराजकता यहां चरम पर है कानून के हाथ बहुत छोटे हैं
अपराधी बेखौफ, राजनीति में सिक्के अधिकांश खोटे हैं 
विदेश में भी सब कुछ अच्छा हो, यह कोई जरूरी नहीं है
दूर के ढ़ोल सुहाने हैं, यह कहावत क्या तुमने सुनी नहीं है
सबसे समृद्ध अमरीका में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं 
यूरोप भी कुछ कम नहीं वहां भी जिंदगी ऐसे ही रो रही है 
इसलिए अच्छा है कि तुम सुरक्षित हमारे साथ घर में रहो 
दोनों संग संग हैं तो फिर देश विदेश सब यहीं हैं, मौज करो 

हरिशंकर गोयल "हरि"
12.1.22 


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रचनाएँ
हास्य काव्य
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विभिन्न विषयों पर हंसने हंसाने वाली कविताएं इस किताब में मिलेंगी
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रविवार की सुबह

9 जनवरी 2022
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आज सुबह सुबह दो बहनों में लड़ाई हो गई कॉलोनी के बीच चौराहे पर हाथापाई हो गई दोनों ही बहने ऊंचे घराने "हफ्ता खानदान" की थीं एक बड़ी तेज तर्रार तो दूसरी थोड़ी नादान थी तेज तर्रार बहन का न

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कॉलेज के दिन

10 जनवरी 2022
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कॉलेज के दिनों में एक लड़की से आंखें लड़ गईं लड़की तो खुश थी मगर उसकी मम्मी बिगड़ गई लड़की पर उसकी मम्मी पूरी निगाहें रखती थी हमें निकम्मा, नालायक आवारा ही समझती थी चोरी चोरी चुपके चुपके हम दोन

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विदेश यात्रा

12 जनवरी 2022
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गीत : लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम

18 जनवरी 2022
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लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम कड़कड़ाती, कंपकंपाती कहर ढाती ठंड का मौसम कोहरे की रजाई ओढ़े सूरज देर तलक सोता है ठंड से ठिठका सवेरा ठहर ठहर कर चलता है पानी का नाम सुनते ही सबक

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23 फरवरी 2022
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मेरे आंगन में खड़ा है एक अमरूद का पेड़ नटखट, शरारती बड़ा है अमरूद का पेड़ आजकल बहारें उस पर टूट कर आयीं हैं अमरूदों की छटा ने घर में धूम मचाई है क्या बच्चे क्या बीवी, सब उसके दीवान

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2 मार्च 2022
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नारी , तुम धन्य हो । सास बनकर बहू का जीवन नर्क बनाती हो कभी बहू बनकर सास को बेघर करवाती हो । ननद के रूप में भाभी की चुगली दिनभर करती हो कभी भाभी बनकर ननद को मायके के लिए तरसा देती हो । वो तुम्ही

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3 मार्च 2022
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7 मार्च 2022
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गजल : बीवी और प्रेमिका

2 अप्रैल 2022
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13 मई 2022
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अगर शब्दों के भी पंख होते जज्बात सारे हवा में ही उड़ते दिल के अरमान शब्द बनकर किसी के दिल पे सीधे लैंड करते ना चिठ्ठी पत्री की जरूरत होती ना एस एम एस होता ना मेल होती ना किसी क

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भूतों से बातें करने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर भूतों का रिकॉर्ड देखकर डर भी बहुत है मैं भी किसी भूत से मिलना चाहता हूं "भूत कैसे बना" उससे जानना चाहता हूं । भूत कितने प्रकार के

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