नारी , तुम धन्य हो ।
सास बनकर बहू का जीवन नर्क बनाती हो
कभी बहू बनकर सास को बेघर करवाती हो ।
ननद के रूप में भाभी की चुगली दिनभर करती हो
कभी भाभी बनकर ननद को मायके के लिए तरसा देती हो ।
वो तुम्ही हो जो एक नारी को बांझ कहती हो
लड़की होने पर सबसे अधिक दुख तुम ही जताती हो
दहेज कम लाने का ताना तुम ही तो मारती हो
सौतेले बच्चों पर जुल्म भी तुम ही ढ़ाती हो
सौतन बनकर किसी का बसाया घर तुम्ही उजाड़ती हो
पति को मां से दूर और बेटे को बहू से दूर भी तुम्हीं कराती हो
तुम तो हांडी के दो पेट तक करा देती हो
तुम्ही हो जो किसी विधवा का जीवन नर्क बनाती हो
राम के वन गमन का कारण तुम थी
अधिकांश युद्धों का कारण भी तुम थीं
घर टूटने का कारण भी तुम ही हो
गृह क्लेश का कारण भी तुम्ही हो
तुम तो इतनी महान हो देवी ,
कि देश में आपात काल का कारण भी तुम्ही हो ।
😀😀
Take it easy .
फागुन का महीना है