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एक नारी सब पर भारी

2 मार्च 2022

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नारी , तुम धन्य हो ।
सास बनकर बहू का जीवन नर्क बनाती हो
कभी बहू बनकर सास को बेघर करवाती हो ।
ननद के रूप में भाभी की चुगली दिनभर करती हो
कभी भाभी बनकर ननद को मायके के लिए तरसा देती हो ।
वो तुम्ही हो जो एक नारी को बांझ कहती हो
लड़की होने पर सबसे अधिक दुख तुम ही जताती हो
दहेज कम लाने का ताना तुम ही तो मारती हो
सौतेले बच्चों पर जुल्म भी तुम ही ढ़ाती हो
सौतन बनकर किसी का बसाया घर तुम्ही उजाड़ती हो
पति को मां से दूर और बेटे को बहू से दूर भी तुम्हीं कराती हो
तुम तो हांडी के दो पेट तक करा देती हो
तुम्ही हो जो किसी विधवा का जीवन नर्क बनाती हो
राम के वन गमन का कारण तुम थी
अधिकांश युद्धों का कारण भी तुम थीं
घर टूटने का कारण भी तुम ही हो
गृह क्लेश का कारण भी तुम्ही हो
तुम तो इतनी महान हो देवी ,
कि देश में आपात काल का कारण भी तुम्ही हो ।

😀😀

Take it easy .

फागुन का महीना है


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रचनाएँ
हास्य काव्य
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विभिन्न विषयों पर हंसने हंसाने वाली कविताएं इस किताब में मिलेंगी
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रविवार की सुबह

9 जनवरी 2022
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आज सुबह सुबह दो बहनों में लड़ाई हो गई कॉलोनी के बीच चौराहे पर हाथापाई हो गई दोनों ही बहने ऊंचे घराने "हफ्ता खानदान" की थीं एक बड़ी तेज तर्रार तो दूसरी थोड़ी नादान थी तेज तर्रार बहन का न

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कॉलेज के दिन

10 जनवरी 2022
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कॉलेज के दिनों में एक लड़की से आंखें लड़ गईं लड़की तो खुश थी मगर उसकी मम्मी बिगड़ गई लड़की पर उसकी मम्मी पूरी निगाहें रखती थी हमें निकम्मा, नालायक आवारा ही समझती थी चोरी चोरी चुपके चुपके हम दोन

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विदेश यात्रा

12 जनवरी 2022
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आज सुबह सुबह श्रीमती जी ने जैसे ही मुझे जगाया जाना है विदेश यात्रा पर उठते ही ये फरमान सुनाया हमने कहा "भाग्यवान, क्या गयी तुम्हारी मति मारी है देखती नहीं सकल विश्व में कोरोना नामक महामारी है ऐस

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गीत : लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम

18 जनवरी 2022
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लो फिर आ गया है वो ठिठुरती सर्दी का मौसम कड़कड़ाती, कंपकंपाती कहर ढाती ठंड का मौसम कोहरे की रजाई ओढ़े सूरज देर तलक सोता है ठंड से ठिठका सवेरा ठहर ठहर कर चलता है पानी का नाम सुनते ही सबक

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अमरूद का पेड़

23 फरवरी 2022
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मेरे आंगन में खड़ा है एक अमरूद का पेड़ नटखट, शरारती बड़ा है अमरूद का पेड़ आजकल बहारें उस पर टूट कर आयीं हैं अमरूदों की छटा ने घर में धूम मचाई है क्या बच्चे क्या बीवी, सब उसके दीवान

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एक नारी सब पर भारी

2 मार्च 2022
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नारी , तुम धन्य हो । सास बनकर बहू का जीवन नर्क बनाती हो कभी बहू बनकर सास को बेघर करवाती हो । ननद के रूप में भाभी की चुगली दिनभर करती हो कभी भाभी बनकर ननद को मायके के लिए तरसा देती हो । वो तुम्ही

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चाय और कॉफी

3 मार्च 2022
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चाय की लोकप्रियता से कॉफी बुरी तरह जल गई "ये सबकी चहेती क्यों है" यही बात उसे खल गई चाय का रूप रंग कितना गोरा और लाल चट्ट है कॉफी कितनी काली कलूटी और बड़ी मुंहफट्ट है चाय और कॉफी दोनो

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अनकही बातें

7 मार्च 2022
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बचपन में जब अध्यापक बिना बात डांटते थे हमारे होंठ गुस्से और क्षोभ से कुछ बुदबुदाते थे जो बातें दिल के कोने से निकलने को बेताब थीं शांत रहकर उन्हें दिल ही दिल में दबाये जाते थे ।&nbsp

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गजल : बीवी और प्रेमिका

2 अप्रैल 2022
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प्रेमिका की बातें मीठी , बीवी की "शोर" लगती हैं एक "दिल की आवाज", दूसरी "मुंहजोर" लगती है "उसका" चेहरा चांद लगे पर "वह" कद्दू सी दिखती है बीवी अमावस की रात, प्रेयसी गुनगुनी भोर लगती है&nbs

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अगर शब्दों के पंख होते

13 मई 2022
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अगर शब्दों के भी पंख होते जज्बात सारे हवा में ही उड़ते दिल के अरमान शब्द बनकर किसी के दिल पे सीधे लैंड करते ना चिठ्ठी पत्री की जरूरत होती ना एस एम एस होता ना मेल होती ना किसी क

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भूतों से बात

19 मई 2022
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भूतों से बातें करने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर भूतों का रिकॉर्ड देखकर डर भी बहुत है मैं भी किसी भूत से मिलना चाहता हूं "भूत कैसे बना" उससे जानना चाहता हूं । भूत कितने प्रकार के

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