नफे सिंह कई बार झिझकते मेरे केबिन के बाहर से अंदर झांकता रहता था. कभी फुर्सत होती तो उसे मैं अंदर बुला लेता था. बचत खाते से दो तीन सो रुपये निकालने के लिए उसे फॉर्म भरवाना होता था तो मैं ही भर देता था. उसका अंगूठा लगवा कर और पूरी कारवाई करके पेमेंट के लिए .....दूसरी शादी, Sketches from Life: दूसरी