आज का ख्याल ताज़ा है कुछ और है
तुमसे मिलने की बात ही कुछ और है
नहीं रहता था पहले इन्तजार किसी घडी का
जो अब तुम हो ये एहसास कुछ और है...
तेरे हाथ जो मेरे हाथ में यूँ रहे हमेशा
ये अनकहे जज़्बात मेरे अब कुछ और है
देखता भी रहूँ और सोंचता भी रहूँ तुझे अब
ना रहे ख्याल मुझे कुछ, वो ख्याल कुछ और है
है सामने तस्वीर भी तेरी और तू भी मेरे पर
मचल उठे जज्बात वो जज्बात कुछ और है
कहने की कोशिश कल भी की आज भी है कोशिश
ना समझ सके तुम कुछ तो वो बात कुछ और है
देख लेना कभी आईने में खुद को करीब से
जो मुस्कान तेरे होठों पे है वो मुस्कान कुछ और है
लौट आना तुम मुझसे फिर ये कहने बेहया
तुम्हे जितना है मुझसे, मुझे प्यार तुमसे कुछ और है..