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नख भी बोलते हैं!

11 जुलाई 2016

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    अंगुलियों में जड़े नाखुन भी कुछ कहते हैं, यह कभी नहीं सोचा होगा आपने। आज नाखुनों की चर्चा करते हैं। मानव की ऊर्जा हमेशा खर्च होती रहती है, ऐसी स्थिति में उसे आहार की आवश्यकता होती है।

    आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के भोजन से रस बनता है रस से मांस, मांस से मेदा, मेदा से मज्जा, मज्जा से शुक्र बनता है। शुक्र भोजन करने के 28 दिन के पश्चात्‌ बनता है। प्रत्येक धातु का एक मैल भी निकलता है, परन्तु शुक्र धातु का कोई मैल नहीं निकलता। वह बिल्कुल शुद्ध होता है।

    नख क्या है? नख हड्डी का मैल होता है।

    तर्जनी मध्यमा और अनामिका का गर्भावस्था में नख 124 दिन बाद पूरा आ जाता है।

    कनिष्ठका 121 दिन लेती है और अंगूठे का नख 140 दिन बाद पूरा निकलकर बाहर आता है।

    नखों से विशेषतः शरीर की व्याधि और कुछ अन्य रोगों की जानकारी प्राप्त होती है।

    नखों पर होने वाला चिह्न किसी आने वाले आगामी खतरे को सूचित करता है।

    साफ, और चौड़ा नख अच्छे स्वास्थ्य का सूचक होता है। सात प्रकार के नखों वाली अंगुलियां होती हैं।

    लम्बा नाखून-लम्बे नाखून शारीरिक शक्ति के प्रतीक नहीं होते। 

    छोटे और चौड़े नाखून वालों की शारीरिक शक्ति अधिक होती है। ऐसे लोग ज्यादा बहसबाजी नहीं करते और न आलोचना करते हैं। कविता, कला, संगीत, चित्रकारिता आदि के प्रेमी होते हैं तथा सिरदर्द, गले में खराबी आदि की बीमारी होने की स्थिति उत्पन्न होती है।

    छोटा नाखून-छोटे नख वाले व्यक्ति तार्किक होते हैं तथा अन्य लोगों से भिन्न मतवाले होकर कठोर आलोचक होते हैं। इनमें सोचने की शक्ति अधिक होती है। परन्तु निर्णय में उतावले होते हैं। दिल के कुछ कठोर होते है तथा उनमें सहन शक्ति कम होती है, कभी-कभी तथ्य को न समझ पाने की स्थिति में उसे मजाक बनाकर बच निकलते हैं। ऐसे लोगों में दिल के दौरे की बीमारी होने की सम्भावनायें पायी जाती हैं तथा चिड़चिड़ापन होता है।

    चौकोर और छोटा नख-यह सामान्य कमजोरी का सूचक होता है ऐसे लोगों में हृदय से सम्बन्धी अनेक रोग पाये जाते हैं। नख पर किसी प्रकार का गड्ढा आदि होने पर डेगूं बुखार एवं आन्तरिक पीड़ा का संकेत पाया जाता है तथा बदला लेने की भावना इनमें खूब होती है।

    त्रिभुजकार नख-ऐसे नख वालों को गला, लकवा, और श्वास सम्बन्धी बीमारी होती है तथा ऐसे नाखून में चन्द्राकृति न होने पर व्यक्ति सनकी स्वभाव का होता है।

    चौड़ा नख-चौड़ा नख अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है, ऐसे व्यक्ति खाने-पीने के शौकीन तथा स्वास्थ्य के धनी होते हैं।

    उभरा हुआ नख-ऐसे नख के स्वामी का फेफड़ा कमजोर होता है, तथा कण्ठमाला बीमारी का सामना करना पड़ता है।

    गरारियाँ सहित नख-ऐसे नख वाले व्यक्ति को कमला की बीमारी होती है तथा कभी-कभी श्वास एवं दमा की शिकायत होती है।

        नाखूनों की देखभाल कैसे भी कर लें, परन्तु उनके प्रभाव को नहीं बदला जा सकता। भले ही कार्य करते-करते नाखून टूट जाय।    

        मुख्यतः ये चार प्रकार के ही पाये जाते हैं। लम्बे, छोटे, चौड़े, और संकीर्ण।

डाॅ कंचन पुरी

डाॅ कंचन पुरी

ज्ञानवर्धक

11 जुलाई 2016

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रचनाएँ
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ज्योतिषीय ज्ञान जीवन को सुपथ पर ले जाता है!
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रूद्राक्ष : सत्य और तथ्य

27 मई 2016
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रूद्राक्ष का प्रयोग बहुतायत से होता है। रूद्राक्ष के विषय में कुछ सत्य और तथ्य आपको बता रहे हैं जिससे आप असली व नकली की पहचान कर सकें। रूद्राक्ष को शिव का नेत्र कहते हैं। रूद्राक्ष का वृक्ष नेपाल, इंडोनेशिया और भारत में पाया जाता है। इस पेड़ पर फल लगते हैं, इनका छिलका उतारने पर भीतर से मजबूत गुठली नि

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कर्म, भाग्य और ज्योतिष

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        प्रत्येक मनुष्य का जन्म जिन परिस्थितियों एवं वातावरण में होता है, ये सब पूर्व निर्धारित है। भाग्य पूर्व निर्धारित होता है। मानव जीवन में होने वाली घटनाएं पूर्व निर्धारित न होतीं तो कोई भी ज्योतिषी उसे जान नहीं सकता था। भविष्य में क्या होने वाला है, ज्‍योतिषी इसका मात्र संकेत दे सकता है। ब्रह

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क्‍या तिलक लगाना लाभदायी है!

12 जून 2016
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        पूजन में तिलक लगाना महत्‍वपूर्ण एवं लाभकारी है। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। इनसे मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट के विकार नहीं होते हैं।    मस्तक पर चंदन का तिलक सुगंध के

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पंचक है क्या बला?

16 जून 2016
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    धनिष्‍ठा से रेवती तक के पांच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं  रेवती) को  पंचक  कहते   हैं। पंचक का अर्थ ही पांच नक्षत्रों का समूह है। दूसरे शब्‍दों में कह सकते हैं कि कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते हैं, उस अवधि को पंचक कहते है। पंचक काल सदैव सब  कामों के लिए  अशुभ 

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सुखद् गृहस्थ जीवन के लिए सही कुण्डली मिलान क्या है?

24 जून 2016
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                                                    कम्प्यूटर में लड़के और लड़की का जन्म दिनांक, जन्म समय, जन्म स्थान फीड किया और झट से गुण संख्या देखी। यदि गुण अच्छे हैं और दोनों मंगली नहीं हैं तो हो गया कुण्डली मिलान। यह सम्पूर्ण कुण्डली मिलान नहीं है। मात्र गुण मिलान से ही कुण्डली नहीं मिल जाती है।

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राशिफल किस राशि से देखें?

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सूर्य की उत्पत्ति

12 जुलाई 2016
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    आप को बता दें कि सृष्टि के प्रारम्भ में ब्रह्मा जी के मुख से ॐ शब्द प्रकट हुआ था वही सूर्य का प्रारम्भिक सूक्ष्म स्वरूप था। तदोपरान्त भूः, भुव तथा स्व शब्द उत्पन्न हुए। ये तीनों शब्द पिंड रूप में ॐ में विलीन हए तो सूर्य को स्थूल रूप मिला। सृष्टि के प्रारम्भ में उत्पन्न होने से इसका नाम आदित्य पड

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वैवाहिक विलम्ब दूर करने का अनुभूत प्रयोग

15 जुलाई 2016
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    यदि आपके विवाह में विलम्ब हो रहा है और बिना बात की बाधांए आ रही है, काम बनते बनते बिगड़ रहा है! प्रयास कर-कर के थक गए हैं तो इस बाधा व विलम्ब को दूर करने के लिए एक अनुभूत प्रयोग बता रहे हैं। इस प्रयोग से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं, विवाह होने का मार्ग प्रशस्त होता है और अच्छे व सम्पन्न परिवारों

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स्वर द्वारा सफल यात्रा व कार्यसिद्धि कैसे करे?

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     स्वर दो होते हैं-सूर्य स्वर(दायां) और चन्द्र स्वर(बायां)।      सूर्य स्वर दाएं नथुने से और चन्द्र स्वर बाएं नथुने से आता-जाता रहता है।      दोनों स्वर ढाई-ढाई घड़ी में बदलते रहते हैं।     जिस नथुने  से श्‍वास अधिक तेजी से अन्‍दर जाए या निकले वह स्‍वर चल रहा होता है।       आप यात्रा करने जा र

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सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते हैं?

22 जुलाई 2016
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    क्‍या आपको पता है कि सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते हैं? प्राय: उगते सूर्य को अर्ध्‍य देने (जल चढ़ाने) का महत्व है। इसके अनेक लाभ बताए गए हैं। ज्‍योतिष की दृष्टि से सूर्य देव प्रसन्‍न होते हैं।      जब किसी कुंडली में सूर्य की अन्‍य ग्रहों के साथ युति होती है और यदि दोनों ग्रहों के मध्‍य 15 अंश तक का

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पीपल की पूजा क्यों होती है?

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    हमारे देश में प्रत्‍येक मन्दिर में पीपल की पूजा होती है। पीपल की पूजा क्‍यों होती है? यह प्रश्न ऐसा है जिसका उत्तर सभी जानना चाहते हैं। आज इस बात की चर्चा करेंगे जिससे कि आप यह जान सकें कि पीपल की पूजा क्यों होती है। एक कथा लोक चर्चित  हैं जो इस प्रश्न का उत्तर स्वतः बता देती है।    अगस्त्य ऋषि

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क्या हमें, बच्चों या पशु-पक्षियों को पूर्वाभास हो जाता है?

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     क्या हमें, बच्चों या पशु-पक्षियों को पूर्वाभास हो जाता है? भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्व में ज्ञान हो जाना ही पूर्वाभास है। कुछ लोगों को अपनी मृत्यु से पूर्व ही ऐसा लगने लगता है कि मेरी मृत्यु समीप है। इसी को पूर्वाभास कहते हैं। कुछ लोग पूर्वाभास को दैवीय संकेत कहते हैं। पूर्वाभास स्वप्न

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सूर्य को जल कैसे चढ़ाएं ?

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    सूर्य को जल चढ़ाने के लिए एक तांबे का लोटा ले लें। उसमें शुद्ध जल ले लें, थोड़े चावल के दाने डाल लें, थोड़ी रौली डाल लें एवं थोड़ा सा गुड़ का टुकड़ा डाल लें।     तदोपरान्‍त सूर्य को जल चढ़ाते समय अर्थात् जल का लोटा खाली होने तक अधोलिखित सूर्य के द्वादश नामों का जाप करें-    ॐ मित्राय नमः aum mit

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गण्डमूल इतने अशुभ क्यों ? (भाग एक )

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                                              यह जान लें कि सन्धिकाल सदैव से ही अशुभ, हानिकारक, कष्टदायी व असमंजस युक्त होता है। सन्धि से तात्पर्य एक की समाप्ति और दूसरे का प्रारम्भ, अब चाहे वह समय हो या स्थान हो या परिस्थिति हो। ऋतुओं की सन्धि रोगकारक होती है। ज्योतिष में अनेक प्रकार की सन्धि है, ज

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गण्डमूल इतने अशुभ क्यों ? (भाग-2)

7 अगस्त 2016
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    पूर्व लेख में गण्डमूल इतने अशुभ क्यों के अन्तर्गत सन्धि की चर्चा के साथ-साथ यह बता चुके हैं कि सन्धि कैसी भी हो अशुभ होती है। बड़े व छोटे मूल क्या हैं। गण्डान्त मूल और उसका फल क्या है। अब इसी ज्ञान में और वृद्धि करते हैं।    अभुक्त मूल-ज्येष्ठा नक्षत्र के अन्त की 1घटी(24मिनट) तथा मूल नक्षत्र की

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मन्त्र में विघ्‍न दूर करने की शक्ति होती है!

20 अगस्त 2016
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आप यह जान लें कि मन्त्र में विघ्‍न दूर करने की शक्ति होती है। भौतिक विज्ञान के जानकार कहते हैं कि ध्वनि कुछ नहीं है मात्र विद्युत के रूपान्तरण के। जबकि अध्यात्म शास्त्री कहते हैं कि

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रोग शान्ति का मन्‍त्र प्रयोग

16 फरवरी 2017
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स्‍वस्‍थ्‍य सभी रहना चाहते हैं। रोगभय से सभी घबराते हैं। राेग से मुक्ति सभी को चाहिए। रोग शान्‍त हो जाए इसके लिए एक मन्‍त्र प्रयोग दे रहे हैं। मन्‍त्र की शक्ति सर्वविदित है। इस प्रयोग को आस्‍था व विश्‍वास के साथ करेंगे तो अवश्‍य लाभ होगा। चिकित्‍सक से अपना इलाज कराएं औ

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यादाश्‍त बढ़ाने के सरल प्रयोग

19 जून 2017
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यादाश्‍त बढ़ाने के सरल प्रयोगइस वीडियो में यह बताने का प्रयास किया गया है कि कम होती यादाश्‍त को बढ़ाने के लिए क्‍या करें। यदि अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद् और मनोरंजक वीडियो की जानकारी पाएं।Share, Suppo

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मासिक राशिफल जुलाई 2017

2 जुलाई 2017
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मासिक राशिफल जुलाई 2017 आज रविवार है और प्रत्‍येक रविवार को योग, ज्‍योतिष या किसी अन्‍य विषय की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में 'मासिक राशिफल जुलाई २०१७' का बारह राशि का दे रहे हैं और यह प्रत्‍येक मास के अन्तिम रविवार को देंगे। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें

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माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटका

24 जुलाई 2017
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माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटकाआज शनिवार है और प्रत्‍येक शनिवार को टोटका उपाय प्रयोग की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटका बताने का प्रयास करेंगे जिससे आप इस रोग द्वारा होने वाले कष्‍ट से बच सकें। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस

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यदि आप भगवान को पाना चाहते है तो यह छोड़ दें

15 सितम्बर 2017
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यदि आप भगवान को पाना चाहते है तो यह छोड़ देंआज की वीडियो में एक कहानी सुनाकर यह बताने का प्रयास करेंगे कि भगवान को पाने के लिए क्‍या छोड़ना पड़ेगा। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद्, मनोरंजक और जीवनोपयोग

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गर्भावस्‍था में सबकुछ ठीक रखने का उपाय

16 सितम्बर 2017
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आज की वीडियो में एक सरल उपाय बताएंगे जिससे गर्भावस्‍था में सबकुछ ठीक रहे व जच्‍चा-बच्‍चा स्‍वस्‍थ रहें और डिलीवरी भी नार्मल हो। यदि आपने अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद्, मनोरंजक और जीवनोपयोगी वीडियो की जान

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