shabd-logo

पंचक है क्या बला?

16 जून 2016

652 बार देखा गया 652
featured image

    धनिष्‍ठा से रेवती तक के पांच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं  रेवती) को  पंचक  कहते   हैं। पंचक का अर्थ ही पांच नक्षत्रों का समूह है। दूसरे शब्‍दों में कह सकते हैं कि कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते हैं, उस अवधि को पंचक कहते है। पंचक काल सदैव सब  कामों के लिए  अशुभ  नहीं होता है। 

    पंचक में पांच कार्य करने सर्वथा वर्जित माने जाते है-

    1-इसमें तृण काष्‍ठादि ईंधन एकत्र करना।

    2-इसमें दक्षिण दिशा की यात्रा करना।

    3-इसमें घर की छत डालना।

    4-इसमें चारपाई बनवाना।

    5-इसमें शव का अन्तिम संस्कार करना।

    उक्‍त पांचों कार्यों को करना शुभ नहीं माना जाता है। ऋषि गर्ग के अनुसार शुभाशुभ जो भी कार्य पंचकों में किया जाता है, वह पांच गुणा करना पडता है। स्‍पष्‍ट है कि इन नक्षत्र समय में इनमें से कोई भी कार्य करने पर, उक्त कार्य को पांच बार दोहराना पड सकता है। कहते हैं कि उक्‍त कार्य करने से धनिष्‍ठा नक्षत्र में  अग्नि का भय रहता है, शतभिषा नक्षत्र में कलह होती है, पूर्वा भाद्रपद में रोग होता है, उतरा भाद्रपद में धन के रूप में दण्‍ड होता है एवं  रेवती में धन की हानि होती है।

    वस्‍तुत: पंचक नक्षत्र समयावधि में निम्‍न कार्य नहीं करने चाहिएं-लकडी तोडना, तिनके तोडना, दक्षिण दिशा की यात्रा, प्रेतादि- शान्ति कार्य, स्तम्भारोपन, तृण, ताम्बा, पीतल, लकडी आदि का संचय , दुकान, पद ग्रहण व पद का त्याग करना अशुभ है, मकान की छत, चारपाई, चटाई आदि बुनना भी त्याज्य होता है। विशेष परिस्थितियों में ये कार्य करने आवश्यक हों तो किसी योग्य पंडित से पंचक शान्ति करवा लेने चाहिएं।

     मुहूर्त ग्रन्थों के अनुसार विवाह, मुण्डन, गृहारम्भ, गृ्ह प्रवेश, वधू- प्रवेश, उपनयन आदि में इस समय का विचार नहीं किया जाता है और रक्षा-बन्धन, भैय्या दूज आदि पर्वों में भी पंचक नक्षत्रों का निषेध के बारे में विचार नहीं किया जाता है।

     यदि किसी व्यक्ति की मृत्‍यु पंचक अवधि में हो जाती है तो दाह के समय पंचक शान्ति अवश्य करनी चाहिए। आटे या कुशा से पांच पुतले  बनाएं। पुतले  लपेटने के लिए ऊन के धागे का प्रयोग  करना चाहिए। बाद में जौ के  गीले आटे का लेप लगाने के बाद  शव को चिता पर लिटाने के  उपरान्त पांच पुतले  नाम  लेकर इस प्रकार रखने चाहिएं-

1. मैं प्रेतदाह को स्थापित करता हूं ! 

2. मैं प्रेतसखा को स्थापित करता हूं! 

3. मैं प्रेतपति को स्थापित करता हूं! 

4. मैं प्रेतभूमि को स्थापित करता हूं! 

5. मैं प्रेतहर्ता को स्थापित करता हूं!

 इन पांचों पुतलों का भी शव के साथ पूर्ण विधि-विधान से अन्तिम संस्कार किया जाता है। इसी को पिण्‍ड दान कहते हैं। यह इसलिए करते हैं कि परिवार में बाद में लगातार और मृत्‍यु न हों।



डाॅ कंचन पुरी

डाॅ कंचन पुरी

पंचक के विषय में जो संशय था वह दूर हो गया

16 जून 2016

23
रचनाएँ
jyotishniketan
0.0
ज्योतिषीय ज्ञान जीवन को सुपथ पर ले जाता है!
1

रूद्राक्ष : सत्य और तथ्य

27 मई 2016
0
5
1

रूद्राक्ष का प्रयोग बहुतायत से होता है। रूद्राक्ष के विषय में कुछ सत्य और तथ्य आपको बता रहे हैं जिससे आप असली व नकली की पहचान कर सकें। रूद्राक्ष को शिव का नेत्र कहते हैं। रूद्राक्ष का वृक्ष नेपाल, इंडोनेशिया और भारत में पाया जाता है। इस पेड़ पर फल लगते हैं, इनका छिलका उतारने पर भीतर से मजबूत गुठली नि

2

कर्म, भाग्य और ज्योतिष

1 जून 2016
0
4
3

        प्रत्येक मनुष्य का जन्म जिन परिस्थितियों एवं वातावरण में होता है, ये सब पूर्व निर्धारित है। भाग्य पूर्व निर्धारित होता है। मानव जीवन में होने वाली घटनाएं पूर्व निर्धारित न होतीं तो कोई भी ज्योतिषी उसे जान नहीं सकता था। भविष्य में क्या होने वाला है, ज्‍योतिषी इसका मात्र संकेत दे सकता है। ब्रह

3

क्‍या तिलक लगाना लाभदायी है!

12 जून 2016
0
5
0

        पूजन में तिलक लगाना महत्‍वपूर्ण एवं लाभकारी है। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। इनसे मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट के विकार नहीं होते हैं।    मस्तक पर चंदन का तिलक सुगंध के

4

पंचक है क्या बला?

16 जून 2016
0
6
1

    धनिष्‍ठा से रेवती तक के पांच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं  रेवती) को  पंचक  कहते   हैं। पंचक का अर्थ ही पांच नक्षत्रों का समूह है। दूसरे शब्‍दों में कह सकते हैं कि कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते हैं, उस अवधि को पंचक कहते है। पंचक काल सदैव सब  कामों के लिए  अशुभ 

5

सुखद् गृहस्थ जीवन के लिए सही कुण्डली मिलान क्या है?

24 जून 2016
0
5
1

                                                    कम्प्यूटर में लड़के और लड़की का जन्म दिनांक, जन्म समय, जन्म स्थान फीड किया और झट से गुण संख्या देखी। यदि गुण अच्छे हैं और दोनों मंगली नहीं हैं तो हो गया कुण्डली मिलान। यह सम्पूर्ण कुण्डली मिलान नहीं है। मात्र गुण मिलान से ही कुण्डली नहीं मिल जाती है।

6

राशिफल किस राशि से देखें?

5 जुलाई 2016
0
4
0

    सभी समाचार पत्र और पत्रिकाएं राशिफल छापते हैं। अब तो नैट पर, अपने मोबाईल पर दैनिक राशिफल पढ़ने को मिल जाता है। प्राय: समाचार पत्रों में सूर्य राशि से जोकि अंग्रेजी तारीख के अनुसार अमुक अवधि से अमुक अवधि में उत्‍पन्‍न्‍ा होने पर ज्ञात होती है के अनुसार राशिफल लिखा रहता है। यह सूर्य राशि होती है औ

7

नख भी बोलते हैं!

11 जुलाई 2016
0
6
1

    अंगुलियों में जड़े नाखुन भी कुछ कहते हैं, यह कभी नहीं सोचा होगा आपने। आज नाखुनों की चर्चा करते हैं। मानव की ऊर्जा हमेशा खर्च होती रहती है, ऐसी स्थिति में उसे आहार की आवश्यकता होती है।     आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के भोजन से रस बनता है रस से मांस, मांस से मेदा, मेदा से मज्जा, मज्जा से शुक्र बनत

8

सूर्य की उत्पत्ति

12 जुलाई 2016
0
4
0

    आप को बता दें कि सृष्टि के प्रारम्भ में ब्रह्मा जी के मुख से ॐ शब्द प्रकट हुआ था वही सूर्य का प्रारम्भिक सूक्ष्म स्वरूप था। तदोपरान्त भूः, भुव तथा स्व शब्द उत्पन्न हुए। ये तीनों शब्द पिंड रूप में ॐ में विलीन हए तो सूर्य को स्थूल रूप मिला। सृष्टि के प्रारम्भ में उत्पन्न होने से इसका नाम आदित्य पड

9

वैवाहिक विलम्ब दूर करने का अनुभूत प्रयोग

15 जुलाई 2016
0
2
0

    यदि आपके विवाह में विलम्ब हो रहा है और बिना बात की बाधांए आ रही है, काम बनते बनते बिगड़ रहा है! प्रयास कर-कर के थक गए हैं तो इस बाधा व विलम्ब को दूर करने के लिए एक अनुभूत प्रयोग बता रहे हैं। इस प्रयोग से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं, विवाह होने का मार्ग प्रशस्त होता है और अच्छे व सम्पन्न परिवारों

10

स्वर द्वारा सफल यात्रा व कार्यसिद्धि कैसे करे?

18 जुलाई 2016
0
3
0

     स्वर दो होते हैं-सूर्य स्वर(दायां) और चन्द्र स्वर(बायां)।      सूर्य स्वर दाएं नथुने से और चन्द्र स्वर बाएं नथुने से आता-जाता रहता है।      दोनों स्वर ढाई-ढाई घड़ी में बदलते रहते हैं।     जिस नथुने  से श्‍वास अधिक तेजी से अन्‍दर जाए या निकले वह स्‍वर चल रहा होता है।       आप यात्रा करने जा र

11

सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते हैं?

22 जुलाई 2016
0
4
0

    क्‍या आपको पता है कि सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते हैं? प्राय: उगते सूर्य को अर्ध्‍य देने (जल चढ़ाने) का महत्व है। इसके अनेक लाभ बताए गए हैं। ज्‍योतिष की दृष्टि से सूर्य देव प्रसन्‍न होते हैं।      जब किसी कुंडली में सूर्य की अन्‍य ग्रहों के साथ युति होती है और यदि दोनों ग्रहों के मध्‍य 15 अंश तक का

12

पीपल की पूजा क्यों होती है?

24 जुलाई 2016
0
7
1

    हमारे देश में प्रत्‍येक मन्दिर में पीपल की पूजा होती है। पीपल की पूजा क्‍यों होती है? यह प्रश्न ऐसा है जिसका उत्तर सभी जानना चाहते हैं। आज इस बात की चर्चा करेंगे जिससे कि आप यह जान सकें कि पीपल की पूजा क्यों होती है। एक कथा लोक चर्चित  हैं जो इस प्रश्न का उत्तर स्वतः बता देती है।    अगस्त्य ऋषि

13

क्या हमें, बच्चों या पशु-पक्षियों को पूर्वाभास हो जाता है?

26 जुलाई 2016
0
2
0

     क्या हमें, बच्चों या पशु-पक्षियों को पूर्वाभास हो जाता है? भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्व में ज्ञान हो जाना ही पूर्वाभास है। कुछ लोगों को अपनी मृत्यु से पूर्व ही ऐसा लगने लगता है कि मेरी मृत्यु समीप है। इसी को पूर्वाभास कहते हैं। कुछ लोग पूर्वाभास को दैवीय संकेत कहते हैं। पूर्वाभास स्वप्न

14

सूर्य को जल कैसे चढ़ाएं ?

27 जुलाई 2016
0
4
0

    सूर्य को जल चढ़ाने के लिए एक तांबे का लोटा ले लें। उसमें शुद्ध जल ले लें, थोड़े चावल के दाने डाल लें, थोड़ी रौली डाल लें एवं थोड़ा सा गुड़ का टुकड़ा डाल लें।     तदोपरान्‍त सूर्य को जल चढ़ाते समय अर्थात् जल का लोटा खाली होने तक अधोलिखित सूर्य के द्वादश नामों का जाप करें-    ॐ मित्राय नमः aum mit

15

गण्डमूल इतने अशुभ क्यों ? (भाग एक )

6 अगस्त 2016
0
4
0

                                              यह जान लें कि सन्धिकाल सदैव से ही अशुभ, हानिकारक, कष्टदायी व असमंजस युक्त होता है। सन्धि से तात्पर्य एक की समाप्ति और दूसरे का प्रारम्भ, अब चाहे वह समय हो या स्थान हो या परिस्थिति हो। ऋतुओं की सन्धि रोगकारक होती है। ज्योतिष में अनेक प्रकार की सन्धि है, ज

16

गण्डमूल इतने अशुभ क्यों ? (भाग-2)

7 अगस्त 2016
0
2
1

    पूर्व लेख में गण्डमूल इतने अशुभ क्यों के अन्तर्गत सन्धि की चर्चा के साथ-साथ यह बता चुके हैं कि सन्धि कैसी भी हो अशुभ होती है। बड़े व छोटे मूल क्या हैं। गण्डान्त मूल और उसका फल क्या है। अब इसी ज्ञान में और वृद्धि करते हैं।    अभुक्त मूल-ज्येष्ठा नक्षत्र के अन्त की 1घटी(24मिनट) तथा मूल नक्षत्र की

17

मन्त्र में विघ्‍न दूर करने की शक्ति होती है!

20 अगस्त 2016
0
1
1

आप यह जान लें कि मन्त्र में विघ्‍न दूर करने की शक्ति होती है। भौतिक विज्ञान के जानकार कहते हैं कि ध्वनि कुछ नहीं है मात्र विद्युत के रूपान्तरण के। जबकि अध्यात्म शास्त्री कहते हैं कि

18

रोग शान्ति का मन्‍त्र प्रयोग

16 फरवरी 2017
0
1
0

स्‍वस्‍थ्‍य सभी रहना चाहते हैं। रोगभय से सभी घबराते हैं। राेग से मुक्ति सभी को चाहिए। रोग शान्‍त हो जाए इसके लिए एक मन्‍त्र प्रयोग दे रहे हैं। मन्‍त्र की शक्ति सर्वविदित है। इस प्रयोग को आस्‍था व विश्‍वास के साथ करेंगे तो अवश्‍य लाभ होगा। चिकित्‍सक से अपना इलाज कराएं औ

19

यादाश्‍त बढ़ाने के सरल प्रयोग

19 जून 2017
0
0
0

यादाश्‍त बढ़ाने के सरल प्रयोगइस वीडियो में यह बताने का प्रयास किया गया है कि कम होती यादाश्‍त को बढ़ाने के लिए क्‍या करें। यदि अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद् और मनोरंजक वीडियो की जानकारी पाएं।Share, Suppo

20

मासिक राशिफल जुलाई 2017

2 जुलाई 2017
0
1
0

मासिक राशिफल जुलाई 2017 आज रविवार है और प्रत्‍येक रविवार को योग, ज्‍योतिष या किसी अन्‍य विषय की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में 'मासिक राशिफल जुलाई २०१७' का बारह राशि का दे रहे हैं और यह प्रत्‍येक मास के अन्तिम रविवार को देंगे। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें

21

माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटका

24 जुलाई 2017
0
1
0

माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटकाआज शनिवार है और प्रत्‍येक शनिवार को टोटका उपाय प्रयोग की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में माइग्रेन से मुक्ति का आसान उपाय/टोटका बताने का प्रयास करेंगे जिससे आप इस रोग द्वारा होने वाले कष्‍ट से बच सकें। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस

22

यदि आप भगवान को पाना चाहते है तो यह छोड़ दें

15 सितम्बर 2017
0
1
0

यदि आप भगवान को पाना चाहते है तो यह छोड़ देंआज की वीडियो में एक कहानी सुनाकर यह बताने का प्रयास करेंगे कि भगवान को पाने के लिए क्‍या छोड़ना पड़ेगा। यदि आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद्, मनोरंजक और जीवनोपयोग

23

गर्भावस्‍था में सबकुछ ठीक रखने का उपाय

16 सितम्बर 2017
0
2
0

आज की वीडियो में एक सरल उपाय बताएंगे जिससे गर्भावस्‍था में सबकुछ ठीक रहे व जच्‍चा-बच्‍चा स्‍वस्‍थ रहें और डिलीवरी भी नार्मल हो। यदि आपने अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद्, मनोरंजक और जीवनोपयोगी वीडियो की जान

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए