यहां किताब मैने अपने जीवन मे घटित हुई घटनावों के ऊपर लिखी है और अपने जैसी कई महिलाओं पर हो रहे अत्याचारो के बारे मैं मैने इस किताब में लिखा है, वे हमारे समाज कि रूढ़िवादी सोच को दर्शाया हैं, जो महिलावों को आज भी घर की चार दीवारो में केद करके अपनी शान् समझतें हैं और माहिलाओ को उनके सपनों को पूरा करने से रोकते हैं और उनके पैरों मै जंजीरों को डाल कर उन्हें चार दीवारो मैं केद कर देते है।