इसी बीच माँ सुनाती है - बेटी आपको नौकरी किये बहुत दिन हो गए है क्यों न तुम्हें अब अपनी शादी की सोचनी चाहिए .....। मृदुला बुआ कह रही थी , कि मेरे नज़र में एक बहुत ही होनहार लड़का है तुम चाहो तो मै बात आगे बढ़ाऊ । बेटी की ऐसी मनोदशा से माँ अनजान थी । माँ सोच रही है कि ऐसी बात से सोनालिका के लिए अब सबसे खुशियाँ देनी बाली बात होगी । असली हकीकत से माँ बिल्क़ुल अनजान है ।
इसी बीच माँ उसको एक फोटो पकड़ाती है । वह फोटो साहिल का ही है , जो कुछ दिन पहले ही मृदुला बुआ माँ को पकड़ायी है ।
सोनालिका फोटो की लिफाफे बिना देखें ही ड्रावर के अंदर रख देती है । उसे तो बस वहीं साहिल और साहिल ही दिखाई दे रहे है। वह किसी और फोटो में क्यों दिल चस्पी ले भला । ये सोच उसे नोर्मल रहने ही नहीं दे रही थी । उसे कोई और के फोटो वगेरह से कोई दिलचस्पी नहीं है । वह साहिल के लिये ही बस अब कुछ भी सोच सकती है ।
वह बस अब नॉरमल हो कर साहिल को जानने का प्रयास... करेगी । अगले दिन से वह एक सामान्य जिन्दगी जीना शुरू कर दी है ,पहले के तरह वह अब तैयार हो रेगुलर ऑफिस जाना स्टार्ट कर दी है । सेम समय , सेम रास्ता और सेम ऑफिस हमसफ़र के साथ चेनजिग बस इतना हुई कि पहले दोनों को दोनों फूटी आंख भी नहीं सुहाता थे अब दोनों सिर्फ मुस्कुरा भर रहे है । लगातार ऐसे ही सफर जारी है .....।एक शाम लौटते समय रिम-झिम बारिस स्टार्ट हो गई । दोनों आनन - फानन में घर पंहुचना चाह रहे थे , पर पहुँँच नहीं पाये ।बारिश तेज हो जाने की वजह से साहिल ने मुस्कुरा कर सोनालिका को एक प्याली कॉफी के लिये ... पास के ही रेस्टुरेंट में चलने का ऑफर दे डाली । सोनालिका को भी लगा जैसे इसी बात का इंतजार था उसने भी झट मुस्कुरा कर ऑफर स्वीकार कर ली ।
दोनों लगभग आधा भीग गये है । दोनों ही बहुत रोमान्टीक दिख रहे है ....।दोनों को ही लग रहा है कि जैसे पुरानी मुरादें पूरी हो गई है । लेकिन बात - चीत के नाम पर बस मुस्काना और नजरो से ही बात - चीत हो रही है । दोनों की कॉफी कब खत्म हुई पता ही नहीं चली । कोई बात चित रोमांस बाली स्टार्ट नहीं हो पाई । दोनों ने ही बारिश खतम हो अब घर चलने चाहिए ...जैसी बाते की.. फिर दोनों अपने अपने घर की तरफ की ओर चल देते है ...
अब ऐसी खूबसूरत शाम अक्सर ही इन दोनों के बितने
लगी है, पर हेलो हाय बाय ,चाय, कॉफी से ज्यादा बातचीत नहीं हो पा रही है ।लेकिन दोनों को साथ समय बिताना अब बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा है ।
अब सोनालिका अपने घर में अक्सर ही रोमांटिक संगीत सुनते या गाते दिख जाती है ।बेटी को इतने खुश देख माँ पापा को बहुत्त ही ख़ुशी होती है ...., फिर वे सोचते है काश बेटी अब कैसे भी साहिल को पसंद करके बताती तो मेरे माथा को ज्यादा ही गुड फील महसूस होते । पर इतने दिन हो गए साहिल के फोटो का तो जिक्र भी नहीं की है सोनालिका ने ।
कितना अच्छा होता अपनी एकलौती बेटी का शादी संपन्न हो जाती तो कितना अच्छा महसूस होता दोनों को। ।
इधर साहिल सोचता है अगर मै सोनालिका को शादी के लिए पसंद होता तो शायद ...इतना ज्यादा पास होके सोनालिका के मिलने के बावजूद तो मुझे अपनी पसंद का मुहर लगाती मेरे लिए ....। मेरी माँ के मेरे फोटो भेजे भी तो महीनों बीत रहा है ...। जब वो जानी थी जेल की सजा सिर्फ और सिर्फ सोनालिका के वजह से खत्म हुई थी ।वो तो उसी समय मेरा फोटो उनके पास भेजे थे ।
वे लोग तो अपनी बहु उसे तब से ही मान बैठे है । वे लोग भी तो बस सोनलिका के बस हाँ कहने के इन्तजार कर रहे है ।
सेम हाल ही सोनालिका के माँ पापा का है । कि कब सोनालिका बेटी हाँ कहे ।
इधर सिनलिका सभी बातों से अनजान बस साहिल संग रोमांस करने के यादो में ही मगन रहती है ।
एक शाम। एक सुनसान रास्ते में.. जोड़ो की बारिश शुरू हो जाती है ।दोनों एक पेड़ के नीचे बारिश से बचने के लिए रुकते है । दोनों कुछ ज्यादा ही पास आ जाते है । बारिश जोरों से हो रही है । बारिश के वजह से वतावरन में ठंडी हवाये जोरों से चलने लगी है । दोनों की सांसें साफ सुनाई दे रही है । दोनो के धड़कन जैसे एक साथ धड़क रहे है ।
दोनों के चेहरे और पास आते जा रहे है ...होठों में फासले बहुत ही कम रह गया है ...दोनों ही बहुत और बहुत पास आने ही बाले है कि सोनालिका का फोन की घंटी बज उठती है ... और दोनों सहज़ हो जाते है ..,सोनालिका की माँ का फोन आया है । वह उन्हे बताती है कि बारिश के वजह से उसे लेट हो रहा है ...साथ में उसके एक कलिग साहिल भी साथ में है ...।