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परियां

11 जनवरी 2022

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🌺🌺🌿परी ! जिसकी कल्पना एक अति ,- सुंदर  वाला के रूप में होगा । वहीं तो थी वो ,  नाम  था प्रीती  । नाम  के अनुसार ही काम , जो एक बार उनसे  मिल ले , तो उसी से उसको प्रीत हो जाए । 
      
         परी सी  प्रीति को एक राज नाम के , राज कुमार सा -  दिखने वाले युवक से  नजरे चार हो गई । दोनो मे प्यार हो गया । दोनों साथ- साथ जीने - मरने की कसमे  खाने लगे  ।  समाज और घर बाले को मना कर  , वे  दोनों पवित्र अग्नि के सामने  शादी करने की वचन ले लिये । 

       दूल्हे की माँ को  इस शादी से  , और होने बाली दुल्हन की सुन्दरता ने ऐसा मोहा कि , उन्हें  बेटी नहीं होने का गम , मलाल   आज मिट गया । दूल्हे की माँ , परी सी सुंदर प्रीति को कब अपने घर लाये , इस  जुगत में जुट गई है  ।   
प्रिती और राज के 
आनन -फानन में एक पंडित की सहायता से शुभ विवाह का दिन रखा गया है । शादी  की तैयरी जोर- शोर से  शुरू हो गई   ।  सारा कार्य - भार  दूल्हे की माँ खुद सँम्भालने में लगी है , क्योंकि वह  प्रिती की शादी  अपनी  बेटी की तरह करना चाहते है , क्योंकि उन्हें कोई बेटी नहीं है ।  उन्हे ये जिम्मेदारी लेने ,  एवम्  इस कार्य  को   पूरा करने  की  सोच मात्र मे ही बहुत सकुन  महसुश हो रही  है  । तो ये  कार्य करने में तो और मज़ा आने वाला है ।  बेटी की शादी के तरह सारे शादी में होने बाले खर्च दूल्हे माँ उत्साहित होकर कर रही है ।

एक  भव्य  रिसोर्ट  की व्यवस्था  की गई है ।  जिसमे शादी एवं शादी की सारे रस्म इसी रिसोर्ट से होने बाले  है । सारे खर्च दूल्हे की माँ उठा रही है , आखिर वह प्यारी परी सी प्रिती की शादी अपनी बेटी के तरह जो कराने बाली  है ।

    एक हप्ते पहले से ही सारे स्वजन रिसोर्ट में आने लगे है ,कोई भी रिवाज निभाने में कोई कमी ना हो जाये , इस लिए प्यारी प्रिती के घरबाले को भी पहले से ही बुला लिया गया है । सारी अरेंजमेंट भव्य एवं राज - सी  है । संजोग ऐसे बन पड़े है कि , दोनों के बर्थ - डे भी इसी सप्ताह में होने बाली है  । शादी के रस्म के साथ - साथ दोनों के जन्मदिन भी धूम - धाम से इसी रिसोर्ट में मनाया जा रहा है । यानि खुशियाँ डबल होने बाली  है  । 

        बर्थडे के धुन पर  डान्स का प्रोग्राम  को कोई मीस नहीं होने  दे रहा है । दूल्हा , दुल्हन  सहित होने बाला नृत्य का  ये प्रोग्राम इतने मन - भावन है  कि  हर कोई अपलक उसे ही निहार रहे है । दोनों की जोड़ी कृष्ण - राधा के जैसे लग रही है ,  जो इतने भीड़ में भी अलग दिख रहे है , जैसे गोपियो  के नृत्य   के बीच में भी राधाकृष्ण की जोड़ी ।डबल उत्साह के साथ जन्म दिन संपन्न हो गये है ।

   अब शादी की रस्म शुरू हो गई ।    दूल्हा की माँ और दुल्हन की माँ जैसे फ्रेंड हो गये है । दोनों मिलकर रस्मो को ऐसे निभा रहे  है , जैसे एक ही परिवार के सदस्य हो ।


हल्दी का प्रोग्राम में दूल्हा , दुल्हन को इकट्ठा  कर एक साथ ही यह प्रोग्राम निभाया जा रहा है  । दोनों तरफ के  संस्कृति को निभाते हुये , दोनों तरफ के  लोकगीत को गाते  हुए , हसीं  - मश्करे  करते हुए ये प्रोग्राम और ज्यादा दिलचस्प दिखाई और सुनायी  दे रहे है । तरह - तरह के शरारत भरी लोकगीत पर भाभियाँ आदि ठुमके भी लगा रही है । माहौल मस्त है।

आज दूल्हा - दुल्हन को मेहन्दी लगाने का प्रोग्राम रखा गया है । रिस्तेदार गाने - बजाने में लगे है । रिश्ते में लगने बाली भाभियाँ , दीदी आदि  इतने मनमोहक डान्स में लगी है ,  जिसे देखने में  और  सभी लोग मंत्र - मुग्ध हो रहे  है । 

     सारे रस्म हंसीं -ठिठोली करते हुये बीत रहे है । माहौल सचमुच के परिलोक जैसे ही  है । बस हसीं और खुशी के सिवाए कुछ नहीं ।

आज   मेहंदी के  रस्म में क्या बड़े , क्या छोटे ,सभी  अपने- अपने  हाथो  पर  एक से एक खूबसूरत दिजाईन की मेहंदी रचवा रहे है । सुर्ख मेहंदी अपना डिजाईन का रंग बिखेरने लगी है ।

परी और राज , सबों को इतने उत्साही देख , फूले नहीं समां रहे है । नाचने - गाने का सिल - सिला थमने का नाम नहीं ले रहा है । सबों  के चेहरे पर गज़ब की तृप्ति एवं चमक है 
। नाचते, झूमते , गाते  ये रस्म भी संपन्न हो गई ।


आज सबो के लिये सबसे खुखी का  दिन है , आज दोनो का शुभ विवाह है । आज   सबों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं  है ,  सबों के चेहरे  की काँती देखते ही बनती है। सभी एक से एक गहने और कपड़े से लदे है , लेकिन प्यारी प्रिती का कहना ही क्या  गुलाबी लहंगा में वो  जो  गज़ब ढाती है ,  उसका क्या कहना । उसके चलने से लगती है जैसे  गुलाबी  बयार चल रही है , फूलो की खुश्बू बि - खेरती हुई । 

सखियाँ दीप ,फुल की माला लिये चल रही है  वरमाला के रस्म के  लिये । प्यारी परी सी प्रिती ओर सखिया चलते हुए ,अति सुंदर लग रहे दूल्हा जी राज  के पास पहुचाती है । जो इसी  इंतजार  में पलके बिछाये हुये - सा लग लग रहे है , मन्द  मंद मुस्काते हुये ,  अपलक निहारे  जा रहे है , आती हुयी परी सी प्रिती को  ही । ये घड़ी ऐसे बीत रही है  , जैसे परिलोक से धरा पर उतरती हुई सचमुच  की परी।

  वरमला स्टेज की सुन्दरता मंत्र मुग्ध करने बाली है । खूबसूरत फूलोँ के माला से दोनों एक - दूसरे  को माला पहनाते है । तालियो की  गरगराहत से  पूरी कैंपस गूंज जाती है  ,खूबसूरत   फुलो की जैसे बरसात शुरू हो जाती है । दूल्हा - दुल्हन तो जैसे आँखों  ही आँखों में  बातें कर  रहे है , दोनों एक दूसरे को आँखों में ऐसे देख रहे है । दोनों मंद मंद  मुस्काते हुये ऐसे दिख  रहे है , जेसे गुलाब  की कलियाँ अभी अभी खिली हो  । 


    शादी इतनी हंसीं  ख़ुशी मे बीती की , समय का पता ही नहीं चला । भारतीय संस्कृति  की कोई  भी शादी तो वैसे भी मजेदार होती है , लेकिन  प्रिती की शादी का कहना ही क्या  ? 

बिदाई की बेला भी कितनी जबरदस्त है कि देखते ही बनता है , किसी राजकुमारी के तरह  फूलों   से बिछे  हुये चादर बाले  रास्ते  पर जब वह दोनों  चलते   है तो दुल्हन के पायल की घुन्घुरू की आबाज की मधुर ध्वनि  वतावरन को जैसे मीठी  रस घोल दे  रहे है । छ्न - छ्न करती  हुयी   जब वे दोनो चलते है तब दोनो ओर से फुलो की  बरसात की जा रही है , जब वो फूलो से  सजी हुई  गाड़ी के पास तक  आते है  , वातावरन खुश्बु से भर जाते है । विदाई के वेला में सबों के आँखों में आँशु आ जाते है । दूल्हे की माँ समझाती है , बेटी एक माँ को छोड़ दूसरे माँ के पास जा रही कृपया कोई दुःखी न होए । 

ससुराल में प्रिती के आगमनको  भव्य  तैयारी हो रही है  गाजे बाजे बजते हुये , रंग - विरन्गे फुलझरी , पटाखे की आबाज ऐसे हो रही जैसे दिवाली  , ससुराल का महल - नुमा घर रन्ग  - विरन्गे लाइट से सजा हुआ ,  दुल्हन - सा  ही तो  दीख रहा है । प्रिती का घर में पदार्पन मनो घर को स्वर्ग ही बना दिया है ।  पूरे मिलाकर जेसे स्वर्ग मे दिवाली।


सुहाग सेज ऐसे सजे है , मानो स्वर्ग की बगिया   हो और प्रिती स्वर्ग की अप्सरा  ।


सासु माँ अपने कथनानुसार सही में एक माँ ही बनी रही , बहू के आते ही ,उसे घर की पूरी चाभियां थमा कर अपनी निचश्चन्तता दिखाने लगी ,बहु को सर्वें - सर्वा मालकिन घोषित कर दी । बेटी से भी ज्यादा वेल्यू सासु माँ ने ,  सचमुच में दी प्यारी प्रिती  को । 


घर के सदस्य तो सभी प्रिती से बहुत खुश थे ही ,स्वजन और रिश्तेदार के लिये भी प्यारी  प्रिती एक आदर्श बहु के रूप में जाने  ,जाने लगी है हर किसी के लिये आदर्श ।  आस - पास के भी सभी  , सही सलाह के लिए प्रिती से सुझाव लेने लगे है । अपने बिजनेस में भी सही मार्गदर्शन कर प्रिती अपने करोबार को विस्त्रित कराने में हेल्प करने लगी है । कूल मिलाकर एक ऑल राउंड गर्ल है वो । नौकर - चाकर अपने मालकिन से इतने संतुष्ट है कि मालकिन के एक वचन  ही काफी है । एक दिन  घर के एक बुजुर्ग नौकर रामा  का बेटा करन को ,  एक  दुर्घटना होने से खून चढ़ाने की जरुरत हुयी  । तत्काल उन्हें खून की जरूरत थी , हॉस्पिटल में भी खून उपलब्ध नहीं होने से मालकिन प्रिती  ने तुरत ही अपना खून देने के लिए तैयार हो गई , जिसका  ब्लड ग्रुप ओ पोजेटिव था ,जिससे करन का जान बचाना सम्भव हो पाया । ऐसी है वो प्यारी प्रिती  मालकिन  । 

आज शादी को दो साल हो गए है , सबो को लगता है प्रिती कल ही हमारे बीच आयी है , समय पंख लगा कर ऐसे उड़ रहा है । 
आज प्रिती अपने जैसे ही ,  सेम एक प्यारी परी की माँ बन गई है ।  घर में खुशियाँ की लहर छा गई है ।  बच्ची  के लालन - पालन में सभी अपना योगदान दे देना चाहता है, हर कोई बच्ची को प्यार करना चाहता है । बच्ची को प्यार करने के लिये और खिलाने के लिए , हर कोई ही ललाईत रहता है  , उसे पाने के लिये हर किसी में होर मची रहती है । सभी सोचते है बेबी को मै ज्यादा प्यार करता हूँ ,  इसलिए बेबी मेरे पास होने चाहिए।  दादी  तो जेसे खुशी से फुले नही समा रही है । हो भी क्यो नही बर्षो बाद घर मे बेटीयाँ   ने जो जन्म लिया है । इस तरह बेबी , हंसीं -  ख़ुशी से पलते हुये बड़ी होने लगी है ।  अब बेबी का नाम - करन होने बाला है । सबों ने विचार कर बेबी का नाम मृगनयनि रखा है  । अपने नाम के अनुरूप ही तो  थी वो , वेसी ही  सुन्दर ...।  
अब बेबी के स्कूल जाने की तैयारी होने लगी है । शहर के सबसे  प्रतिष्ठापित स्कूल में बच्चे का नामांकन हो जाता  है  ।   बच्ची नियमित स्कूल जाने लगती  है ।  बच्ची , होनहार -  सी पढ़ाई पर ध्यान देने लगती है । समय पंख लगाये उरा  सा रहा है ।  प्रिती बच्ची पर खूब ज्यादा ध्यान दे रही है  ।  बच्ची की  परवरिश    बहुत ही अच्छे ढंग से की जा रही है ।  सासु माँ का उत्साह देखते ही बनता है ।


बच्ची  मृग नयनी अब पाँच साल की हो गई है ।  जब वह  खेलती - कुदती है तो आसपास ऐसा लगता है , जैसे बगिया में चहकती बुलबुल चिरिया । 


अब एक और सुंदर सी परी , मृग नयनी की बहन बन चुकी है । परिवार पूरा हो चुका है ।  सभी बहुत ही ज्यादा खुश है । छोटी सी सुंदरी बच्ची का नाम कस्तूरी रखा गया है । अब दोनों इतनी बड़ी हो चुकी है , कि साथ स्कूल जाने लगी है ।  दोनों बहन में प्यार बहुत प्रगाढ़ है  । दोनों साथ हँसते - खेलते , पढ़ते - लिखते , खाते - पीते  स्कूल जाती बड़ी हो रही थी । 

एक दिन प्यारी प्रिती दिख नहीं रही है सभी को  , सभी बहुत परेशान हो रहे है , रोने - धोने लगे है   गायब हो गई  क्यों वो ?  सभी के नज़र भर गये है  । 

इनती खूबसूरत,प्यारी ,अच्छी सी , थी वो । सबों का भला करने बाली ,चाहने बाली । कहाँ गई वो , सबों की नज़र उसे ही ढूंढ़ रहे है । 

कोई कहता ,  अभी - अभी तो मैंने उसे यही तो देखा था , तो कोई कहता कि  अभी तो वह सीढ़ी से निचे ऊतर रही थी , सहेलियां कहती  है ,  कल ही तो वह मेरे साथ मॉल घूम रही थी ।  तो सासु माँ कहती है ,  अभी - अभी तो वह मेरे लिये खाने की प्लेट सजायी थी । माँ से कुछ घंटे पहले ही तो वह घंटो  बात की थी ,और बातों ही बातों में हंस - हंस कर लोट - पोट हो रही थी ।

सभी कहते है वह कहीं दिख नहीं रही है  ।    वह सचमुच की ही तो गायब ना हो गई है । हर कोई ही , तो व्याकुल है  उसे एक नज़र भर देखने के लिये । वह इस तरह से गायब हो गई  है ,  हर कोई ही तो , बहुत ज्यादा परेशान हो रहे है ।

वह इस धरा से गायब हो गई है । क्या वह सच - मुच की ही तो परी  नहीं  थी .........।


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परियां होती बेटियां जानने के लिये आगे पढ़ते रहें.. परियां आपको आसमां के सैर कराते मिलेगी.. औऱ आप आसमां में खोते... हुये.. 🌸🌸
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🌸☘️🌸प्यारी प्रीति की एक दोस्त है , उसके ही जैसी केयरफुल रहने बाली । उसका नाम है आरुषि । आरुषि भी सुंदरता की ही मूरत है । विचार , व्यवहार भी प्रिती के ही जैसा ।इसलिये शायद वो प्रिती की इत

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☘️💐☘️आरुषि तैयार होकर चाँद सी दुल्हन बन जाती है , देखने बाले , हर किसी की नज़र आरुषि पर ही थम सी जाती है । वह कोई स्वर्ग की अप्सरा सी लग रही है । संयोग ऐसे बन पड़े है

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🌻🦋🌻सोनालिका और साहिल दोनों ही अपने - अपने केरियर को लेकर बहुत परेशान रहता है । दोनों को ही बेस्ट केरियर चाहिए । दोनों की सोच भी लगभग एक सी ....।संतुष्टी में थोड़ी कमी । सदा दूसरो के लिये ज्याद

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🌻💐🌻सोनालिका कुछ रातो से सो नही पा रही है ,साहिल को हत्या के जुर्म में सजा हो जाती है । अब साहिल की सारी अच्छाई एक एक करके सोनालिका के आँखों में घुमने लग जाती है वो सोचने लग जाती है कि क

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🌿🌸🌿सोनालिका जब सुबह जागी तो, उसे रात बाली सारी सपने याद आ रही है , उसके जिस सपने में बस , साहिल ही साहिल है ,जिसमें वह कभी उसके साथ कॉफी तो कभी ठन्डई साहिल के साथ ले रही है।&n

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🥀🌴🥀सोनालिका के इंतजार में माँ परेशान हो रही है ।अँधेरा घिरने को है । बरसात के शाम वैसे भी जयादा अँधेरी दिखती है । बरसात मे लेट होने के वजह से सोनलिका कुछ ज्यादा ही तेज स्कूटी चला रही है । साह

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11 जनवरी 2022
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🍃💓🍃दीपावली नजदीक आ गई है माँ साफ सफाई में लग गई है ।बेटी सोनालिका को हिदायत मिलती है कम से कम वह अपना कमरा खुद से अच्छी तरह साफ करेगी ही ।इधर बेटी को घूमने और गप्पे लड़ाने से फुर्सत ही नहीं है

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11 जनवरी 2022
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🌿🌸🌿साहिल के सपने में भी बस सोनालिका और बस सोनालिका ही है। वह भी ऐसे ही सपनो में ही पड़ा रहता है ...और सोचता है जब माँ पापा बेटी सभी उन्हें पसंद करते है , तो कुछ बोलते क्यों नहीं है

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