आचनक से सोनालिका की स्कूटी स्लीप ,एक मोड पर मोड़ते हुए कर गई । इस वजह से फिर एक बार और लेट हो गई । इस कारण साहिल को भी रुकना पड़ रहा है ।रास्ते में थोड़ी सी फर्स्ट ऐड के वे दोनों अपने अपने घर आ जाते है । सोनालिका की माँ को बेटी को देख जान में जान आई । हल्की फुल्की खरोच देख माँ चिन्तित होने लगी तो
सोनालिका ने सभी सिरे से ख़ारिज किया और बताई कि उसके एक कलिग ने उसे फर्स्ट एड दिलाने में मदद किये है ।चिन्ता की कोई बात नहीं है अब । सोनालिका को उसकी माँ ने जल्दी जल्दी अपनी बेटी को गर्म दूध और हल्दी लेकर पिलाई ।सेम हाल साहिल के घर का भी है ।
गर्म दूध के साथ दोनों दोनों को याद करते है ।
दोनों ही दोनों की सुखद यादो में खो जाते है । फिर ऐसे ये दोनों भी सुखद सपने में खो गए।
सोनालिका को पेड़ के नीचे बाली बारिस याद आ जाती है ,और उनके रोम रोम में सिरहन सी आ जाती है ।ऐसे ही सुखद यादें दोनों को आते रहे है रात भर । सुबह फिर मिलेंगे हम इस इंतजार में एक सुखद सपनो में खो दोनों सो जाते है । सोनालिका फटाफट नहा धो ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गई , तो माँ ने कहा बेटी तुम्हें चोट लगा है तो एक दिन आराम कर फिर जाना ऑफिस ।
सोनालिका माँ को बताती है -माँ मैं ठीक हूँ ऑफिस मेरे कलिग ही मुझे छोरेगे । वैसे हम दोनों को एक ही जगह तो जाना है । पास बाली रेस्टुरेंट में वह मेरा इन्जार करेंगे ।मैं लेट हो रही हूँ । चलती हूँ माँ । कह कर वह ऑफिस चली जाती है।माँ भी सोचती साथ में कलीग रहने से अच्छा ही है, वैसे भी उसे चोट लगी है ।
सोनालिका और साहिल के जिन्दगी में जैसे पर लग गए है ।एक सेकण्ड वाइफ नामक रेस्टुरेंट में साहिल सच का पहले से ही सोनालिका का इंतजार कर रहा होता है ।
दोनोने एक एक प्याली गरमा गरम चाय ली फिर चल दिए ऑफिस के ओर । दोनों की बातें जैसे रास्ते भर में खत्म ही नहीं हो रहा है । इतनी ढ़ेर सारी बातें करने के लिए दोनों के पास है जैसे ।
ऑफिस के रास्ते खत्म हो गए ,लेकिन इनकी बातें खत्म ही नहीं हो रही है । ऑफिस में बस सिर्फ काम की ही बातें हो पाती है । दोनों में इतने नजदीकियां आ जाने के वावजुद भी ऑफिस में इस बात की भनक भी नहीं लगी है ।बस सिर्फ सब इतना जानते है कि दोनों के बीच करवाहट
कम हो गये है ।
अब ये लगभग रोजाना ही होने लगा है कि, सोनालिका अपने कलिग के साथ ही ऑफिस जाने लगी है ।एक बार माँ ने टोका भी बेटी... तेरी चोट तो ठीक हो गई है ...फिर भी तू खुद से नहीं जा रही है.....।इस बात पर सोनलिका कह जाती है माँ एक ही जगह तो जानी है फिर दो जगह तेल क्यों जले ...बेटी की बात भी माँ को जचा था ।
मा को अपनी बेटी पर पूरा विश्वास है । माँ इंतजार में है फोटो के बारे मे भी बेटी कोई निर्णय उन्हें सुनाएं ।
बेटी है जो फोटो को पलट कर भी नहीं देखी है .....।😄
माँ ऑफिस के कलिग को देखी नहीं है ।सोनालिका ने कभी मिलाने की जिक्र भी नहीं किया ।
साहिल सब बातों को जानते हुए अपने समय को फूल इंजॉय में लगे है ।वह तो बस जानना चाहता है कि सोनालिका सब जानते हुए ना ही कोई फोटो के बारे में कोई खबर भेजी और ना ही कोई जिक्र वह उनसे ही की है । फिर वह सोच को यूँ ही टाल जाता है ।
एक शाम माँ पापा दोनों ने ही सोनालिका और साहिल को एक रेस्टुरेंट में चाय पीते हुए देखा माँ को खुशी का ठिकाना नहीं रहा है । वह खुश हो उससे मिलाना चाह रही है ....।वह सोच रही है आखिर बेटी ने उसके दिए फोटो को पसंद कर ली ...। लेकिन बेटी ने अब तक उसे बताया क्यों नहीं । बेटी से तभी इस मिलने की चाहत को उनके पति रोका कहा ...जब बेटी तुम्हारे पसंद को पसंद कर रही इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है ।
उन दोनों ने उन्हें वैसे ही छोड़ घर चलें गए ।बेटी आधा घंटा बाद घर आई तो..... माँ से कुछ और बहाना बना गई
माँ को समझ नहीं आया...बेटी उनके पसंद के लड़के के साथ हो कर भी सच क्यो नहीं बता रहीं हैं । बेटी सोच रही है ,माँ आज इतनी ज्यादा पूछ ताछ क्यों कर रही है ।
माँ सोच ने लग जाती बेटी के सच ना बोल पाने के क्या कारन हो सकते है ।माँ ने सोनालिका के पापा हरी जी बात की , क्या मै बेटी से इस मामले में ठीक से बात कर सकती हूँ ...तो हरी जी ने सिरे से नकार दिया ये काम उन्होंने सोनालिका कोअप्ने मन सो बात जब भी करेगी उसी के ऊपर छोड़ देने बोलते है ।
इधर मस्त गुनगुनाते हुए सोनालिका के दिन रात कट रहे है ।घन्टों घंटो कॉलिंग कर बात करने में उसके बितने लगे है । वह भी सोच रही हैं कि माँ पापा से इस बारे में बात कैसे करें । वह भी उसी अधेरबुन में रहने लगी है ।
इधर सोनालिका सोचती जब तक घर बाले से इस रिश्ते को मंजूरी ना मिलेगी ऑफिस स्टॉफ से छुपा के रखेंगे ।
ये दोनों बस अब सबसे छुप छुप इश्क फरमाने लगे है ।
कहा भी गया है इश्क मुश्क छुपाते नहीं छुपते तो बस इनके ऑफिस में भी अब यही हो रहा है । ऑफिस में हर ओर यही गोसिप हो रही है । और सबके मनोरंजन के किस्से बने हुए है ।
अब अक्सर ही दोनों सबसे छुप कर मिलने लगे है दोनों ही सेटल है। ज्यादा चिन्ता दोनों को ही करने की जरुरत नहीं हो रही है । जिन्दगी आगे भी विंदास ही होने वाली है ।
बेटी की इश्कबाजी के किस्से माँ तक भी पहुचने लगे है पर माँ कैसे सबको समझाये कि ये लड़का उन लॉगो ने ही पसंद किये है .......।
आगे दोनों के शुभ विवाह की तैयारी होगी शायद 😄
🙏🏻