वो सोचने लग जाती है कि कैसे साहिल को इतने तंग करने के बाद भी और कितने ज्यादा इग्नोर करने के वावजुद भी साहिल ने सोनालिका को कभी बुरा नहीं माना और बस हंसी में ही टाल गया ..…। उसे रह रह कर साहिल पर दया आने लगती है।अब साहिल का चेहरा उसे दुनिया में सबसे प्यारा और सलोना लगाने लगा है ।
पता नहीं जिस साहिल को वो एक पैसा वैल्यू नहीं दिया , वो चेहरा उसे इतना ज्यादा प्यारा क्यो लगने लगा है कि ,उसके अलावा उसे कुछ और दिख ही नहीं रहा है । जब से ये घटना घटी है , तब से वह ऑफिस भी नहीं जा पायी है वह खुद सामान्य महसूस नहीं कर पा रही है। उसके घर बाले भी पूछ - पूछ थक गए है कि उसे हुवा क्य है ? वह सच का कुछ समझा नहीं पा रही है । अपने बच्ची सोनालिका को इतने ज्यादा परेशान उसके माँ - पापा ने भी पहले कभी नहीं देखा था। माँ के पुछने पर सोनालिका टाल जाती है । सोनालिका खुद को नोर्मल महसुस नहीं कर पा रही है। उसके ऑफिस से भी बुलावा आने लगा है । पर वह ऑफिस भी एटेन्ट नहीं कर पा रही है ...।
वह थक - हार कर माँ पापा से बात करती है , और इस मामले में जड़ तक जाना चाह रही है ,उन्होंने वे सारी बातें अपने पेरेंट्स को भी बताई । पेरेंट्स इस मामले में बेटी को दूर रहने की सलाह दिए है ...। पर बेटी इस मामले में हटने से टस से मस नहीं हो रही है । माँ - पापा भी थकहार कर बेटी के बातों में स्वीक्रिती दे जाते है । सोनालिका का सर का भार जैसे कम होने लगा है । सोनालिका आज रात चैन की नींद सोयी है । वो ठान चुकी है कि वो साहिल को इन्साफ दिला के रहेगी । आज रात के सपनो में भी कई बार साहिल आ- आ कर उससे गुफ़्तगू कर गया है ...। कल सुबह ही वह फ्रेश होकर सबसे पहले उस इलाके की पुलिस स्टेशन गई ..।आज पुलिस स्टेशन भी वह अकेले आई है ।अपने पेरेंट्स के मात्र स्पोर्ट्स से उसे लग रहा कि कितनी ताकत आ गई है । हर माँ पापा को अपने बच्चों का हर अच्छे मामले मे सपोर्ट जरूर करने चाहिए ।
उन्होंने पुलिस पदाधिकारी को समझाया कि ..,मैं उस घटना की चश्मदीद गवाह हूँ ।और उन्होंने वो पूरी घटना पुलिस को सुनाई । पुलिस ने सोललिका के आग्रह पर उस रोड से पीछे बाली रोड में, लगे हुये C C T V को खनगलबाये पर घटना बहुत स्पस्ट सा नहीं दिख पाया । लेकिन रोजाना सफर करते हुये सोनालिका और साहिल जरूर स्पष्ट सा दिख रहे है । पुलिस को बहुत ज्यादा गंभीर ना होते देखा तो वह उस अजनबी लड़की के पोस्ट मार्टम के दौरान उस लड़की से प्राप्त सामान में से उस हीरे की अंगूठी का जिक्र कर के वो इस मामले में पुलिस की उत्सुक्ता को बढ़ाई....। उसने फिर हाल ही में हुए एक ऑफिशियल पार्टी में जिसमें साहिल वो अंगूठी अपने रिंग फिंगर में पहनें हुए है दिखाती है, जो फोटो उनके मोबाइलमे सेवा है । सोनालिका ने अपने फोन से वह फोटो दिखाई ....तब कही जाकर पुलिस सकते में आयी ...। इस बंद हुए उस लुटेरी लड़की का सामान फिर से खंगाल कर पुलिस को वस्त्विकता समझ में आई ... । सेम यही बातें साहिल ने भी बार - बार कहकर पुलिस को समझाने की कोशिश की थी ...परंतु पुलिस ने इसे सिर्फ गुनाहगार का पल्ला झारना ही समझा था ,और कुछ सबूत भी इसके साथ नहीं मिले थे उस वक्त । सोनालिका ने पुलिस को समझाया कि कैसे वो हप्ते भर से अपसेट सी है , आज अपने पेरेंट्स के स्पोर्ट से कुछ करने और कहने लायक हुई है ।
अब तत्काल ही पुलिस एक्शन में आई । और उस घटना को अपनी सुरक्षा में किया गया , अपने बचाव में किया गया घटना क्रम बता कर साहिल को वेल दे जाती है ।ये सारे कार्य के दौरान सोनालिका डटी हुई सी पुलिस को हेल्प करती जाती है । यहाँ तक कि जब पुलिस साहिल को जेल से छोड़ती है , उस समय भी कारागार के पास भी वह उनके साथ रहती है ।जब सोनालिका को पूरा विश्वास हो गया है कि साहिल अब बिल्क़ुल सुरक्षित है , तो ही वह अपने घर जाने को मुड़ती है । इतने में फट से सोनलिका के सामने आकर ,साहिल ने मुस्कुरा कर सोनालिका का धन्यवाद किया है , प्रत्युत्तर में सोनोलिका बस मुस्कुरा भर दी है ।
आज इतने दिनों से पड़े सर का भार सोनालिका के सर से हटा है । आज वह सचमुच का मुस्कुराई है ।
आज हप्ते भर बाद वो ऑफिस गई है । ऑफिस में हर कोई आज बस सोनालिका का ही चर्चा कर रहे है ...। सभी बस सोनालिका को उसके अच्छे कार्य के लिए बधाई दे रहे है।
लगता है इस कुछ दिनो में सोनालिका को बहुत ज्यादा ही प्यार हो गया है साहिल से ....।
ऑफिस मे जब तक रही वो , उसे अपने काम में पूरा मन नहीं लग पाया । घर आकर भी वह बस और बस साहिल को ही सोचे जा रही है ।
आज बेटी की खुशी और कार्य देख माँ बाप भी खुशी महसूस करा रहे है ।
अब बेटी सामान्य सा जीवन जीएगी कुछ सर पर बोझ लेकर के नहीं... इस बात से भी वे दोनों खुश हो रहे है ।
आज सब चैन से सोयेगे माँ सोच खुश हो रही है .....। पर ये क्या आज माँ फिर आधी रात को बेटी को बैचैनी में अपने कमरे में घुमते - टहलते देखा ...है । अब माँ समझ नहीं पा रही है ...ऐसा अब क्यों ?
सोनालिका को पता नहीं क्यो ? बस और बस सिर्फ साहिल ही दिख रहा ...इस सोच से उसके चैन अब गायब हो गए है... । पता नहीं ये आग सिर्फ इधर से ही है या साहिल के तरफ से भी ...। ये सोच - सोच सोनलिका परेशान हुए जा रही है ...। ओह गॉड प्लीज़ ये आग काश दोनों तरफ से ही हो ....।
अब तब तो ही कुछ काम चलें ....।
अब बस इसी प्रार्थना के साथ सोनालिका अपने बिस्तर पर आ, करवट बदलते - बदलते जाने कब सो जाती है ......।