स्वाति और विवेक किसी दोस्त रोहन के यहाँ dinner पर जाते है।
स्वाति ने कहा- खाना बहुत अच्छा था पूजा भाभी।
विवेक- सच मे भाभी खाना बहुत अच्छा था।
जब पूजा सभी के साथ बैठ जाती हैं
रोहन गुस्से मे बोलता- यहाँ क्यू बैठी हो जाओ किचन मे कुछ काम होगा।
विवेक ने कहा- रुक जाओ भाभी। क्यू रोहन तूने मुझे इसलिए बुलाये ताकि हमलोगो के सामने इन्सल्ट कर सको।
रोहन- अरे यार ये यहाँ क्या करेगी बैठ कर।
विवेक- अरे यार यही तो तेरे घर की देवी। इतना अच्छा खाना बनाया और हमें खुश कर दिया। जैसी भी हैं तेरी बीवी हैं।
रोहन- सॉरी यार!