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Poetry ( कविता )

11 मार्च 2022

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ये बैचनी ये तलब ये आशिकी

कभी उतर न सकेगा मेरे सर से

इसलिए मैं वादा करता हूं

मैं तुम्हें भूल जाऊंगा

ये दोस्ती ये मोहब्बत ये प्यार

सब छलावा है एक उमर से

मैं वादा करता हु 

 मैं तुमसे जुदा हो जाऊंगा

ये झूठ है की मैं लिखता हूं

मैं कभी अच्छा लिखता ही नहीं

एक तूने कहा था खुद पे गजल लिखे को

और मैं हूं की एक विशाल कृतिकार भी न बन सकी

इसलिए मैं वादा करता हूं

मैं तुम्हें भूल जाऊंगा

ये सच है की मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता

पर सच तो ये भी है की मैं तुम्हे पा नही सकता 

तुम्हे रोज रोज तंग करना हमें भी अच्छा नहीं लगता

न जाने तुम झेल कैसे लेते हो जाना

इसलिए मैं वादा करता हूं मैं तुमसे जुदा हो जाऊंगा

मैं वादा करता हूं मैं तुम्हें भूल जाऊंगा

  नाम - विशु किंग

    इंस्टाग्राम I'D- @SINGERVISHUKING

 

शीर्षक- *मां 

* की ममता के आंचल से बंधे हैं हम

की ममता के आंचल से बंधे हैं हमकी ममता के आंचल से बंधे हैं हम

 जो वो छुटा तो टूट जाएंगे हम

 दूर होके भी दिल धड़कता है उनका मेरे सीने में

 जो माँ रूठ गई तो

 मर जाएंगे हम,

 माँ की हाथो की रोटी जो देती है सूकुन

 उसके आगे जन्नत भी फिका पड जाएगी कम

 माँ के बगल में बैठ के बाते करना

 ऐसा लगता जैसा पूरी दुनिया हमारी,

 माँ के कदमो में हम

 वो माँ, जान है हमारी

 उसके जिगर के टुकड़े है हम

उस पर आंच आने से पहले मुझसे टकरा के जाएंगे

 जिसको कहते हैं भगवान हम

 मां की विन्नते मिन्नते सेवा करेंगे,

 मरते दम तक

 आंखों से तेरी आंसू एक बुंद भी ना टपकने देंगे

 जब तक जिंदा है हम

 की माँ तुमसे सची महोब्बत करते हैं हम

 जो साथ छूटा तेरा तो मर जाएंगे हम ❤️🙏

 ✍️#शायरविशुकिंग

 इंस्टाग्राम- @SINGERVISHUKING

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