जीवन अतुलित सौन्दर्य से युक्त तथापुष्पों की अपरिमित सुगन्ध से सुगन्धित है,आवश्यकता है उस सौन्दर्य को मन की आँखों से निहार कर और उस सुगन्धि का हृदय सेअनुभव करके उनकी सराहना करने की... सब कुछ स्वयं ही अच्छा और अनुकूल लगने लगेगा...आपका दिन मंगलमय हो...
मन के साधे जीत है / मन के हारे हार मन हमारे हर कार्य में सहायक तो हो सकता है किन्तु यदि इसका भली भाँति मार्गदर्शन नहीं किया गया इसे अनुशासित नहीं किया गया तो यह हमें लक्ष्य से दूर ले जाकर हमारी समस्त सम्भावनाओं को नष्ट भी कर सकता है अतः मन की साधना सबसे पहले आवश्यक है