कहना था मुझे....
तुमसे मेरे ख्वाब जो मैंने अधुरे छोड़ दिएतुम्हारें परिवार को सम्भालते सम्भालते मैंने कई अपनो से रिश्ते तोड़ दिए
आज जो बैठी तुम्हारें साथ तुम्हें बताने अपने हालात
तुमने ऐसे मूंह मोड़ लिए। कि हूँ मैं कोई अंजान जिस्से तुमने
अनावश्यक हि रिस्ते जोड़ लिये......