हिमालय की छत्रछाया में- पूनम महाजन ( उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा सांसद की कलम से )अनुवाद - संजय अमान बापजी चले गए आज फिर एक बार मेरे सर से पिता का साया उठ गया। एकदम अकल्पनीय दुख का दूसरा आघात आज मुझ पर हुआ है। मेरा मन एक पल में भूतकाल में चला गया। भाजपा की स्थापना और मेरा जन्म एक ही वर्ष १९८० क